मुरादाबाद: सड़क पर नहीं, सिर्फ 'कागजों' में दौड़ रहे थे ट्रक! GST घोटाले में टोल प्लाजा खोलेगा पोल
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक बड़े जीएसटी घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें ट्रक केवल कागजों पर दौड़ रहे थे। टोल प्लाजा इस घोटाले की पोल खोलेगा। जा ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। जीएसटी चोरी प्रकरण में जांच की परतें लगातार खुल रही हैं। 535 फर्मों के माध्यम से 5478.35 करोड़ रुपये का फर्जी टर्नओवर दिखाकर 989.13 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी में जांच एजेंसियों का फोकस ट्रक स्वामियों और माल ढुलाई के नेटवर्क पर केंद्रित हो गया है।
जीएसटी एसआइबी और विशेष जांच दल (एसआईटी) की संयुक्त जांच में फर्जी ई-वेबिल तैयार करने वाले पंजाब के फतेहगढ़ निवासी परमिंदर के पास से ट्रकों की एक विस्तृत सूची बरामद हुई है, जिसके आधार पर आगे की जांच को और गहराई दी जा रही है। परमिंदर द्वारा फर्जी ई-वे बिल तैयार कर जिन ट्रकों का इस्तेमाल कागजों में दिखाया गया था, उनकी वास्तविक आवाजाही की पुष्टि अब टोल प्लाजा रिकार्ड से होगी।
एसआईटी को ट्रकों के नंबरों की पूरी सूची मिल चुकी है। इन नंबरों के आधार पर यह जांच होगी। जिन रूटों पर माल ढुलाई दिखाई गई है, उन रूटों के संबंधित टोल प्लाजा से उन ट्रकों की एंट्री वास्तव में हुई भी थी या नहीं। यदि टोल प्लाजा के रिकार्ड में इन ट्रकों की एंट्री नहीं मिलती है तो यह साफ हो जाएगा कि ई-वेबिल फर्जी बनाए गए थे और माल का परिवहन नहीं हुआ।
जांच एजेंसियां अब ट्रक स्वामियों से भी पूछताछ करने की तैयारी में हैं। यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि कहीं ट्रक स्वामियों की जानकारी में तो उनके वाहनों का इस्तेमाल फर्जी ई-वेबिल बनाने के लिए नहीं किया गया। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि माल ढुलाई के नाम पर जो रकम दिखाई गई, वह वास्तव में किसे और कितनी दी गई।
परमिंदर के पास से मिले डिजिटल डाटा की बारीकी से जांच की जा रही है, जिसमें लेनदेन, फर्जी बिलों और भुगतान से जुड़ी अहम जानकारियां होने की संभावना जताई जा रही है। एसआईटी यह भी खंगाल रही है कि कहीं ट्रक स्वामियों के खातों में सीधे या परोक्ष रूप से कोई रकम ट्रांसफर तो नहीं की गई।
इसके लिए बैंक खातों, यूपीआई ट्रांजेक्शन और अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों की जांच की जा रही है। यदि ट्रक स्वामियों के खातों में संदिग्ध रकम मिलती है तो उनकी भूमिका भी जांच के दायरे में आएगी। बताया जा रहा है कि जीएसटी चोरी का यह नेटवर्क कई राज्यों तक फैला है और इसमें फर्जी फर्मों, बिचौलियों और कागजी लेनदेन का एक संगठित तंत्र काम कर रहा था।
मुरादाबाद से शुरू हुई इस जांच में अन्य जिलों और राज्यों के लिंक भी सामने आ चुके हैं। जांच एजेंसियां यह भी पता लगा रही हैं कि फर्जी टर्नओवर दिखाकर टैक्स चोरी की गई रकम आखिर किन-किन लोगों तक पहुंची।
ट्रकों के नंबरों की सूची के आधार पर ई-वेबिल, उनके रूट और संबंधित टोल प्लाजा के रिकार्ड की जांच की जाएगी। डिजिटल डाटा और बैंक खातों की भी पड़ताल की जा रही है। जांच पूरी तरह निष्पक्ष और गहराई से की जाएगी, दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी। चार को अब तक पकड़ा जा चुका है। आगे की कार्रवाई जारी है।
- सुभाष चंद गंगवार, नोडल अधिकारी एसआइटी एवं एसपी क्राइम
यह भी पढ़ें- सावधान! मुरादाबाद के कांठ रोड पर 'सड़क' ढूंढना मना है, यहां मिलते हैंसिर्फ हादसे

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।