दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या: मुरादाबाद कोर्ट ने 4 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई
मुरादाबाद कोर्ट का बड़ा फैसला! छेड़छाड़ के आरोप में दलित युवक शनि वाल्मीकि को पीट-पीटकर मार डालने वाले धर्मपाल सहित 4 दोषियों को आजीवन कारावास और ₹84,000 का जुर्माना। एससी-एसटी एक्ट के तहत सज़ा। न्याय की लड़ाई हुई सफल।
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प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। संभल के कुढ़फतेहगढ़ क्षेत्र के गांव अहलादपुर करार निवासी दलित युवक पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाकर उसकी पीट-पीटकर हत्या करने वाले चारों आरोपितों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार(एससी-एसटी एक्ट) की अदालत में चली थी। दोषी धर्मपाल, यशपाल, हरिओम और रुस्तम सिंह पर 21-21 हजार रुपये के अर्थदंड भी लगाया है।
संभल जिले के कुढ़फतेहगढ़ क्षेत्र के अहलादपुर करार निवासी प्रेम वाल्मीकि ने 23 सितंबर 2011 को गांव निवासी धर्मपाल, यशपाल, हरिओम और रुस्तम के खिलाफ हत्या, एससी एसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें प्रेम ने बताया कि उसके बेटे शनि पर धर्मपाल की पत्नी ने छेड़खानी करने का आरोप लगाया था। जिस कारण शनि घर छोड़कर चला गया था। 22 सितंबर 2011 की शाम करीब छह बजे शनि गांव लौट आया था।
इसके बाद शनि खेत पर घूमने चला गया था। चंद्रपाल के खेत में आरोपितों ने शनि को घेर लिया और उसकी लाठी डंडों से पिटाई की थी। जिसमें वह घायल हो गया था। इसके बाद चारों आरोपित शनि को कुढ़फतेहगढ़ थाने ले गए और वहां पुलिस के हवाले कर दिया था और शनि के खिलाफ ही प्राथमिकी दर्ज करा दी थी। पुलिस ने घायल शनि को चंदौसी के अस्पताल में इलाज कराया और मेडिकल कराया।
इसके बाद पुलिस उसे थाने ले गई थी थाने में उसकी दोबारा हालत बिगड़ गई तो पुलिस उसे जिला अस्पताल मुरादाबाद ले गई थी जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी। पुलिस ने चारों आरोपितों को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया जहां से आरोपित जेल भेज दिए गए थे। इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार(एससी-एसटी एक्ट) की अदालत में चली।
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने और साक्ष्यों के आधार पर इस मामले को गैर इरादतन हत्या मानते हुए सोमवार को फैसला सुनाया है। अदालत ने चारों आरोपितों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक आनंदपाल सिंह ने बताया कि कोर्ट ने धारा 147 में एक वर्ष की सजा एक हजार का जुर्माना, धारा 304 में दस वर्ष की सजा, दस हजार का जुर्माना एवं 3(2)5 एससी एसटी एक्ट में आजीवन कारावास और दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

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