मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। रेलवे की चिकित्सा व्यवस्था का सच शुक्रवार रात सामने आया। रेलवे स्टेशन पर घायल यात्री तड़पता रहा, इलाज के लिए मिन्नतें करता रहा। डाक्टर ने रुई (काटन) न होने की बात कहकर इलाज करने से इन्कार कर दिया। घायल को अन्य यात्रियों ने 108 एंबुलेंस बुलाकर जिला अस्पताल भिजवाया।

देहरादून जा रहा था मजदूर, प्‍लेटफार्म पर गिरने से लगी चोट

बिहार के किशनगंज निवासी बाबुल मजदूरी करने देहरादून जा रहे थे। किशनगंज से मुरादाबाद तक रात 9.50 बजे पहुंचे और ट्रेन से उतरते समय प्लेटफार्म पर गिर पड़े। वह खून से लथपथ हो गए। यात्रियों ने उन्हें उठाकर किनारे बैठाया। उसी समय सत्याग्रह एक्सप्रेस में बीमार यात्री के इलाज करने के लिए रेलवे के चिकित्सक व स्टाफ पहुंचा। यात्रियों ने घायल का तत्काल पट्टी करने और एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाने का अनुरोध किया।

रेलवे चिकित्‍सक ने किया इलाज से इंकार

रेलवे के चिकित्सक ने कहा कि उसके पास इलाज के लिए रुई नहीं हैं, इसलिए पट्टी नहीं करेंगे। वह ट्रेन में बीमार यात्री को देखने आए हैं और चिकित्सक घायल यात्री को छोड़कर प्लेटफार्म पर चले गए। एक यात्री ने गमछा से खून बहने वाले स्थान को बांध दिया। जीआरपी इंस्पेक्टर सुधीर कुमार ने बताया कि घायल यात्री की सूचना मिलते जीआरपी के जवान पहुंच गए थे। रेलवे के चिकित्सक ने इलाज नहीं किया तो 108 एंबुलेंस बुलाकर जिला अस्पताल भिजवा दिया है।

Edited By: Vivek Bajpai