मुरादाबाद में शासन की टीम ने करोड़ों का घपला पकड़ा, छह एडीओ और 48 सचिवों के खिलाफ होगी कार्रवाई
Panchayat Fund Scam विशेष सचिव पंचायती राज शाहिद मंजर अब्बास रिजवी की अगुवाई में शासन से आइ टीम के प्रशासकों के कार्यकाल में करोड़ों रुपये का घपला पकड़ में आने के बाद आला अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। मंडलायुक्त ने स्थानीय अधिकारियों पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। Panchayat Fund Scam : विशेष सचिव, पंचायती राज शाहिद मंजर अब्बास रिजवी की अगुवाई में शासन से आइ टीम के प्रशासकों के कार्यकाल में करोड़ों रुपये का घपला पकड़ में आने के बाद आला अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। मंडलायुक्त आन्जनेय सिंह ने तो स्थानीय स्तर पर जांच करने वाले अधिकारियों पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। इसलिए लीपापोती करने वाले अधिकारियों को भी कार्रवाई का डर सताने लगा है। शासन से कार्रवाई होने से पहले ही पंचायत विभाग के अधिकारी स्थानीय स्तर पर कार्रवाई करने के लिए लगे हुए हैं। अब तक की जांचों में जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार प्रियदर्शी ने छह ब्लाकों के सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) और 48 सचिवों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है। सोमवार तक इनके खिलाफ कार्रवाई होनी तय है।
एडीओ हिसाब देने को तैयार नहीं, कागज लेकर सचिव गायबः शासन से आइ जांच टीम के अधिकारी भी सचिवों की मनमानी से बेहद खफा हैं। उन्हें ग्राम पंचायत सचिवों ने प्रपत्र ही नहीं दिए। कई सचिव को अधिकारियों से बहाना करके वापस ही नहीं लौटे। कुंदरकी की रतनपुर कलां ग्राम पंचायत का सचिव प्रपत्र लेने के बहाने चला गया, दो घंटे तक आया ही नहीं। इसे लेकर विशेष सचिव, पंचायती राज ने नाराजगी भी जताई। उप निदेशक पंचायत मुरादाबाद मंडल के द्वारा अगले दिन भी प्रशासकों के कार्यकाल के आय-व्यय का ब्यौरा मंगाने के लिए सचिवों को बुलाया गया। लेकिन, आए ही नहीं। इस पर टीम को बिना प्रपत्र की जांच किए ही लौटना पड़ा।
जिले के 55 गांवों पर तैनात सचिवों ने की मनमानीः डीएम शैलेंद्र सिंह और मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन के आदेश पर प्रशासकों के कार्यकाल के दौरान जिन गांवों में घपला होने की शिकायत मिली, उनमें 55 गांव ऐसे मिले, जिनमें सचिवों ने पूरी तरह से ग्राम निधि की लाखों रुपये की धनराशि को निकालकर ठिकाने लगाने में मनमानी की है। इसके लिए पूर्व में यहां तैनात रहे जिला पंचायत राज अधिकारी के अलावा तत्कालीन सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) भी जिम्मेदार हैं। बिलारी के रूस्तमपुर सहसपुर गांव की बात करें तो यहां पंचायत भवन की मरम्मत का काम अभी हो रहा है। लेकिन, यहां 8,44,000 रुपये खर्च करके तीन वाटर कूलर लगवा दिए गए। ढकिया नरू गांव में वाटर कूलर के नाम पर तीन लाख 80 हजार रुपये और स्ट्रीट लाइटों पर 26000 हजार रुपये खर्च हुए हैं। लेकिन, पंचायत भवन अधूरा है। सबसे अधिक धनराशि का दुरुपयोग छजलैट, कुंदरकी और मूंढापांडे ब्लाक में हुआ है।
क्या कहते हैँ अधिकारीः जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जिन प्रशासकों के कार्यकाल के दौरान गड़बड़ी की है उनका पता लग गया है। प्रशासकों का कार्यकाल खत्म होने के बाद धनराशि निकालने वालों की सूची बन चुकी है। जिला पंचायत राज अधिकारी ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट दे दी है। ग्राम निधि की धनराशि का दुरुपयोग करने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।