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    GSTR-9 और 9C की डेडलाइन करीब: ₹200 प्रतिदिन की पेनल्टी से बचना है, तो आज ही करें मिलान

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 11:03 PM (IST)

    जीएसटीआर-9 और 9सी फाइल करने की अंतिम तिथि नजदीक है। करदाताओं को प्रतिदिन ₹200 की पेनल्टी से बचने के लिए जल्द से जल्द अपना रिटर्न दाखिल करना होगा। समय ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने को लेकर महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। केंद्र सरकार द्वारा जीएसटीआर-9 और जीएसटीआर-9 सी की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 निर्धारित है।

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    टैक्स विशेषज्ञों के अनुसार, समय रहते रिटर्न फाइल न करने पर करदाताओं को भारी जुर्माने के साथ विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। जीएसटीआर-9 को जीएसटी के तहत वार्षिक रिटर्न कहा जाता है। इसमें पूरे वित्त वर्ष के दौरान दाखिल किए गए मासिक अथवा त्रैमासिक रिटर्न (जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-थ्री बी) का विवरण दिया जाता है।

    नियमानुसार, जिन व्यापारियों या संस्थानों का सालाना टर्नओवर दो करोड़ तक है, उनके लिए जीएसटीआर-9 दाखिल करना वैकल्पिक रखा गया है। हालांकि दो करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले सभी पंजीकृत करदाताओं के लिए यह रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है। यदि कोई करदाता निर्धारित समय सीमा तक जीएसटीआर-9 दाखिल नहीं करता है, तो उस पर 100 रुपये प्रतिदिन की दर से लेट फीस लगेगी।

    इसमें 50 रुपये केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और 50 राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) शामिल है। देरी बढ़ने पर जुर्माने की राशि भी लगातार बढ़ती जाती है, जिससे करदाताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ सकता है। चार्टर्ड अकाउंट अभिनव अग्रवाल के अनुसार, जीएसटीआर-9 सी को समाधान विवरण या रीकंसिलिएशन स्टेटमेंट कहा जाता है।

    यह आडिटेड फाइनेंशियल स्टेटमेंट और जीएसटी रिटर्न में दर्शाए गए आंकड़ों के मिलान के लिए दाखिल किया जाता है। जिन करदाताओं का सालाना टर्नओवर पांच करोड़ रुपये से अधिक है, उनके लिए जीएसटीआर-9सी दाखिल करना अनिवार्य है। इस रिटर्न को चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा प्रमाणित किया जाना जरूरी होता है।

    जीएसटीआर-9सी देर से दाखिल करने पर 200 रुपये प्रतिदिन की दर से लेट फीस लगती है, जिसमें 100 रुपये सीजीएसटी और 100 रुपये एसजीएसटी शामिल हैं। टैक्स अधिवक्ता शिशिर गुप्ता के अनुसार, वार्षिक रिटर्न दाखिल करने से पहले पूरे वर्ष के लेनदेन, टैक्स भुगतान और आईटीसी का सही मिलान कर लेना चाहिए।

    समय पर और सही तरीके से फाइलिंग करने से न केवल जुर्माने से बचा जा सकता है, बल्कि भविष्य में किसी भी प्रकार की विभागीय कार्रवाई या जांच से भी राहत मिलती है। व्यापारियों से अपील है कि वे अंतिम तारीख का इंतजार न करें और समय रहते अपने दस्तावेज तैयार कर रिटर्न दाखिल करें।

     

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