UP Police : मुरादाबाद पुलिस का खेल, घर से भागी युवती बरामद, कहानी में कई झोल, बाल कल्याण समिति ने उठाए सवाल
पीड़ित ने बताया कि 16 मई को पुलिस ने गाजियाबाद से उनकी पुत्री के साथ आरोपित को पकड़ लिया था। इस दौरान वह उनके साथ थे। पुलिस ने 17 मई को लड़की को चाइल्ड लाइन भेज दिया गया।
मुरादाबाद, जेएनएन। संविधान और कानून की रक्षा करने वाली पुलिस खुद नियमों को लेकर कितनी लापरवाही है यह बात किसी से छुपी नहीं है। नियमों को तोड़-मरोड़ कर रास्ता निकालना पुलिस को बखूबी आता है। लेकिन कभी-कभी दामन पर लगे दाग को धुलने की चक्कर में पुलिस गलती कर बैठती है। कुछ ऐसी ही गलती मुगलपुरा थाना पुलिस और उनके उच्च अधिकारियों से हो गई है।
बीते 13 मई एक व्यक्ति ने एक शिकायत पत्र मुगलपुरा थाने में दिया था। इस शिकायत पत्र में उन्होंने कहा था कि उसकी पुत्री को एक युवक बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया है। पुलिस ने 14 मई को इस शिकायत पत्र के आधार पर मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी। पीड़ित ने बताया कि 16 मई को पुलिस ने गाजियाबाद से उनकी पुत्री के साथ आरोपित को पकड़ लिया था। इस दौरान वह उनके साथ थे। पुलिस ने 17 मई को लड़की को चाइल्ड लाइन भेज दिया गया। इस दौरान पीड़ित ने एक और प्रार्थना पत्र एसएसपी कार्यालय को दिया, इसमें उन्होंने पुलिस पर सहयोग न करने और थाने में मौजूद रहने वाले एक व्यक्ति पर 20 हजार रुपये मांगने का आरोप लगाया। इस शिकायत पर जब कार्रवाई शुरू हुई तो पुलिस ने लड़की को बालिग बताते हुए 26 मई को कोर्ट में हाजिर कर दिया। लड़की के बयान दर्ज होने के बाद कोर्ट ने उसकी इच्छा के अनुसार भेज दिया। इस दौरान पुलिस ने खुद पर लगे आरोपों पर श्वेतपत्र जारी करते हुए पिता को आरोपित बताते हुए लड़की के बालिग होने की बात कही। अब लड़की की सुपुर्दगी को लेकर बाल कल्याण समिति ने सवाल खड़े कर दिए हैं। बाल कल्याण समिति ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ ही थाना प्रभारी को पत्र भेजकर जवाब मांगा है कि बीते 21 मई को मेडिकल के लिए लड़की चाइल्ड लाइन से गई थी। लेकिन, इसके बाद उसे बाल कल्याण समिति के सामने नहीं पेश किया गया। इसके साथ ही लड़की को सुपुर्दगी के संबंध में भी उन्हें जानकारी नहीं दी गई। बाल कल्याण समिति ने यह भी पुलिस से जानकारी मांगी है कि चाइल्ड लाइन से जाने के बाद और हाजिर करने के दौरान लड़की चार दिनों तक किस की सुपुर्दगी में थी। इन सवालों को लेकर पुलिस अपने ही जाल में फंसती हुई नजर आ रही है। इस प्रकरण में जल्दबाजी करने के बाद पुलिस ने कई स्थानों में चूक कर दी है।
खास को बचाने में जुटी पुलिस
पीड़ित ने आरोप लगाए हैं कि उसने जो शिकायत की थी, वह निराधार नहीं थी। जिस व्यक्ति ने उससे 20 हजार रुपये मांगे थे, वह दिनभर थाने में बैठता है। वहीं युवती को बरामद करवाने के लिए वह पुलिस टीम के साथ गाजियाबाद तक गया था। इसके बाद वह मेरे घर आकर पांच सौ रुपये ले गया था। इसके अगले दिन 20 हजार रुपये देने पर लड़की वापस कराने की बात कही थी। पुलिस अभी तक इस व्यक्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं जुटा सकी है। जबकि यह व्यक्ति पुलिस के साथ छापेमारी की कार्रवाई के दौरान भी मौजूद था।
बोले जिम्मेदार
पुलिस आयोग के निर्देशों को लेकर सक्रिय नहीं है। नियमानुसार मुकदमा दर्ज करने के बाद ही पूरी कार्रवाई की जानकारी बाल कल्याण समिति को देनी चाहिए। यह मामला गंभीर है। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी जाएगी।
डॉ. विशेष गुप्ता, अध्यक्ष, बाल अधिकार संरक्षण आयोग, उत्तर प्रदेश
लड़की बालिग थी। कोर्ट में बयान दर्ज कराने के बाद लड़की के बालिग होने के कारण उसकी इच्छानुसार जाने की इजाजत प्रदान की गई थी। युवती पिता के साथ नहीं जाना चाहती थी। चाइल्ड लाइन के पत्र का नियमानुसार जवाब दिया जाएगा।
अमित कुमार आनंद, एसपी सिटी,मुरादाबाद
चाइल्ड लाइन से युवती के जाने के बाद उसके संबंध में पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी। इस संबंध में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और थाना प्रभारी को पत्र भेजकर रिपोर्ट मांगी गई है। नियमानुसार लड़की की सुपुर्दगी और उसके मेडिकल संबंधी जानकारी बाल कल्याण समिति को देनी चाहिए।
गुलजार अहमद, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति
बीते 17 मई को मुगलपुरा पुलिस एक युवती को लेकर आई थी, इसके बाद 21 मई को महिला कांस्टेबल की सुरक्षा में युवती को मेडिकल के लिए भेजा गया था, इसके बाद हमें उसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।
श्रद्धा शर्मा, प्रभारी अधिकारी,चाइल्ड लाइन
युवती के पिता ने जो आरोप लगाए थे, वह जांच में निराधार पाए गए हैं। युवती को बरामद करने के बाद चाइल्ड लाइन भेज दिया गया था। इसके बाद उसे सीधे कोर्ट में हाजिर करके बयान दर्ज कराने की कार्रवाई की गई थी। युवती के बालिग होने के कारण उसकी इच्छा के अनुसार उसकी सुपुर्दगी देने की कार्रवाई की गई है।
सतीश कुमार, थाना प्रभारी, मुगलपुरा
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