मुरादाबाद में खरीफ सीजन में यूरिया की मांग बढ़ने पर जिला प्रशासन सख्त हो गया है। किसानों को समय पर खाद मिले इसके लिए कालाबाजारी और टैगिंग पर रोक लगाई गई है। शिकायत मिलने पर विक्रेताओं पर कार्रवाई की जा रही है कई लाइसेंस निलंबित और रद्द किए गए हैं। किसान उर्वरक कंट्रोल रूम में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। खरीफ सीजन में धान, गन्ना, चारा वाली फसलें और सब्जियों में टाप ड्रेसिंग का समय चल रहा है। इसी कारण जिले में यूरिया की मांग काफी बढ़ गई है। किसानों को समय से उर्वरक उपलब्ध कराने और कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं।
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जिला कृषि अधिकारी के अनुसार किसानों को उनकी जोत व कृषित भूमि के आधार पर उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही उर्वरक की बिक्री व वितरण में टैगिंग (अन्य उत्पादों की अनिवार्य बिक्री) और ओवररेटिंग को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। कृषकों की शिकायतों के आधार पर उर्वरक विक्रेताओं पर सख्त दंडात्मक कार्यवाही की जा रही है। अभी तक 28 विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। 18 विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित किए गए।
जून-जुलाई के टॉप-20 खरीदारों से जुड़े 11 विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त किए गए। इसके अलावा दो सहकारी समितियों के उर्वरक प्रभारियों का स्थानांतरण और दो विक्रेताओं पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। किसानों की सुविधा के लिए जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में उर्वरक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है।
मोबाइल नंबर 7007829965 और 7906090104 पर किसान अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं, जिनका त्वरित निस्तारण कराया जा रहा है। प्रशासन ने केवल कृषि विभाग के निरीक्षकों पर ही निर्भरता नहीं रखी है, बल्कि जिलाधिकारी स्तर से सभी तहसीलदारों और एसडीएम की भी ड्यूटी लगाई गई है ताकि किसी भी स्तर पर कालाबाजारी या ओवररेटिंग की शिकायत न हो।
जिला कृषि अधिकारी राजेंद्र पाल सिंह स्पष्ट किया है कि किसानों को उचित मूल्य पर समय से उर्वरक उपलब्ध कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी स्थिति में जमाखोरी, कालाबाजारी या टैगिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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