कुत्तों के प्यार में बुजुर्ग दंपती और पड़ोसियों के बीच छिड़ी जंग; थाने में डॉग की पेशी, फिर भी नहीं मिला 'घर'
Moradabad News In Hindi मुरादाबाद में एक बुजुर्ग दंपती और उनके कुत्तों के बीच पड़ोसियों का विवाद सुर्खियों में है। दंपती के घर में कथित तौर पर 18 कुत्ते हैं जिससे मोहल्ले के लोग परेशान हैं। मामला थाने तक पहुंच गया है और पूर्व सांसद मेनका गांधी ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया है। जानिए पूरी कहानी इस रिपोर्ट में।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। एक ओर कुत्तों से प्रेम करने वाले बुजुर्ग दंपती और दूसरी ओर परेशान पड़ोसी। यह 'जंग' तीसरे दिन भी सुर्खियों में रही। मोहल्लों वालों के विरोध के बीच बुजुर्ग दंपती के घर का दरवाजा तीसरे दिन गुरुवार को खुला तो पूरी कहानी सामने आ गई। पता चला कि एक तरफ बुजुर्ग दंपती बेजुबानों का सहारा है तो दूसरी ओर उनसे परेशान मोहल्ले वाले। मामला थाने तक पहुंचा।
कुत्तों की पेशी हुई। बुजुर्ग दंपती ने पूरी कहानी बताते हुए कुत्तों को फिर घर ले जाने की बात कही मगर पुलिस की मौजूदगी में। पुलिस ने निगम का मामला बताया तो मोहल्ले वालों के विरोध के चलते दंपती कुत्तों को घर नहीं ले गए। फिलहाल, पीपुल्स फॉर एनीमल की जिलाध्यक्ष करूणा शर्मा की निगरानी में कुत्ते हैं। मामले में पूर्व सांसद मेनका गांधी ने भी अफसरों से बात की।
दो दिन पहले हुआ था हंगामा
मानसरोवर कॉलोनी पटवाई हाउस के पास बुजुर्ग दंपती बीएल शर्मा और कमलेश शर्मा रहती हैं। दो दिन पूर्व पड़ोसी व मोहल्ले की महिलाओं ने यह कहते हुए हंगामा किया था कि बुजुर्ग दंपती के घर 18 कुत्ते हैं। रात में रोते हैं जिससे सभी परेशान हैं। नींद पूरी नहीं हो रही और लोग बीमार हो रहे। दूसरे दिन महिलाएं धरने पर बैठ गईं। कुत्तों को निकाले जाने की जिद पर अड़ गई। इस बीच बुजुर्ग दंपति ने घर का दरवाजा नहीं खोला। निगम टीम वापस लौट गई। दंपती ने बात देहरादून में रह रही बेटी ओजस्वी शर्मा को बताई।

पीपुल्स फॉर एनीमल्स की टीम पहुंची
पीपुल्स फॉर एनीमल्स की जिलाध्यक्ष करूणा शर्मा को उन्होंने जानकारी दी। वह भी पहुंची। तब जाकर बुजुर्ग दंपति ने घर का दरवाजा खोला। दरवाजा खुलते ही मोहल्ले के लोगों के 18 कुत्तों का दावा खारिज हो गया। करूणा शर्मा के अनुसार, बुजुर्ग दंपती के घर सिर्फ चार कुत्ते व छह पिल्ले हैं। बेजुबानों के प्रति दंपती के प्रेम का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि सभी का मां पार्वती क्लीनिक से वैक्सीनेशन भी करा रखा है। नियमित उनकी देख-रेख होती है।
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देशी नस्ल के हैं कुत्ते
बुजुर्ग दंपती ने देहरादून में परिचित से बात कर कुत्तों को रखवाने की बात भी कर ली और उन्हें ले जाने लगे। इस बीच अरुणा शर्मा संग थाने पहुंचे और कहा कि सभी देशी नस्ल के कुत्ते हैं। छह पिल्ले हैं, यदि इन्हें घर में ही रखने की अनुमति मिल जाए। इस पर मझोला पुलिस ने मामला निगम का बताया। तब दंपती ने गुहार करते हुए कहा कि बेजुबानों को घर तक ले जाना है। कोई पुलिसकर्मी साथ में भेज दें, नहीं तो माेहल्ले में फिर विरोध शुरू हो जाएगा। मगर, बात नहीं बनी जिसके बाद अरूणा शर्मा की निगरानी में बेजुबान रखे गए हैं। शुक्रवार को मसले का हल निकलने की संभावना है।
पीएफए की सदस्य संग बुजुर्ग दंपती आए थे। कुत्तों को वापस घर भिजवाने की बात कह रहे थे। दंपती को बताया गया कि मसला निगम के कार्यक्षेत्र का है। यदि निगम कोई सहयोग मांगता है तो किया जाएगा। मामले में सीधे तौर पर पुलिस का कोई लेना-देना नहीं है। - शैलेंद्र कुमार सिंह, प्रभारी इंस्पेक्टर, मझोला
18 कुत्तों की बात गलत है। सिर्फ चार कुत्ते हैं और छह पिल्ले हैं। बुजुर्ग दंपति की ओर से सभी का वैक्सीनेशन कराया गया है। बेजुबानों की सेवा के लिए किसी भी रजिस्ट्रेशन या अनुमति की जरूरत नहीं होती। बेवजह उन्हें परेशान किया जा रहा है। कुत्तों को लेकर थाने पहुंचे, मगर सुनवाई नहीं हुई। - करूणा शर्मा, जिलाध्यक्ष, पीएफए

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