₹17 लाख का झटका! WhatsApp पर मिला ट्रेडिंग का झांसा, कारोबारी हुआ ठगी का शिकार
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में ऑनलाइन ट्रेडिंग और निवेश के नाम पर एक बड़ा साइबर फ्रॉड सामने आया है। व्हाट्सएप मैसेज के जरिए संपर्क कर कारोबारी को मोटी ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों को निशाना बना रहे हैं। मोटे मुनाफे के चक्कर में लोग अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई गवां रहे हैं। सिविल लाइंस मिशन कंपाउंड के एक कारोबारी को आनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर ठग लिया। 17 लाख रुपये आनलाइन ट्रांसफर होने के बाद साइबर ठगों ने काल रिसीव करनी बंद कर दी।
अब महिला और एक अन्य का मोबाइल नंबर स्विच्ड आफ जा रहा है। सिविल लाइंस पुलिस ने इस मामले में महिला समेत दो के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली है। साथ ही थाने की साइबर टीम और क्राइम टीम को ठगों की जांच के लिए लगा दिया है। बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की जानकारी जुटाई जा रही है।
पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि अनजान काल, वाट्सएप मैसेज, फर्जी एप और इंटरनेट मीडिया के विज्ञापनों से सतर्क रहें। बिना जांच-पड़ताल के आनलाइन ट्रेडिंग या निवेश न करें और ठगी की स्थिति में फौरन 1930 हेल्पलाइन या नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज कराएं। इंस्पेक्टर सिविल लाइंस मनीष सक्सेना के अनुसार, ऐसे मामलों में साइबर यूनिट और क्राइम ब्रांच संयुक्त रूप से जांच कर रही है।
ट्रेडिंग के नाम पर 17 लाख की ठगी
सिविल लाइंस मिशन कंपाउंड निवासी युवक को छह जून को वाट्सएप काल और मैसेज के जरिए संपर्क किया गया। सामने वाले ने खुद को आनलाइन ट्रेडिंग विशेषज्ञ बताते हुए कम समय में ज्यादा मुनाफे का लालच दिया। शुरुआत में छोटी रकम निवेश कराई गई और खाते में मुनाफा दिखाया गया।
भरोसा बढ़ने पर युवक ने किस्तों में करीब 17 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद जब रकम निकालने की बात आई तो आरोपितों का मोबाइल नंबर स्विच्ड आफ हो गया। तब पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ और उसने सिविल लाइंस थाने में तहरीर दी।
फर्जी एप के जरिए शेयर बाजार में निवेश
कटघर के एक व्यापारी को इंटरनेट मीडिया पर शेयर बाजार में निवेश का विज्ञापन दिखा। लिंक पर क्लिक करने पर एक फर्जी एप डाउनलोड कराई गई। शुरुआत में 50 हजार रुपये लगवाए गए और कुछ दिनों में खाते में मुनाफा दिखाया गया। इसके बाद व्यापारी ने करीब 6.5 लाख रुपये और निवेश कर दिए। जब उन्होंने रकम निकालने की कोशिश की तो उनसे टैक्स और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर और पैसे मांगे गए। शक होने पर जांच की तो एप और संपर्क नंबर दोनों फर्जी निकले।
टेलीग्राम ग्रुप से क्रिप्टो निवेश का झांसा
मझोला के एक युवक को टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर क्रिप्टो करेंसी में निवेश का लालच दिया गया। ग्रुप में रोज मुनाफे के स्क्रीनशाट डाले जाते थे, जिससे युवक को भरोसा हो गया। उसने करीब 3.2 लाख रुपये ट्रांसफर किए। कुछ दिनों बाद ग्रुप अचानक बंद हो गया और सभी एडमिन के नंबर गायब हो गए। युवक को समझने में देर नहीं लगी। लेकिन, उसकी मेहनत की गाढ़ी कमाई को साइबर ठगों ने चूना लगा दिया था। इन मामलों की साइबर यूनिट जांच कर रही है।
इंटरनेट मीडिया के दौर में बहुत सर्तक रहने की जरूरत है। किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक नहीं करना है। वाट्सअप ग्रुपों पर डलने वाले किसी भी लिंक पर क्लिक न करें। साथ ही इंटरनेट मीडिया पर वह नंबर इस्तेमाल करें जो आपके बैंक खाते से जुड़ा न हो। अपनी पर्सनल जानकारी केवाइसी के नाम पर साझा नहीं करनी है।
- कुमार रणविजय सिंह, एसपी सिटी
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