सावधान! स्क्रीन टाइम छीन रहा है बच्चों की आंखों की रोशनी, डायबिटीज के मरीज भी रहें सतर्क
मुरादाबाद आप्थेल्मिक सोसाइटी की सीएमई में आंखों की बीमारियों पर चर्चा हुई। आधुनिक जीवनशैली और स्क्रीन टाइम बढ़ने से आंखों की समस्याएं बढ़ रही हैं। बच् ...और पढ़ें

आप्थेल्मिक सोसाइटी की वार्षिक सीएमई एवं अधिष्ठापन समारोह में मौजूद डाक्टर
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। मुरादाबाद आप्थेल्मिक सोसाइटी की सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) में आंखों की बीमारियों, उनके समय पर निदान और आधुनिक उपचार पद्धतियों पर चर्चा हुई। बदलती जीवनशैली, मोबाइल और कंप्यूटर का अत्यधिक इस्तेमाल, प्रदूषण और अनियमित दिनचर्या के कारण आंखों की समस्याएं बढ़ रही हैं। समय पर जांच और देखभाल से कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं।
आंखों की नियमित जांच जरूरी है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और मधुमेह (डायबिटीज) से पीड़ित मरीजों के लिए। डायबिटीज मरीजों को हर छह माह में अनिवार्य रूप से आंखों की जांच करानी चाहिए, क्योंकि शुगर बढ़ने से रेटिना प्रभावित होती है। समय पर इलाज न होने पर रोशनी तक जा सकती है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, ग्लूकोमा और मोतियाबिंद जैसी बीमारियों में भी नियमित परीक्षण जरूरी है।
होटल ग्रांड विलेज में हुई सीएमई में अलीगढ़ के प्रो. डा. अतीका सिद्दीकी ने आंखों से जुड़ी नई तकनीकों, उपचार के बदलते तरीकों और सावधानियों के बारे में बताया। लेजर तकनीक, माइक्रो सर्जरी, एडवांस लेंस इंप्लांट और रेटिना से जुड़े आधुनिक उपचार के बारे में बताया। कहा कि आज तकनीक इतनी उन्नत हो गई है कि पहले जिन बीमारियों में आंखों की रोशनी बचाना मुश्किल होता था, अब उनमें भी बेहतर परिणाम मिल रहे हैं।
नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि बच्चों का स्क्रीन टाइम बढ़ने से उनकी आंखों पर असर पड़ रहा है। ओपीडी में 10 प्रतिशत बच्चे कम नजर वाले आ रहे हैं। अभिभावकों को चाहिए कि वह बच्चों का स्क्रीन टाइम कम करें। हो सके तो उन्हें मोबाइल ही न दें। आंखों में धुंधलापन नजर आए तो फौरन नेत्र रोग विशेषज्ञ से परीक्षण कराएं। एडवांस लेंस की तकनीकी प्रगति और आधुनिक मल्टीफोकल विकल्पों पर भी जानकारी दी।
आभार 2024-25 अध्यक्ष डा. इरम परवीन ने जताया। संचालन डा. आशुतोष अग्रवाल ने किया। इसमें वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डा. पीके पांडे, डा. भगतराम राणा, डा. एके गोयल, डा. बृजेश कुमार, डा. गोपेश मेहरोत्रा, डा. विराग श्रीवास्तव, डा. अतुल नाथ, डा. अनिल कुमार सिंह, डा. प्रवीण कुमार सिंह, डा. कुशा यादव आदि रहे।
आप्थेलमिक सोसायटी के अध्यक्ष बने डा. प्रियसुमन रस्तोगी
मुरादाबाद आप्थेल्मिक सोसाइटी के वार्षिक स्थापना एवं अधिष्ठापन समारोह हुआ। 2025-26 के अध्यक्ष के लिए डा. प्रिससुमन रस्तोगी को चुना गया। सचिव डा. चंद्रशेखर केन, कोषाध्यक्ष डा. गोपेश मेहरोत्रा, चेयरमैन साइंटिफिक डा. आशुतोष अग्रवाल, उपाध्यक्ष डा. सचिन देव, संयुक्त सचिव डा. उपमा अवस्थी, डा. संजय चंदा, सदस्य साइंटिफिक डा. सुनील कुमार सिंह, डा. पंकज बादल, सांस्कृतिक सदस्य डा. ममता केन, एग्जीक्यूटिव सदस्य डा. पारुल, डा. अब्दुल कादिर अंसारी, डा. एलएस चंदेल, डा. प्रीना बजाज, डा. अजीत कुमार चुने गए।
इससे पूर्व 2024-25 अध्यक्ष डा. इरम परवीन ने अपने कार्यकाल के दौरान नेत्र रोग सेवा, सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम और वैज्ञानिक गतिविधियों की जानकारी दी। 2024-25 सचिव डा. प्रवीण कुमार सिंह ने गतिविधियों और तकनीकी प्रगति के बारे में बताया। कोषाध्यक्ष डा. कुशा यादव गोयल ने वित्तीय प्रबंधन का ब्यौरा दिया। इसके बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष डा. प्रिय सुमन रस्तोगी को कालर पहनाकर कार्यभार सौंपा गया।

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