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    मुरादाबाद मंडल में रिश्वत का गणित! कुल 16 ट्रैप, आधे केस सिर्फ इन 'दो' भ्रष्ट विभागों के

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 02:12 PM (IST)

    मुरादाबाद मंडल में भ्रष्टाचार निरोधक संगठन ने 16 रिश्वतखोरी के मामले उजागर किए हैं, जिनमें से आधे सिंचाई और बिजली विभाग से हैं। इन विभागों में रिश्वत ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    अनुज मिश्र, जागरण, मुरादाबाद। मंडल में बिजली और राजस्व विभाग भ्रष्टाचार में नंबर-1 है। जी हां, भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) की ओर से जनवरी 2025 से अब तक की गई कार्रवाई में यह चौंकाने वाली बात सामने आई है। जनवरी से अब तक हुए कुल 16 ट्रैप में करीब आधे मामले सिर्फ बिजली और राजस्व विभाग से जुड़े हैं।

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    बिजली विभाग में चार जबकि राजस्व विभाग में तीन ट्रैप हुए। रिश्वतखोर कार्मिकों को जेल भेजा गया। इसके साथ टीम ने शिक्षा विभाग, खाद्य विभाग, लोक निर्माण विभाग, नहर विभाग, बाल विकास, सहकारी बैंक, चकबंदी विभाग व पुलिस विभाग में ट्रैप की कार्रवाई की। भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) मुरादाबाद मंडल थाने के आंकड़ों अनुसार, बिजली विभाग में तीन मार्च को ट्रैप की पहली कार्रवाई की गई।

    बिलारी में संप्रति पेट्रोलमन रिफाकत अली को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया। बिजली बिल कम करने व जुर्माना कम करने के एवज में उसने तत्कालीन उपखंड अधिकारी अमेंद्र यादव के इशारे पर रिश्वत ली। उसके बयानों पर एंटी करप्शन ने एसडीओ को भी आरोपित बनाया। रिफाकत अली को जेल भेजा गया। सात दिन बाद बिजली विभाग में ही अमरोहा में मामला पकड़ा गया।

    शिकायतकर्ता का बिजली बिल ठीक कराने के एवज में 45 हजार रुपये की वसूली की गई। टीम ने जेई रत्नेश कुमार व लाइन मैन पुष्पेंद्र को मुकदमे में नामजद किया। चार महीने बाद सात जुलाई को फिर मुरादाबाद में बिजलीकर्मी 10 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया। मुकदमे में संप्रति कार्यालय सहायक ब्रजेश कुमार को नामजद किया गया।

    21 अगस्त को मुरादाबाद में ही फिर 55 सौ रुपये रिश्वत लेते बिजली कर्मी पकड़ा गया। पेट्रोलमैन अंकुश शर्मा व लिपिक राजीव सैनी नामजद हुए। राजस्व विभाग में पहला ट्रैप रामपुर में हुआ। 30 जून को एसडीएम मिलक कार्यालय मे संबद्ध संविदा कर्मी शिव कुमार 10 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया। दूसरा ट्रैप बिलारी में हुआ।

    17 जुलाई को राजस्व लेखपाल दिनेश चौधरी को पांच हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया। राजस्व विभाग में तीसरा ट्रैप संभल में हुआ। संप्रति राजस्व लेखपाल कृष्णेन्द्र कुमार सक्सेना को 12 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया। आरोपित ने विरासत में मृतक के अविवाहित पुत्री का नाम दर्ज करने के एवज में रिश्वत ली थी।

    ट्रैप की अन्य कार्रवाई पर नजर

    30 जनवरी शिक्षा विभाग, बिजनौर डीआइओएस कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक देवेंद्र सिंह को 10 हजार रुपये लेते पकड़ा गया।
    4 फरवरी  सहकारी समिति उर्वरक एवं खाद्य विभाग, संभल  सचिव सहकारी समिति राकेश पाल सिंह को पांच हजार रुपये लेते पकड़ा गया।
    11 फरवरी लोक निर्माण विभाग, अमरोहा संप्रति जेई भानू प्रताप सिंह व शादाब हुसैन पर 60 हजार रुपये रिश्वत मामले में कार्रवाई हुई।
    27 फरवरी नहर विभाग, बिजनौर डीआईओ सिंचाई विभाग धामपुरम में तैनात उज्जवल कंसल को 20 हजार रुपये रिशवत लेते पकड़ा गया।
    14 मई बाल विकास परियोजना, संभल संप्रति मुख्य सेविका मालती यादव को सात हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया।
    9 सितंबर चकबंदी विभाग, अमरोहा संप्रति चकबंदी लेखपाल उत्तम कुमार 20 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़े गए।
    22 सितंबर शिक्षा एवं वित्त विभाग, मुरादाबाद देवीदीन कनौजिया पांच हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़े गए।
    11 नवंबर पुलिस विभाग, संभल दारोगा राकेश सिंह व इकबाल सिंह पर 20 हजार रुपये रिश्वत मामले में कार्रवाई हुई।
    13 नवंबर उप्र सहकारी ग्रा. वि. बैंक, अमरोहा 20 हजार रुपये लेते संप्रति सहयोगी अनोज कुमार पकड़ा गया।


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