मुरादाबाद मंडल में बाल अपराध मामलों का बढ़ता ग्राफ, सजा में तेजी, पर अपराध कम नहीं
बच्चियों से अपराध पर सख्ती के बावजूद घटनाएं जारी हैं। 2021‑2025 के बीच दुष्कर्म के मामलों में मामूली उतार‑चढ़ाव रहा, मगर सज़ाओं में तेजी आई है। मुरादाबाद मंडल में कोर्ट ने फास्ट ट्रैक सुनवाई से सैकड़ों आरोपितों को दोषी ठहराया, मगर अपराध का ग्राफ स्थिर बना हुआ है।

प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। बच्चियों के साथ हो रहे अपराध को लेकर शासन से लेकर पुलिस तक सख्त है। पुलिस अपने स्तर से कार्रवाई करके आरोपितों को सबक सिखा रही है तो फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से ट्रायल कराकर आरोपितों को तेजी से सजा कराई जा रही है। संभल में एक मामले में चार्जशीट दाखिल होने के दस दिन बाद कोर्ट ने आरोपित को दोषी करार देते हुए सजा सुना दी।
रामपुर में भी एक मामले में बालिका से दुष्कर्म के 45 दिन में हरदोई के युवक को 20 साल की सजा सुनाई, लेकिन इसके बाद भी मंडल भर के पांचों जिलों में घटनाएं बरकरार हो रही है। साल 2021 से 2025 के बीच का अपराध बता रहा है कि हर साल करीब बालिकाओं के साथ दुस्साहस की घटना बराबर हुई है। आरोपितों कोर्ट द्वारा सजा सुनाने में तेजी आई है।
बच्चियों के साथ होने वाले दुस्साहस की घटनाओं को रोकने के लिए शासन काफी सख्त रहता है। इतना ही नहीं समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं। योगी सरकार ने सत्ता में आते ही एंटी रोमियो टीम का भी गठन किया था। अब हर थाने में मिशन शक्ति केंद्र भी बनाए गए है, लेकिन मंडल के मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, रामपुर और बिजनौर का क्राइम आकड़ा बताता है कि हर साल बालिकाओं के साथ दुस्साहस की घटनाएं लगभग बराकर हो रही है। उसमें किसी तरह की कमी नहीं आ रही है।
मंडल के पांचों जिलों में वर्ष 2021 में बालिकाओं के साथ 453 घटनाएं दुष्कर्म की हुई। वहीं 2022 में बढ़कर 503 हो गई तो 2023 में फिर से ग्राफ बढ़ा और 522 घटनाएं हुई, लेकिन वर्ष 2024 में कुछ ग्राम हुआ और घटना 500 से नीचे आई, लेकिन फिर 485 बालिकाओं के साथ दुस्साहस हुआ। वहीं वर्ष 2025 में अब तक 477 घटनाएं सामने आ चुकी है। यह आकड़ा 500 से पार जा सकता है। क्योंकि इस साल अक्टूबर माह तक ही 477 घटनाएं हुई है।
कोर्ट के माध्यम से पुलिस आरोपितों को तेजी से सजा दिलाने में कामयाब हो रही है। हर साल सजा का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। साल 2022 में मंडल के कोर्ट ने 463 आरोपितों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई तो 2023 में यह आकड़ा बढ़कर 694 हो गया। वहीं वर्ष 2024 में भी 626 आरोपितों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। इस साल 171 आरोपितों को दोषी करार सजा सुना दी है। यह आकड़ा अभी इस साल और बढ़ेगा क्योंकि पुलिस ने 398 आरोपितों पर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया है।
बिजनौर जिले में साल दर साल बढ़ता गया ग्राफ
जनपद बिजनौर में बालिकाओं के साथ साल दर साल अपराध बढ़ता गया। साल 2021 में 94 बालिकाओं के साथ दुस्साहस हुआ तो अगले साल बढ़कर यह आकड़ा 118 हो गया। जबकि वर्ष 2023 में 150 बालिकाओं के साथ घटनाएं हुई तो 2024 में 151 बालिकाओं के साथ आरोपितों ने दुस्साहस किया। इस साल अक्टूबर तक 127 घटनाएं सामने आ चुकी है। ऐसे में यह आकड़ा पिछले साल से भी अधिक हो सकता है।
बालिका से दुष्कर्म के 45 दिन में हरदोई के युवक को 20 साल की सजा
रामपुर दुष्कर्म के मामले में जिले की पाक्सो एक्ट कोर्ट बाल यौन शोषण से संबंधित मुकदमों की त्वरित सुनवाई कर रही है। 21 सितंबर 2024 को न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पोक्सो एक्ट) रामगोपाल सिंह बालिका से दुष्कर्म के मामले में मात्र 12 तारीखों में सुनवाई पूरी कर फैसला सुना दिया। दोषी को 20 साल के कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में पुलिस ने भी सक्रियता दिखाते हुए 14 दिन में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया था। 21 अगस्त को न्यायालय ने आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और 27 अगस्त को आरोप तय कर दिए थे।
दस दिन में सुनाई कोर्ट ने सजा
चंदौसी विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अवधेश कुमार सिंह की अदालत ने सोमवार एक महत्वपूर्ण मामले में निर्णय सुनाया। न्यायालय ने युवक को किशोरी से दुष्कर्म और अपहरण करने का दोषी मानते हुए उसे दस साल की सजा सुनाई है। साथ ही 23 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। चार्जशीट फाइल होने के दस दिन के अंदर कोर्ट ने यह सजा सुनाई है।

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