अमरोहा, जागरण संवाददाता। Case of Punishment in Love Jihad: किशोरी का अपहरण कर मतांतरण कराने के मामले में न सिर्फ बेटी अपने बयान पर डटी रही बल्कि स्वजन ने भी मजबूती के साथ पैरवी की थी। वहीं मामला दो संप्रदाय के बीच का होने के कारण हसनपुर पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए दो दिन के भीतर दोनों को बरामद किया था। कुल मिलाकर 17 महीने और 62 तारीख में यह फैसला आया और अरमान कोहली बनकर किशोरी को प्रेमजाल में फंसाने वाले अफजाल को सजा हुई।
जिले में मतांतरण कर शादी करने का प्रयास व लव जिहाद के कई मामले में पंजीकृत हुए हैं। अधिकांश अदालत में विचाराधीन भी हैं। परंतु हसनपुर का यह मामला वर्ष 2021 में काफी चर्चा में रहा था। माहौल बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर हसनपुर पुलिस ने भी इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए मात्र दो दिन के भीतर दोनों को दिल्ली से बरामद किया था।
लव जिहाद के इस मामले में बेटी ने हर बार अदालत को अपने ठोस बयान दिए तथा गुनाहगार को सजा दिलाने में पीछे नहीं रही। वहीं उसके स्वजन भी इस मामले की मजबूत पैरवी करते रहे। जिसके चलते अदालत दोषी मोहम्मद अफजाल को सजा देने में कामयाब रही। विशेष लोक अभियोजक बसंत सिंह सैनी ने बताया कि सुनवाई के दौरान दोषी बार-बार खुद को फंसाने की दलील दे रहा था। परंतु दोनों की वाट्सएप चेटिंग भी मजबूत साक्ष्य बनी और अंत में दोषी का पांच साल की जेल व 40 हजार रुपये जुमाने की सजा हुई।
17 महीना में आया फैसला
लव जिहाद व मतांतरण के इस मामले में घटना से 17 महीना के भीतर अदालत का फैसला आया है। विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि इस दौरान मुकदमे की सुनवाई के लिए 62 तारीख लगी थीं। विवेचक गजेंद्र शर्मा ने ठोस विवेचना कर अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी।