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    बंगाल का 'आधार कवच' पहनकर मुरादाबाद में छिपे 2000 से अधिक बाहरी; घुसपैठियों को पकड़ने में पुलिस पस्त!

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 12:36 AM (IST)

    मुरादाबाद में पुलिस सत्यापन के दौरान, बंगाल के पते पर बने आधार कार्ड घुसपैठियों की पहचान में बाधा बन रहे हैं। अब तक केवल नौ घुसपैठिये पकड़े गए हैं, जब ...और पढ़ें

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    जांच में मि‍ले लोग

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। जिले के अलग-अलग स्थानों पर रहे करीब दो हजार बाहरी लोगों के बीच पुलिस सत्यापन के बाद भी घुसपैठियों को चिन्हित नहीं कर पा रही है। क्योंकि बंगाल के पते पर बना आधार कार्ड उनकी मदद कर रहा है। सत्यापन के दौरान वह आधार कार्ड को दिखाकर बच जा रहे हैं। जिनके पास आधार कार्ड नहीं है वह सत्यापन शुरू होते ही शहर छोड़ देते हैं और जैसे ही पुलिस की कार्रवाई बंद होती है तो फिर से आकर रहने लगते हैं।

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    मुरादाबाद पुलिस अब तक मात्र नौ घुसपैठियों को तलाश पाई है। जिसमें पांच सदस्यों का एक परिवार मुरादाबाद में रह रहा है। जबकि चार को पुलिस वापस बांग्लादेश भेज चुकी है। जबकि उनका एक बेटा जेल में है। इन्होंने भी हापुड़ जिले का निवासी दिखाकर आधार कार्ड बनवा लिया था। तमाम शहरों में घुसपैठिये छिपे हुए है।

    यह बंगाल के लोगों की आड़ लेकर अपने देश में रह रहे हैं। पुलिस के सामने भी इनकी पहचान करना कड़ी चुनौती है। क्योंकि इनकी बोली भी बंगाल के लोगों से मिलती जुलती है। साथ ही तमाम लोगों ने बंगाल के पते पर आधार कार्ड बनवा लिए है। अकेले मुरादाबाद जिले की बात तो करीब दो हजार लोग अपने आप को बंगाल का निवासी बताकर रह रहे हैं।

    यह लोग सड़कों से प्लास्टिक और कचरा बीनने का काम करते हैं। यह लोग कपूर कंपनी पुल मार्ग पर, हैलेट रोड पर झुग्गी बनाकर रहते हैं। इसके अलावा शहर के जयंतीपुर और डबल फाटक समेत रेलवे लाइन के आसपास में झुग्गी झोपड़ी डालकर रहते हैं। पूरे दिन सड़कों पर घूमकर प्लास्टिक एकत्र करते हैं और शाम को उसे बेच देते हैं।

    इन लोगों से प्लास्टिक लेने वाले लोग भी तय है। साथ ही कुछ को तो स्थानीय लोगों ने किराये पर प्लाट लेकर बसा रखा है। क्योंकि वह इनसे प्लास्टिक और कचरा खरीदकर अपना कारोबार कर रहे हैं। असंगठित कामगारों के रूप में बड़ी संख्या में मौजूद इन बाहरी लोगों की वास्तविक पहचान और दस्तावेजों की वैधता की जांच लगातार चुनौती साबित हो रही है।

    कई लोग फर्जी या संशयात्मक पते पर आधार कार्ड बनवाकर सत्यापन प्रक्रिया से बच जाते हैं। पुलिस प्रशासन ने अब इस मामले में गहन जांच की तैयारी शुरू कर दी है, ताकि संदिग्ध बाहरी लोगों की पहचान कर उनके दस्तावेजों की सच्चाई का पता लगाया जा सके।

    2023 में मुरादाबाद आ गया था बांग्लादेशी परिवार

    कटघर क्षेत्र के दस सराय पुलिस चौकी के तत्कालीन प्रभारी सोनू कुमार ने 16 अप्रैल 2023 को टीम के साथ छापेमारी करके कोहिनूर तिराहा के आगे धर्मकांटा के पास से पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। पांचों मूल रूप से बांग्लादेश के रहने वाले थे और फर्जी पहचान पत्र बनवाकर भारत में रह रहे थे।

    इस मामले में पुलिस ने 16 अप्रैल 2023 को ही आरोपित कटघर के रहमतनगर गली नंबर आठ में किराये पर रहने वाले निसार, उसकी पत्नी फतिमा उर्फ अमीना उर्फ मोटी, मेरठ के हापुड़ रोड अल्लीपुर जिमखाना फफूंदा निवासी उसकी बेटी रिहाना व अर्शी और तीसरी बेटी गुलशन पत्नी मोहम्मद जाहिद के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और विदेशी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।

    जांच में पता चला था कि पांचों आरोपित मूल रूप से बांग्लादेश के उखिया कोक्स बाजार के बालू खाली कैंप आठ डब्लयू के रहने वाले थे। सभी ने मेरठ जिले से फर्जी कागजात बनवाया था और वहां से आकर कटघर में किराये पर रह रहे थे। इस दौरान निसार का बेटा अनस फरार हो गया था। जिले पुलिस ने इसी साल 24 अक्टूबर को गिरफ्तार करके जेल भेज था।

    सड़क पर अतिक्रमण कर लिया पक्का निर्माण

    शहर के कई स्थानों पर यह लोग झोपड़ पट्टी में रहते हुए दिखाई दे जाएंगे, लेकिन अब तो कई स्थानों पर इन लोगों ने अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कर लिया है। कपूर कंपनी पुल मार्ग पर पक्का निर्माण करके सड़क पर रह रहे हैं। वहीं जयंतीपुर, डबल फाटक पुल और हैलेट रोड पर झुग्गी झोपड़ी में रह रहे हैं।

     

    समय-समय पर घुसपैठियों का पता लगाने के लिए सत्यापन कराया जाता है, लेकिन सत्यापन में कोई भी घुसपैठिया सामने नहीं आया है।

    - सतपाल अंतिल, एसएसपी