अब आपके 'घर' का सपना होगा पूरा, बोर्ड से 2 टाउनशिप के लेआउट को मिली मंजूरी
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (एमडीए) बोर्ड ने शहर में दो नई टाउनशिप सहयाद्रि और गोविंदपुरम को मंजूरी दी है। इन योजनाओं में आवासीय और व्यवसायिक प्लाट उपलब्ध होंगे जिनके रेट निर्धारित किए गए हैं। सहयाद्रि में प्लाट 39600 रुपये प्रति वर्ग मीटर से शुरू होंगे। गोविंदपुरम में साइंस पार्क भी बनेगा। बोर्ड ने छोटे उद्यमियों के लिए व्यवसायिक भूखंडों का आकार भी छोटा किया है।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद । एमडीए बाेर्ड ने शहर में अपने घर का सपना पूरा करने वालों के लिए दो टाउनशिप के लेआउट को स्वीकृति देकर रियल स्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) में पंजीकरण के लिए हरीझंडी दे दी। रेरा में पंजीकरण होते ही दोनों की बुकिंग खुलेगी हालांकि दोनों ही टाउनशिप में प्लाट महंगे मिलेंगे।
सहयाद्रि (सोनकपुर योजना) में आवासीय प्लाटों के रेट पहले बोर्ड ने 36 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर तय किए थे। व्यवसायिक प्लाट 72 हजार रुपये बिकने थे लेकिन, एमडीए बोर्ड ने इन रेटों को रिवाइज कर दिया है। सहयाद्रि टाउनशिप में अब प्लाट 39 हजार 600 रुपये प्रति वर्ग मीटर मिलेगा। व्यवसायिक प्लाट इसके दोगुणा होंगे। दिल्ली रोड पर गोविंदपुरम टाउनशिप के आवासीय प्लाट 40 हजार 500 रुपये प्रति वर्ग मीटर मिलेगा। व्यवसायिक प्लाट इसके दोगुणा दाम में मिलेंगे
शनिवार को मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (एमडीए) बोर्ड की 142वीं बैठक अध्यक्ष एवं मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह की अध्यक्षता में दोपहर 12 बजे शुरू हुई। बैठक में जिलाधिकारी मुरादाबाद अनुज सिंह, एमडीए उपाध्यक्ष अनुभव सिंह, सचिव अंजूलता, अपर नगर आयुक्त नगर निगम अतुल कुमार, संयुक्त निदेशक पेंशन एवं कोषागार अमरोहा मोनिका, सीटीसीपी के प्रतिनिधि और अधिशासी अभियंता उप्र. जल निगम ग्रामीण आदि अफसरों अधिकारियों के साथ बोर्ड के सदस्य विकास जैन, राज किशोर चौहान और राजू कालरा की मौजूदगी में चर्चा हुई। बैठक की शुरुआत में बोर्ड के अध्यक्ष ने कराई।
उन्होंने कहा कि आज की बैठक का मुख्य उद्देश्य प्राधिकरण की लंबित आवासीय योजनाओं का पुनरीक्षण, व्यवसायिक भूखंडों का निर्धारण और दिल्ली रोड के विकास कार्यों की स्वीकृति है। इसके बाद एजेंडे के सभी बिंदुओं पर चर्चा हुई। व्यवसायिक भूखंडों का छोटा आकार छोटे निवेशकों को योजना में भागीदारी का अवसर देगा। आवासीय और व्यवसायिक भूखंडों की दरों में संतुलित वृद्धि से प्राधिकरण की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी।
रेरा पंजीकरण अनिवार्य
उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं में रेरा पंजीकरण अनिवार्य होगा। व्यवसायिक और आवासीय भूखंडों की दरें बाजार के अनुरूप तय की गई हैं। नए माडल से नगर निगम के बाहर रहने वाली कालोनियों में भी नियमित रखरखाव और सफाई सुनिश्चित होगी। छोटे निवेशकों और उद्यमियों को अब योजनाओं में भाग लेने के लिए सुविधाजनक विकल्प मिलेंगे। बैठक के दौरान उपस्थित बोर्ड के सदस्यों ने भी सुझाव दिए कि योजनाओं में सामाजिक और पर्यावरणीय पहलुओं को शामिल किया जाए।
बोर्ड ने इन सुझावों को नोट किया और आगामी बैठक में चर्चा करने का निर्णय लिया। बैठक दो नई प्रमुख आवासीय योजनाओं सहयाद्रि और गोविंदपुरम, दिल्ली रोड की मंजूरी, व्यवसायिक भूखंडों के नए आकार, दिल्ली रोड के विकास और नगर निगम की सीमा से बाहर रहने वाली कालोनियों के अनुरक्षण शुल्क के नियमों के लिए मील का पत्थर साबित होंगी।
इस बैठक के निर्णयों के बाद मुरादाबाद शहर और आसपास के निवासियों को दो नई टाउनशिप का लाभ, व्यवस्थित विकास और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का अवसर मिलेगा। बैठक के अगले एजेंडे में दिल्ली रोड और नया मुरादाबाद योजना के प्रमुख चौराहों और तिराहों का नामकरण अनुमोदित किया गया। बोर्ड ने सूची संलग्न करते हुए कहा कि इन चौराहों और गोलचक्करों को अब अनुमोदित नामों से जाना जाएगा। इसके अलावा नगर निगम की सीमा के बाहर दिल्ली रोड और रामपुर रोड पर सफाई व्यवस्था के लिए लाइसेंस फीस माडल पर एजेंसी का चयन किया गया।
सहयाद्रि टाउनशिप
बैठक में सबसे पहले चर्चा सोनकपुर बहुप्रतीक्षित सहयाद्रि आवासीय योजना पर हुई। प्राधिकरण ने रेरा में दर्ज की गई आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए योजना का पुनर्नियोजित ले-आउट मंजूर किया।
योजना कुल 52 हेक्टेयर में प्रस्तावित थी, लेकिन फिलहाल केवल 25 हेक्टेयर में पाकेट-ए का विकास होगा।
योजना में लगभग 500 आवासीय भूखंड होंगे, जिनका आकार अलग-अलग होगा।
शिक्षा के क्षेत्र में योजना में एक जूनियर हाई स्कूल और दो नर्सरी स्कूल होंगे।
रेरा में पंजीकरण पूरा होने के बाद ही योजना का लांच किया जाएगा।
भूखंडों की नई दरें
आवासीय भूखंड: रुपये-39,600 प्रति वर्ग मीटर
व्यवसायिक भूखंड: रुपये-79,200 प्रति वर्ग मीटर
बैठक में यह भी बताया गया कि योजना के मध्य में कुछ भूखंडों को सीलिंग के कारण बिक्री योग्य क्षेत्रफल घट गया है। इस कमी के चलते आवासीय और व्यवसायिक भूखंडों की दरों में वृद्धि हुई है।
गोविंदपुरम टाउनशिप
इसके बाद बोर्ड ने गोविंदपुरम आवासीय योजना पर विस्तृत चर्चा की। यह योजना मंगूपुरा और मनोहरपुर की जमीन पर दिल्ली रोड के किनारे प्रस्तावित है।
योजना का कुल क्षेत्र 47 हेक्टेयर है, जिसमें फिलहाल 35 हेक्टेयर पर विकास कार्य शुरू किया जाएगा।
योजना में लगभग 600 आवासीय भूखंड होंगे और 20 से अधिक व्यवसायिक भूखंड भी प्रस्तावित हैं।
शिक्षा की दृष्टि से योजना में इंटर कालेज, जूनियर हाई स्कूल और दो नर्सरी स्कूल शामिल होंगे।
रेरा में पंजीकरण के बाद ही योजना का लॉन्च किया जाएगा।
भूखंड दरें
आवासीय भूखंड: रुपये-40,500 प्रति वर्ग मीटर
व्यवसायिक भूखंड: रुपये-81,000 प्रति वर्ग मीटर
बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि योजना के मध्य में साइंस एवं टेक्नोलाजी पार्क का निर्माण होगा, जिससे छात्रों और स्टार्टअप को आधुनिक तकनीकी वातावरण उपलब्ध होगा।
पीपीपी मोड में संचालन के लिए ईओआइ प्रक्रिया शुरू
एमडीए बोर्ड की बैठक में सोर्सिंग हब को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड पर संचालित करने के लिए ईओआई निकालने का निर्णय लिया गया। इस योजना का उद्देश्य बड़े पैमाने पर संसाधनों का कुशल प्रबंधन और व्यापारियों व निवेशकों के लिए सुविधाजनक प्लेटफार्म तैयार करना है।
राज्य सरकार की घोषणा के अनुसार गोविंदपुरम टाउनशिप में 4.6 एकड़ में साइंस पार्क बनेगा। इससे शहर को नई शैक्षिक और तकनीकी पहचान मिलेगी।कांठ रोड स्थित पुराने एमडीए कार्यालय परिसर को आवासीय व व्यावसायिक सोसाइटी के रूप में विकसित करने पर सहमति बनी। यहां फ्लैट या व्यावसायिक परियोजनाएं आ सकती हैं।
व्यवसायिक भूखंडों का आकार छोटा करने का निर्णय
नया मुरादाबाद योजना के व्यवसायिक सेक्टर-2 (उद्यम विहार) में बड़े भूखंडों का आकार छोटा किया गया। अब पहले 800 और 1200 वर्ग मीटर के भूखंडों की बजाए 40, 500 और 1000 वर्ग मीटर के भूखंड उपलब्ध होंगे। इससे छोटे उद्यमी और निवेशक भी व्यवसायिक भूखंड खरीद सकेंगे।
अनुरक्षण शुल्क का नियम और जुर्माना
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नगर निगम की सीमा के बाहर और नगर निगम के हस्तक्षेप से बाहर रहने वाली योजनाओं जैसे नया मुरादाबाद, एकता विहार उत्तरी और एकता विहार दक्षिणी के आवंटियों व निवासियों को प्राधिकरण को अनुरक्षण शुल्क देना होगा। शुल्क त्रैमासिक रूप से वसूल किया जाएगा। नियत अवधि में शुल्क जमा नहीं करने पर 100 रुपये प्रति माह का जुर्माना लगेगा।
इस व्यवस्था का उद्देश्य प्राधिकरण की संपत्ति और सुविधाओं की नियमित देखभाल सुनिश्चित करना बताया गया।
एक सप्ताह में शुरू होगी सफाई
दिल्ली रोड पर एजेंसी द्वारा यूनिपोल लगाकर विज्ञापन से होने वाली आय से सफाई और पौधों की देखभाल सुनिश्चित होगी। यह माडल नगर निगम के पारंपरिक सफाई ढांचे को मजबूती देगा और दिल्ली रोड को अधिक आकर्षक बनाएगा।
जिला पंचायत, लोक निर्माण विभाग और एमडीए में इसे लेकर सहमति बन गई है। यही फार्मूला सभी मार्गों पर लागू होगा। दिल्ली रोड के लिए निविदा हो गई है। यही एजेंसी अन्य मार्गों पर भी नगर निगम की सीमा के बाहर की सफाई व्यवस्था करेगी।
फ्री होल्ड चार्ज खत्म करने की उठी मांग
एमडीए बोर्ड के सदस्य राजू कालरा ने कहा कि सहयाद्रि टाउनशिप के रेट बढ़ाए जा रहे हैं तो फ्री होल्ड चार्ज नहीं लिया जाना है, क्योंकि फ्री होल्ड चार्ज और स्टांप की धनराशि मिलाकर आवंटी को 45 हजार रुपये वर्ग मीटर जमीन पड़ेगी। बोर्ड के अध्यक्ष ने नए बायलाज के मुताबिक पुनरीक्षण कराकर बोर्ड की अगली बैठक में रखने के निर्देश दिए।
बैठक में यह भी मुद्दा उठा कि एमडीए का कार्यालय दिल्ली रोड पर आने के बाद भी स्टाफ कालोनी अभी तक शिफ्ट नहीं हो सकी है? इसके पीछे क्या कारण हैं? एमडीए उपाध्यक्ष अनुभव सिंह ने कहा कि कालोनी में सीवर लाइन का काम चल रहा है।
यह काम होते ही कालोनी को शिफ्ट कर लिया जाएगा। रामगंगा और गागन नदी पर हुए अतिक्रमण का मुद्दा भी बैठक में प्रमुखता से उठाया गया। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि दोनों नदियों पर होने वाले अतिक्रमण के खिलाफ अभियान फिर से चलाया जाना है। इसके लिए प्लानिंग करने के निर्देश दिए गए। आउटसोर्सिंग से भर्ती होने वाले कर्मचारियों के बारे में प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने जवाब दिया कि गाइड लाइन आने के बाद की इस मामले में अग्रिम कार्रवाई हो सकेगी।
15 नवंबर तक खुल सकती है बुकिंग
मंडलायुक्त आंजनेय सिंह ने कहा कि शहर में पानी भरता है तो नगर निगम और प्राधिकरण को जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है। हमको भोलानाथ कालोनी में नाव चलानी पड़ रही है। दुकानदार अपनी दुकानों को फैला लेते हैं। इससे जाम की समस्या होती है। नक्शे पास कराकर लोग अपने मकान बनाएं। इन सभी मामलों में जनता को सहयोग करना होगा।
अवैध कालोनियां विकसित हो रही हैं। लोगों को यह देखना होगा कि ऐसे स्थानों पर जमीन खरीदकर घर नहीं बनाएं। हम छोटे प्लाट लेकर आ रहे हैं। जल्द ही लोगों की घरों की डिमांड पूरी करेंगे। 15 नवंबर तक दोनों कालोनियों को बुकिंग खुल सकती है। कालोनियों के कंपलीशन प्रमाण पत्र को लेकर भी सवाल हुआ। इस पर मंडलायुक्त ने कहा कि इसे लेकर सख्ती की जा रही है। आवंटियों को सुविधाएं मुहैया नहीं कराने वाले कालोनाइजरों को कंपलीशन प्रमाण पत्र नहीं दिए जा रहे हैं।
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