31 दिसंबर तक जमा करें FY 2025-26 का इनकम टैक्स, इतनी आय वालों को मिलेगी लेट फीस से छूट
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए इनकम टैक्स 31 दिसंबर तक जमा करें। आयकर विभाग ने करदाताओं को समय सीमा का पालन करने की सलाह दी है। कुछ विशेष आय वर्ग के लोगो ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। मुरादाबाद में अभी भी ऐसे बड़ी संख्या में करदाता हैं जिन्होंने कर निर्धारण वर्ष 2025-26 का आयकर रिटर्न अब तक दाखिल नहीं किया है।
आयकर विभाग के नियमों के अनुसार ऐसे करदाता 31 दिसंबर 2025 तक लेट फीस के साथ अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। कर विशेषज्ञों का कहना है कि समय रहते रिटर्न दाखिल करना करदाताओं के हित में है, ताकि अतिरिक्त ब्याज और कानूनी परेशानी से बचा जा सके।
यदि करदाता नए टैक्स स्लैब के अंतर्गत आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं और उनकी वार्षिक आय तीन लाख रुपये तक है, तो उन्हें किसी प्रकार की लेट फीस नहीं देनी होगी। वहीं, जिन करदाताओं की आय तीन लाख रुपये से अधिक और पांच लाख रुपये से कम है, उन्हें एक हजार रुपये की लेट फीस देनी होगी।
जिन करदाताओं की आय पांच लाख रुपये से अधिक है, उनके लिए लेट फीस की राशि पांच हजार रुपये निर्धारित की गई है। इसके अतिरिक्त जिन करदाताओं की आय कर योग्य सीमा से अधिक है और उन्होंने अब तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, उन्हें लेट फीस के साथ-साथ ब्याज भी देना होगा।
आयकर रिटर्न जितनी देर से दाखिल किया जाएगा, ब्याज की राशि उतनी ही अधिक बढ़ती जाएगी। कर अधिवक्ता गौरव गुप्ता ने बताया कि ऐसे करदाता जिनका टीडीएस कट चुका है, लेकिन वे किसी कारणवश आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए हैं, वे 31 दिसंबर 2025 तक रिटर्न दाखिल कर अपना आयकर रिफंड प्राप्त कर सकते हैं।
हालांकि, यदि कर निर्धारण वर्ष 2025-26 का आयकर रिटर्न 31 दिसंबर 2025 तक दाखिल नहीं किया जाता है, तो करदाता को आयकर रिफंड का लाभ नहीं मिलेगा।
कर अधिवक्ता सैयद आरिफ अली ने बताया कि आयकर रिटर्न दाखिल करने से पहले करदाताओं को सलाह दी गई है कि वे अपना फार्म 26 एएस और एआईएस अवश्य जांच लें। इन दस्तावेजों में दर्ज आय, टीडीएस और अन्य वित्तीय जानकारियों का मिलान करने के बाद ही आयकर विवरणी दाखिल करनी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की त्रुटि न रह जाए।
इसके अलावा, ऐसे करदाता जिन्होंने कर निर्धारण वर्ष 2025-26 का आयकर रिटर्न दाखिल तो कर दिया है, लेकिन उसमें कोई आय या सूचना छूट गई है या किसी गलत छूट का दावा कर लिया गया है, उन्हें आयकर विभाग द्वारा ई-मेल और एसएमएस के माध्यम से संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
वहीं, जिन करदाताओं ने अब तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, उन्हें भी विभाग द्वारा लगातार मेल और एसएमएस भेजकर रिटर्न दाखिल करने की अपील की जा रही है। आयकर रिटर्न भरते समय सही और सटीक आंकड़ों का प्रयोग करना चाहिए। गलत जानकारी देने पर बाद में नोटिस आ सकता है, जिससे करदाता को परेशानी और समय की बर्बादी का सामना करना पड़ सकता है।

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