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    पोर्टल अपडेट नहीं या सुस्ती? मुरादाबाद में 32,000 चालान पेंडिंग, कब मिलेगी राहत?

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 06:15 PM (IST)

    मुरादाबाद में 32,000 चालान लंबित हैं, जिससे वाहन चालक परेशान हैं। पोर्टल अपडेट न होने और विभाग की सुस्ती के कारण चालान जमा करने में दिक्कत आ रही है। ल ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2017 से 2021 तक के वाहनों के चालान पूरी तरह माफ किए जाने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि पुराने चालान स्वतः निस्तारित हो जाएंगे। शासन ने भी आदेश जारी करते हुए विभागों को तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने को कहा था। लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है। अभी सभी चालानों का निस्तारण नहीं हो सका है।

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    2022 से बाद से भी करीब 32 हजार चालान कोर्ट व विभागीय पोर्टल पर लंबित पड़े हैं, जिससे वाहन चालकों को लगातार कचहरी और परिवहन विभाग के दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि जिन चालानों को कोर्ट ने रद्द कर दिया था, वे अभी भी आनलाइन पोर्टल पर सक्रिय दिख रहे हैं।

    रिकार्ड अपडेट न होने से हजारों वाहन चालक ‘चालान लंबित’ के मैसेज से परेशान हैं। कई लोग तो अपने चालान की जानकारी ही समय पर नहीं देख पाते, जिससे कोर्ट की तारीख निकल जाती है और उन्हें दोबारा पेश होना पड़ता है। वकीलों का कहना है कि माफी का आदेश कागजों पर रह गया है, क्योंकि विभागीय पोर्टल से चालान हटाए ही नहीं गए हैं।

    इस कारण नागरिक बिना वजह कानूनी प्रक्रिया और जुर्माने जैसे दबाव में फंसे हुए हैं। परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस के बीच डेटा अपडेट का तालमेल बेहद धीमा है, जहां कोर्ट ने पुराने चालान खत्म करने का निर्णय दे दिया था, वहीं विभागों की लेटलतीफी के कारण इसका लाभ जनता तक नहीं पहुंच पा रहा।

    सबसे अधिक परेशानी आनलाइन चालानों की है। जिन लोगों को चालान की सूचना नहीं मिलती, वे महीनों तक इसके बारे में अनजान रहते हैं और अचानक कोर्ट की ओर से नोटिस आने पर परेशान हो जाते हैं। संभागीय परिवहन अधिकारी (आटीओ) प्रवर्तन संदीप कुमार पंकज ने बताया कि न्यायालय के आदेश के अनुसार 2021 तक के चालानों का निस्तारण कोर्ट के माध्यम से ही किया जा रहा है।

    विभाग पुराना डेटा लगातार अपडेट कर रहा है। कोर्ट से निस्तारण कराने के बाद जो आरटीओ आता है, उसका चालान हटा दिया जाता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 2022 से अब तक के लगभग 32 हजार चालान लंबित हैं, जिनका निस्तारण सामान्य प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। उनका कहना है कि बड़ी संख्या में लंबित आनलाइन चालान भी देरी का कारण बने हुए हैं।

    रोजाना चक्कर काट रहे लोग

    शहर में रोजाना कई लोग चालान निस्तारण के लिए कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई स्पष्ट समाधान नहीं मिल रहा। नागरिकों का सवाल है कि जब कोर्ट ने चालान माफ कर दिए, तो विभाग खुद इन्हें क्यों नहीं हटा रहा? लोगों का कहना है कि विभागीय लापरवाही के कारण उन्हें बिना जरूरत तारीखें भुगतनी पड़ रही हैं, जबकि आदेश स्पष्ट रूप से माफी का है।

    सुप्रीम कोर्ट की माफी के बावजूद हजारों चालान लंबित होना सिस्टम की गंभीर लापरवाही को उजागर करता है। जब तक विभाग पोर्टल अपडेट नहीं करता और माफी को स्वतः लागू नहीं करता, तब तक जनता को राहत मिलना मुश्किल है। इस मामले में पुलिस, परिवहन विभाग और कोर्ट के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत है, जिससे लोगों को अनावश्यक कानूनी प्रक्रिया से मुक्ति मिल सके।

     

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