घाव से ज्यादा गहरा 'जेब का जख्म': मुरादाबाद जिला अस्पताल में सीरम खत्म, कर्ज लेकर करा रहे इलाज
मुरादाबाद जिला अस्पताल में सीरम की कमी के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों को कर्ज लेकर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ रहा ह ...और पढ़ें

अस्पताल में लगी मरीजों की लाइन
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। जिला अस्पताल में एंटी रेबीज सीरम खत्म हो जाने से कुत्ते के काटे मरीजों को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को वजन के हिसाब से लगने वाली रेबीज सीरम बाहर के मेडिकल स्टोर से खरीदकर लानी पड़ रही है।
न्यूनतम 639 रुपये से शुरू होने वाली यह सीरम कई मामलों में 1200 से 2000 रुपये तक पहुंच रही है, जो आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। सरकारी अस्पताल में सस्ते और पूरे इलाज की आस में पहुंच रहे मरीजाें को बाहर से दवा लेने के लिए कर्ज लेने के लिए भी मजबूर होना पड़ रहा है।
पंडित दीन दयाल उपाध्याय संयुक्त जिला चिकित्सालय में रेबीज के एंटी सीरम नहीं होने से मरीजों को अस्पताल में केवल पर्चा बनाने और साधारण वैक्सीन लगाने तक की सुविधा मिल पा रही है। मरीजों को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल आने के बाद भी अपनी जेब से दवा खरीदने की मजबूरी झेलनी पड़ रही है।
शहर और ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में मरीज रोजाना जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। मरीजों का कहना है कि ईएमओ द्वारा पर्चे पर सीरम लिखे जाने के बावजूद उन्हें एआरवी सेंटर से बाहर भेज दिया जाता है। ऐसे में पहले गांव से अस्पताल आने, फिर बाहर से महंगी दवा खरीदने की मजबूरी मरीजों की परेशानी को और बढ़ा रही है।
अस्पताल में एंटी रेबीज सीरम खत्म होने का सीधा खामियाजा गरीब और मजदूर वर्ग को भुगतना पड़ रहा है। गंभीर घाव होने के बावजूद कई मरीज समय पर सीरम नहीं लगवा पा रहे हैं, जबकि कुछ लोग रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी के डर से मजबूरी में कर्ज लेकर इलाज करा रहे हैं।
कई लोग आवश्यकता नहीं होने पर भी सोशल मीडिया पर देखकर रिस्क नहीं लेने की बात कहते हैं, ऐसे में सीरम लगावाने के लिए खुद ही लिखवाकर ले जाते हैं, ऐसे में खरीदकर लाने पर हमारे वहां या टीका कक्ष में सीरम लगा दिया जाता है।
- मुकेश जैन, इंचार्ज एआरवी सेंटर जिला अस्पताल
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