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    देखें, यह है हाल! 5 दिन में 9 मौतें, फिर भी हाईवे पर 'यमदूत' बने घूम रहे ऑटो-ई-रिक्शा

    Updated: Sat, 06 Dec 2025 03:00 AM (IST)

    मुरादाबाद हाईवे पर ऑटो और ई-रिक्शा पर बैन के बावजूद 5 दिनों में 9 लोगों की मौत हो गई। सड़कों पर खून बह रहा है, लेकिन पुलिस और RTO लापरवाह बने हुए हैं। ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। बेखौफ होकर जिले के सभी हाईवे पर आटो और ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। इसके चलते हाईवे खून से सन रहे हैं। पिछले पांच दिनों में दो बड़े सड़क हादसों में नौ लोगों की मौत हो गई है। छह लोगों की मौत के बाद पुलिस ने अभियान चलाकर ई-रिक्शा और आटो हाईवे पर जाने से रोकने का प्रयास किया था, लेकिन स्थिति में सुधार होता हुआ नजर नहीं आया। मानक से अधिक सवारी भरकर आटो हाईवे पर निकल जा रहे हैं।

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    कमिश्नर ने इन्हें राेकने के लिए आरटीओ और पुलिस को जिम्मेदारी दी थी, लेकिन आरटीओ की तरफ से एक भी इन्हें रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। नतीजन आए दिन जिले में हादसे हो रहे हैं। मुरादाबाद–रामपुर रोड, कुंदरकी क्षेत्र, चंदौसी रोड और संभल रोड...हर जगह तस्वीर एक जैसी है। जहां देखो वहां ई-रिक्शा और आटो तेज रफ्तार में दौड़ते हुए दिखाई देऐ हैं। कुंदरकी के पास रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि हर हफ्ते कोई न कोई हादसा होता है, लेकिन विभाग सिर्फ कागजों में कार्रवाई करता है।

    सिर्फ इसी सप्ताह में तीन लोगों की जान ई-रिक्शा और बसों की चपेट में आने से चली गई। रात के अंधेरे में तो हालत और भी खतरनाक हो जाती है। जब ई-रिक्शा और आटो चालक लंबी दूरी की सवारियां भरकर सीधे ट्रक-बसों के बीच हाईवे पर भागते नजर आते हैं। स्थानीय दुकानदार राजकुमार का दर्द साफ झलकता है। उनका कहना है कि रात में ई-रिक्शा ऐसे दौड़ते हैं जैसे मौत से खेल रहे हों। ट्रक के बीच घुस जाते हैं। न पुलिस रोकती है, न विभाग।

    किसी भी दिन बड़ा हादसा हो जाए, कोई आश्चर्य नहीं। कांठ रोड पर 16 नवंबर को अधिवक्ता के बहनोई विपिन भटनागर की मौत ने पूरे शहर को झकझोर दिया था। लोगों ने चेकिंग बढ़ाने और अवैध चालकों पर सख्ती की मांग की, लेकिन हकीकत में न तो मोर्चा बदला, न तंत्र। बीते रविवार को लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे पर ई-आटो में सवार होकर 11 लोग जा रहे थे। रोडवेज की टक्कर के बाद एक ही परिवार के छह लोगों की मृत्यु हो गई थी।

    इसके बाद फिर से सवाल खड़े होने शुरू हो गए थे। इस बीच यातायात पुलिस ने अभियान चलाया, लेकिन नतीजा निकलता हुआ नजर नहीं आ रहा है। गुरुवार की रात फिर से ई-आटो अज्ञात वाहन की चपेट में आ गया और तीन लोगों की जान चली गई। घटना स्थल पर अब भी पड़े खून के निशान बताते हैं कि हादसा कितना भयावह था लेकिन, इसके बाद भी संभागीय परिवहन विभाग के अधिकारियों ने सुध नहीं ली है।

    राष्ट्रीय राजमार्ग पर आटो–ई-रिक्शा बैन, फिर भी भर रहे फर्राटा

    मंडलायुक्त आंजनेय सिंह सड़क सुरक्षा समिति की हर बैठक में दोहराते रहे हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर किसी भी हाल में आटो–ई-रिक्शा न चलें। संभागीय परिवहन विभाग और यातायात पुलिस को आदेश भी जारी हुए। लेकिन जमीन पर क्या हो रहा है? संभल रोड पर ट्रिपल सवारी लेकर आटो दिनभर फर्राटा भरते रहे।

    मुरादाबाद से संभल, जोया, चंदौसी तक रात में ई-रिक्शा निर्बाध दौड़ते रहे। रेलवे स्टेशन के सामने से ही देर रात हाईवे रूट की सवारियां बैठाकर वाहन निकल जाते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सब पुलिस चौकी और विभागीय कार्यालयों के बिल्कुल नजदीक होता है, लेकिन किसी ने देखने की जरूरत नहीं समझी।

    फलों के ठेले से चलता था परिवार, एक की गई जान दूसरा अस्पताल

    कुंदरकी हादसे में जान गंवाने वाला कुंदरक के मुहल्ला नुरुल्ला पैठ बाजार निवासी मोहम्मद जैद नौ भाई-बहनों में सबसे छोटा था। उसके पिता लियाकत अक्सर बीमार रहते हैं। जैद बड़े भाई अनीस के साथ मुरादाबाद में करूला के पास फल का ठेला लगाता था। गुरुवार रात दोनों भाई दुकान बंद करने के बाद आटो में सवार होकर घर लौट रहे थे तभी हादसे का शिकार हो गए।

    हादसे के बाद से पिता लियाकत, मां दानिश, भाई शराफत, शरीफ, फरीद, बहन नाजिया, सामरा, रजिया, सोनम आदि का रो-रोकर बुरा हाल है। एक भाई जहां हादसे में दुनिया छोड़ गया वहीं दूसरा भाई अनीस अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है। हादसे में अनीस का सिर फट गया। उसे गंभीर चोटें आईं हैं। अनीस का मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

    ई-आटो से चलता था मोहम्मद सुल्तान का परिवार

    जयंतीपुर निवासी शमशाद हुसैन के चार बेटे और दो बेटी है। मोहम्मद सुल्तान सबसे बड़ा था। पिता के साथ सुल्तान सबसे बड़ा था। छह माह पहले शमशाद हुसैन ने बेटे सुल्तान को ई-आटो दिलाया था। जिससे परिवार का पालन पोषण ठीक तरह से हो सके। सुल्तान अक्सर रात के समय ई-आटो चलाता था। अभी तक इसकी शादी भी नहीं हुई थी, लेकिन पिता को क्या पता था जो कमाई के लिए ई-आटो बेटे के लिए दिलाया है वही उसकी मौत का कारण बन जाएगा।

     

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