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    30 जनवरी के बाद ही गूंजेंगी शहनाइयां! खरमास और शुक्र अस्त ने डेढ़ महीने टाले विवाह मुहूर्त

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 06:23 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में खरमास और शुक्र अस्त के कारण विवाह के शुभ मुहूर्त 30 जनवरी तक के लिए टल गए हैं। शहनाइयां अब जनवरी के अंत में ही गूंजेंगी। ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। 15 दिसंबर से लगने वाले खरमास और 13 दिसंबर से 30 जनवरी तक रहने वाले शुक्र अस्त की वजह से इस बार डेढ़ महीने तक मांगलिक कार्यों पर विराम लगने जा रहा है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार शुभ ऊर्जा की कमी और ग्रहों की अशुभ स्थिति के चलते विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन और अन्य मंगल कार्य नहीं होते हैं। ऐसे में 30 जनवरी के बाद ही दोबारा शहनाइयां गूंजेंगी।

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    अब तक देवउठनी एकादशी के बाद लगातार डेढ़ महीने तक मांगलिक कार्य चल रहे थे, लेकिन 15 दिसंबर से सहालग एक बार फिर रुकने वाले हैं। मकर संक्रांति 14 जनवरी को है, बावजूद इसके विवाह के शुभ समय 30 जनवरी से पहले शुरू नहीं हो पाएंगे, क्योंकि इस अवधि में शुक्र तारा अस्त रहेगा।

    खरमास क्या होता है

    खरमास वह अवधि है, जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं। इन राशियों में सूर्य की ऊर्जा कमजोर मानी जाती है। मान्यता है कि सूर्य की कमजोर स्थिति में किए गए मांगलिक कार्यों का फल शुभ नहीं मिलता। इसी वजह से इस पूरे एक महीने में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे संस्कार वर्जित रहते हैं। हालांकि पूजा-पाठ, कथा, हवन और दान-पुण्य को इस अवधि में अत्यंत शुभ माना गया है।

    शुक्र अस्त क्यों होते हैं और इसका क्या प्रभाव पड़ता है?

    शुक्र ग्रह विवाह, सौंदर्य, प्रेम, दांपत्य, समृद्धि और शुभ संस्कारों का कारक माना जाता है। जब शुक्र तारा सूर्य के अत्यधिक निकट आ जाता है, तो उसकी चमक क्षीण हो जाती है। इसे ही शुक्र अस्त कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार अस्त हुए शुक्र की अवधि में विवाह जैसे मांगलिक कार्य शुभ फल नहीं देते।

    इस बार 13 दिसंबर से 30 जनवरी तक शुक्र अस्त रहेंगे, इसलिए मकर संक्रांति के बाद भी विवाह मुहूर्त उपलब्ध नहीं होगा। ज्योतिषाचार्य जगदीश प्रसाद कोठारी बताते हैं कि इस बार शुक्र अस्त और खरमास एक साथ पड़ रहे हैं, जिससे सहालग करीब डेढ़ महीने तक पूरी तरह बंद रहेंगे।

    फरवरी और मार्च में शुभ मुहूर्त

    4 से 13 फरवरी, 19 से 21 फरवरी, 24 फरवरी से 3 मार्च तक शुभ मुहूर्त उपलब्‍ध रहेंगे। इसके बाद होलाष्टक लगने से मांगलिक कार्य फिर रुक जाएंगे।

    पूजा-पाठ रहेगा शुभ, विवाह समारोहों को करना होगा इंतजार

    खरमास में लोग दान, कथा, पूजा और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। माना जाता है कि इस अवधि में आध्यात्मिक कार्यों से अधिक पुण्य प्राप्त होता है। इसलिए 15 दिसंबर से 30 जनवरी तक विवाह रुके रहेंगे, पर श्रद्धा और भक्ति के कार्यक्रम खुले रहेंगे।

     

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