Health Tips : बदलते मौसम में बच्चों को हो रहा निमोनिया, बचाव के लिए क्या करें, क्या कहते हैं डॉक्टर
Changing Weather News मौसम बदल रहा है। शुक्रवार-शनिवार की बारिश से मौसम में ठंडक शुरू हो चुकी है। बच्चों के खानपान में बदलाव की जरूरत है। बच्चे निमोनिया की चपेट में आ रहे हैं। जिला अस्पताल का बच्चा वार्ड निमोनिया से पीड़ित बच्चों से भर चुका है।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Changing Weather News : मौसम बदल रहा है। शुक्रवार-शनिवार की बारिश से मौसम में ठंडक शुरू हो चुकी है। बच्चों के खानपान में बदलाव की जरूरत है। बच्चे निमोनिया की चपेट में आ रहे हैं। जिला अस्पताल का बच्चा वार्ड निमोनिया से पीड़ित बच्चों से भर चुका है।
अस्पतालों में बच्चा वार्ड फुल
बड़े भी बुखार, सिरदर्द और खांसी की समस्या से पीड़ित हो रहे हैं। बड़ों के साथ-साथ बाल रोग विशेषज्ञ के यहां बुखार, सिरदर्द, सीने में जकड़न आदि से पीड़ित बच्चों की संख्या अधिक है। प्राइवेट अस्पतालों में तो हालत यह है कि बच्चा वार्ड फुल हो चुके हैं। चिकित्सक सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
बच्चों को पौष्टिक आहार देने की सलाह
ऐसे में बच्चों को पौष्टिक आहार दें। रखा हुआ भोजन न खाएं। फ्रिज में रखा खाने का सामान इस्तेमाल न करें। इसके साथ जो बच्चे मां का दूध पीते हैं। उन्हें नियमित मां का दूध ही पिलाएं। इससे उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। बुखार आने पर फौरन चिकित्सक को दिखाना है।
बचाव के लिए ये करें
- ठंडे पेय पदार्थ न दें
- बाहरी खानपान से बच्चों को परहेज कराएं
- बुखार का टेम्प्रेचर बढ़ने न दें
- घर का बना हुआ पौष्टिक आहार दें
- हरी सब्जियों के साथ फल खिलाएं
- बच्चे के सिर में दर्द हो तो फौरन परामर्श करें
- बुखार की दवा नियमित देते रहें
- फ्रिज में रखा खानपान का सामान बच्चों को न दें
- खाना तैयार होने के तीन घंटे में सेवन करें
दोपहर 12 बजे तक हुई ओपीडी
जिला अस्पताल की सेकंड शनिवार को दोपहर 12 बजे तक ओपीडी हुई। इसमें जनरल फिजिशियन डा. रामकिशोर के पास बुखार के मरीजों की संख्या डेढ़ सौ के करीब थी। इसके साथ ही इमरजेंसी कक्ष से वार्ड में भी बुखार के मरीजों को भर्ती किया गया था।
क्या कहते हैं बाल रोग विशेषज्ञ
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र कुमार ने बताया कि बारिश से मौसम बिलकुल बदल चुका है। बच्चों की सेहत पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ठंडे पेय पदार्थ का सेवन नहीं करने दें। पौष्टिक आहर दें। बच्चे को बुखार के साथ सीने में खर्र-खर्र और सिर में दर्द की शिकायत हो तो परामर्श लेने में देरी न करें। जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में नौ बच्चे भर्ती हैं।
डॉ. रवि गंगल का कहना है कि एक माह से पांच साल तक के बच्चों में निमोनिया की शिकायत देखने को मिल रही है। कुछ बच्चों को निमोनिया की वजह से सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। ऐसे हालात में बच्चे को घर पर न रखें। फौरन ही बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें। समय से उपचार मिलने से बच्चे की परेशानी दूर होगी।
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