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    शासन की कार्रवाई से मची खलबली, मुरादाबाद से अमरोहा तक विवादों में घिरे DPRO वाचस्पति निलंबित

    शासन ने जिला पंचायत राज अधिकारी वाचस्पति झा को निलंबित कर दिया है। उन पर याचिका समिति के निर्देशों का पालन न करने और लापरवाही का आरोप है। इससे पहले अमरोहा में भी उन पर अनियमितता के आरोप लगे थे। मुरादाबाद में डींगरपुर के एक मामले में उन्होंने खुद मौके पर जाने की बजाय अधीनस्थ को भेजा जिससे विधान परिषद में नाराजगी हुई।

    By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Fri, 09 May 2025 10:58 AM (IST)
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    वाचस्पति झा, निलंबित, जिला पंचायत राज अधिकारी, मुरादाबाद l जागरण

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। शासन ने जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) वाचस्पति झा को याचिका समिति के निर्देशों की अवहेलना, लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के चलते निलंबित कर दिया है। इससे पहले भी उन पर अमरोहा में तैनात रहते हुए कार्यों में अनियमितता और मनमानी के आरोप लग चुके हैं, लेकिन कार्रवाई तब टलती रही। इस बार मुरादाबाद में उनकी मनमाने तरीके से कामकाज के व्यवहार ने जिला प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

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    मामला विकास खंड डींगरपुर (कुंदरकी) के ग्राम मिलक से जुड़ा है, जहां जुम्मा से शराफत हुसैन के घर तक 300 मीटर खड़ंजा निर्माण की मांग को लेकर याचिका समिति के सामने प्रकरण प्रस्तुत हुआ था। हैरानी तब हुई जब पता चला कि जिला पंचायत राज अधिकारी वाचस्पति झा ने खुद मौके पर जाने की बजाय अपने अधीनस्थ को जांच भेजा और वह भी महज रस्म अदायगी के तौर पर भ्रमण वाले दिन रिपोर्ट भेज दी। जबकि आदेश यह हुआ था कि डीपीआरओ को स्वयं मौके पर जाकर देखना है।

    वाचस्पति झा, निलंबित, जिला पंचायत राज अधिकारी, मुरादाबाद

    डीएम को भी समिति के सामने असहज स्थिति का सामना करना पड़ा

    विधान परिषद की याचिका समिति के सभापति ने इसे खुली अवमानना बताया और बैठक में तीखी नाराजगी जाहिर की। इसे लेकर डीएम को भी समिति के सामने असहज स्थिति का सामना करना पड़ा, क्योंकि पूरी जिम्मेदारी जिला स्तरीय अधिकारियों की थी। वाचस्पति झा की इस कार्रवाई को न सिर्फ निर्देशों की अवहेलना माना गया, बल्कि यह भी जाहिर हुआ कि उन्होंने विधान परिषद जैसे गरिमामयी संस्थान के मामलों में कोई रुचि नहीं ली।

    वाचस्पति झा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया

    सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वाचस्पति झा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999 के तहत अनुशासनिक कार्रवाई शुरू कर दी है। जांच अधिकारी के रूप में उपनिदेशक (पंचायत) योगेन्द्र कुमार कटियार को नियुक्त किया गया है, जिन्हें एक माह में रिपोर्ट देने का निर्देश है। बताया जा रहा है कि अमरोहा में भी वाचस्पति झा के खिलाफ पंचायत कार्यों में अनियमितता, बिना स्थलीय निरीक्षण रिपोर्ट भेजने और ठेकेदारों से साठगांठ जैसे आरोप सामने आए थे, लेकिन वहां मामला दबा दिया गया।

    एडीपीआरओ विवेकानंद पर चार्ज रहेगा

    इसके बाद भी मुरादाबाद में उन्हें फिर मौका दिया गया और नतीजा यह रहा कि पूरे सिस्टम की किरकिरी हो गई। एडीपीआरओ विवेकानंद पर चार्ज रहेगा। वहीं डीपीआरओ से इस संबंध में बात करने का प्रयास किया है लेकिन, उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। मुख्य विकास अधिकारी सुमित यादव ने बताया कि डीपीआरओ के निलंबन की सूचना मिली है।

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