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    सरकारी बजट स्वाहा, मेला हुआ 'शोपीस', मुरादाबाद खादी महोत्सव में दावों की खुली पोल!

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 04:31 PM (IST)

    मुरादाबाद में खादी महोत्सव के दूसरे दिन दावों और हकीकत में अंतर दिखा। अधिकारियों के अनुसार प्रदर्शनी में भारी भीड़ है, लेकिन स्टाल खाली रहे। महोत्सव क ...और पढ़ें

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    मेले में पसरा सन्‍नाटा

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। खादी महोत्सव (मेला)–2025 अपने दूसरे ही दिन दावों और जमीनी सच्चाई के फर्क को उजागर करता नजर आया। एक ओर खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के अधिकारियों का दावा है कि प्रदर्शनी में भारी भीड़ आ रही है। देर रात तक खरीदारी और लोगों के उत्साह का दावा किया जा रहा है, वहीं मंगलवार को दिन भर अधिकांश स्टाल सूने पड़े रहे और जागरुकता मंच पर सन्नाटा पसरा रहा।

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    युवा केंद्र, साईं मंदिर रोड, दीनदयाल नगर में आयोजित खादी महोत्सव का उद्देश्य स्थानीय कारीगरों, स्वयं सहायता समूहों और लघु उद्यमियों को सीधे बाजार उपलब्ध कराना, स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना और सरकारी योजनाओं की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाना है। इसके लिए बाकायदा सरकारी बजट और प्रचार-प्रसार की व्यवस्था की जाती है, लेकिन मंगलवार को हालात इसके उलट दिखे।

    सुबह से शाम तक प्रदर्शनी परिसर में गिने-चुने लोग ही नजर आए। कई स्टाल संचालक ग्राहक की प्रतीक्षा में बैठे रहे। खादी परिधानों, ग्रामोद्योग उत्पादों और हस्तशिल्प की विविधता होने के बावजूद बिक्री बेहद कम रही। शुभम खादी ग्रामोद्योग संस्थान लोकोशेड के स्टाल पर सन्नाटा था। क्षेत्रीय गांधी आश्रम, सिविल लाइंस, अवध युवा कल्याण ग्रामोद्योग फूलपुर, छजलैट के स्टाल पर कोई ग्राहक दिन में नहीं आया।

    दिल्ली से आईं फाइवर गोल्ड संस्था की अध्यक्ष रितू ने बताया कि वह जूट के थैले आदि बनाकर बेचती हैं, लेकिन अभी तक कोई खास बिक्री नहीं हो रही है। इसी तरह का हाल और भी स्टालों का है। दूसरे दिन ही स्टालों पर सन्नाटा रहने से लोग मायूस हैं। प्रदर्शनी के साथ बनाए गए जागरुकता मंच का उद्देश्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों, फैशन शो और सरकारी योजनाओं के प्रचार के माध्यम से लोगों को आकर्षित करना था।

    विभागीय विज्ञप्ति के अनुसार मंगलवार को शाम चार बजे गंगा आरोग्य धाम के बच्चों द्वारा फैशन शो हुआ, लेकिन जमीनी स्थिति यह रही कि दिन भर मंच खाली रहा और कार्यक्रमों की जानकारी आम दर्शकों तक नहीं पहुंच पाई। न तो नियमित घोषणाएं हुईं, न ही लोगों को रोकने-खिंचने की कोई प्रभावी व्यवस्था दिखी।

    खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग की ओर के अधिकारी का कहना है कि प्रदर्शनी में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आई इकाइयों के भव्य स्टाल लगे हैं, लोग बड़ी संख्या में खरीदारी कर रहे हैं और रात 10 बजे के बाद भी महिलाएं खरीदारी के लिए आ रही हैं। जबकि मंगलवार की वास्तविकता इससे मेल नहीं खाती। दिन में परिसर शांत रहा और शाम तक भी अपेक्षित भीड़ नहीं जुट सकी। उधर, परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी सत्यपाल सिंह ने बताया कि मंगलवार की शाम को भीड़ आई थी। दिन में भीड़ कम रही होगी।

    दूसरे ही दिन टूटने लगी उम्मीद

    खादी महोत्सव जैसे आयोजन तभी सफल हो सकते हैं जब प्रचार, कार्यक्रम और जमीनी व्यवस्थाएं एक-दूसरे से मेल खाएं। फिलहाल मुरादाबाद खादी महोत्सव में सरकारी दावों की चमक और मैदान की हकीकत के बीच गहरी खाई साफ नजर आ रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि महोत्सव के प्रचार-प्रसार में गंभीर कमी रही। न तो शहर के प्रमुख चौराहों पर पर्याप्त होर्डिंग्स दिखीं और न ही इंटरनेट मीडिया व स्थानीय स्तर पर प्रभावी प्रचार किया गया।

    ऐसे में आम लोगों को आयोजन की जानकारी ही नहीं मिल पाई। खादी महोत्सव से कारीगरों को रोजगार और बिक्री की उम्मीद होती है, लेकिन भीड़ न आने से उनकी उम्मीदें टूटती नजर आईं। स्टाल लगाने वाले संस्था के जिम्मेदारों का कहना है कि हम दूर-दराज से सामान लेकर आए हैं, अगर बिक्री नहीं हुई तो खर्च भी नहीं निकल पाएगा। खादी महोत्सव 24 दिसंबर तक चलेगा।

     

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