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    UP Politics: लोकसभा चुनाव से पहले ही भिड़े कांग्रेसी, मुरादाबाद में पार्टीजनों के बीच खाई कैसे पटेगी?, कुछ ऐसा है यहां का हाल

    Updated: Mon, 26 Feb 2024 11:37 AM (IST)

    Lok Sabha Election 2024 News In Hindi सचिन चौधरी ने दानिश अली के खिलाफ बयान भी जारी किया है हालांकि कांग्रेस का एक गुट खुद सचिन चौधरी को भी नहीं पचा पा रहा है। उसने प्रापर्टी बेचने में घिरे चौधरी की रिपोर्ट हाईकमान को भेजने की तैयारी कर ली है। माना जा रहा है कि चुनाव आने तक दोनों आमने-सामने आ सकते हैं।

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    चुनाव से पहले ही भिड़े कांग्रेसी, पार्टीजनों के बीच खाई कैसे पटेगी?

    मोहसिन पाशा, मुरादाबाद। कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शनिवार को तीन संसदीय सीटों में भ्रमण कर निकली। सपा नेता भी गठबंधन निभाकर यात्रा के स्वागत में शामिल हुए। दावा है, यात्रा कांग्रेसियों में जोश भर गई। इसी के साथ सवाल यह भी है कि पार्टीजनों के बीच खाई कैसे पटेगी? अमरोहा में बसपा के निलंबित सांसद दानिश अली के शामिल होने पर सवाल उठाया गया है।

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    हीं, मुरादाबाद के कांग्रेस नेता सीट सपा के पास जाने की घोषणा होने के बाद भी अपना दावा नहीं छोड़ पा रहे हैं। इस वजह से दोनों पार्टियों के नेताओं में खटास होने की आशंका बनी हुई है।

    प्रत्याशियों को गंवानी पड़ी थी जमानत

    2019 के संसदीय चुनाव में राज्य में एकमात्र रायबरेली सीट पर जीतने वाली कांग्रेस की मंडल की छह सीटों पर भी उल्लेखनीय स्थिति नहीं रही थी। पार्टी प्रत्याशियों को जमानत भी गंवानी पड़ी थी।

    अब चुनाव आने तक अमरोहा के बसपा सांसद दानिश अली पार्टी से किनारा कर कांग्रेस के पाले में आ गए हैं। उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने की विधिवत घोषणा तो नहीं की है, लेकिन पूरे मनोयोग से वह न्याय यात्रा का स्वागत करते दिखाई दिए। उनके सक्रिय होने पर वहां टिकट की दावेदारी ठोक रहे सचिन चौधरी उनके विरोध में सक्रिय हो गए हैं।

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    सपा के खाते में सीट जाने से...

    मुरादाबाद सीट की बात करें, तो नगर निगम चुनाव में मेयर पद पर पार्टी प्रत्याशी रिजवान कुरैशी को एक लाख 17 हजार वोट मिलने से पार्टी नेता जोश में हैं। उन्होंने हाईकमान से पहले भी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी लड़ाने की मांग की थी। अब सीट सपा के खाते में जाने के बाद भी उनकी मांग बरकरार है।

    जिलाध्यक्ष असलम खुर्शीद अब भी सीट कांग्रेस को मिलने की मांग कर रहे हैं। यहां कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि मेयर चुनाव में सपा प्रत्याशी चौथे स्थान पर रहे थे। इसलिए कैसे संसदीय चुनाव में सपा जीत सकती है।

    सपा ने मुरादाबाद से नहीं जारी की सूची

    सपा ने भी प्रत्याशियों की तीन सूची जारी करने के बाद भी मुरादाबाद से प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। रामपुर में पूर्व सांसद बेगम नूरबानो ने खुद लड़ने का एलान कर दिया है। उनके बेटे नवेद मियां पहले भी विरोधी प्रत्याशी को समर्थन कर पार्टी हाईकमान को आईना दिखाते रहे हैं। अब बेगम सपा प्रत्याशी के लिए सक्रिय रहेंगी, अथवा नहीं। इसे लेकर भी चर्चा आम हैं।

    राजनीति के जानकारों का मानना है कि कांग्रेस और सपा का गठबंधन तो ठीक है, लेकिन अस्तित्व से जूझ रही कांग्रेस अपनी बची ताकत का भी सही इस्तेमाल कर सकेगी। इसे लेकर भी संदेह है।