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    कांग्रेस के स्टार प्रचारक आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा- बंगाल में कांग्रेस का लेफ्ट से गठबंधन बेमेल, चक्रव्यूह में फंसी ममता का दें साथ

    By Samanvay PandeyEdited By:
    Updated: Fri, 02 Apr 2021 01:08 AM (IST)

    कांग्रेस के स्टार प्रचारक और पार्टी महासचिव प्रियंका वाड्रा के राजनीतिक सलाहकार व कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में ही हार मान ली। उन्होंने कहा कि बंगाल में कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन ही बेमेल है।

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    प्रियंका के राजनीतिक सलाहकार ने बीच चुनाव स्वीकारी हार, आचार्य ने कहा, ममता संग मिलकर ही भाजपा को रोकना संभव।

    मुरादाबाद, (राघवेंद्र शुक्ल)। कांग्रेस के स्टार प्रचारक और पार्टी महासचिव प्रियंका वाड्रा के राजनीतिक सलाहकार व कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में ही हार मान ली। उन्होंने कहा कि बंगाल में कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन ही बेमेल है। यह भाजपा के मुकाबले में कहीं नहीं ठहरता। पार्टी न तो सरकार बनाने जा रही है, न ही ज्यादा सीटों पर लड़ पा रही है।

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    इतना ही नहीं, उन्होंने ममता से गठबंधन न करने के कांग्रेसी निर्णय पर भी सवाल उठाए। देश हित की दुहाई देते हुए भाजपा की बढ़ती ताकत के खिलाफ सभी दलों से एकजुट होकर बंगाल के चुनावी चक्रव्यूह में फंसी ब्राह्मण बेटी (ममता बनर्जी) के पक्ष में खुलकर खड़े होने की अपील की...। इन सबके बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ममता बनर्जी का समर्थन किया है। गहलोत ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा केंद्र सरकार पर राज्यों के फंड रोके जाने के आरोप का समर्थन किया है। गहलोत ने ट्विटर पर लिखा, इसे मैंने भी विधानसभा में उठाया था। केंद्र सरकार राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।

    पूरे देश में सुर्खियां बने बंगाल चुनाव पर आचार्य प्रमोद कृष्णम का बयान ऐेसे वक्त आया है, जब वहां पार्टी खुद को नेतृत्वविहीन महसूस कर रही है। कांग्रेस की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुद स्टार प्रचारक होने के बाद भी आचार्य ने एक भी दौरा बंगाल का नहीं किया है। माना जा रहा है कि भाजपा की स्थिति मजबूत होते देख ममता बनर्जी की ओर से मदद के लिए अन्य दलों से गुहार लगाने वाली चिट्ठी के सहारे आचार्य कांग्रेस की डूबती नैया को कुछ हद तक किनारे लाना चाहते हैं।

    हालांकि, गुरुवार को दैनिक जागरण से बातचीत में वे अपने बयान पर सियासी गणित भी समझाते दिखे। क्या कांग्रेस सिर्फ वोट कटवा और गठबंधन के लिए रह गई है..? इस सवाल पर आचार्य ने माना कि बंगाल में कांग्रेस कमजोर है। वह कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन के नेतृत्व में कुछ सीटों पर पार्टी मजबूत स्थिति में है। फिर भी भाजपा के खिलाफ वहां सभी विपक्षी दलों को एकजुट होना चाहिए, लेकिन वे भाजपा विरोधी वोटों का बंटवारा करने में जुटे हैं। विपक्षी दलों की विचारधारा समान है तो उन्हेंं एक साथ आना चाहिए। उन्होंने यह भी माना कि ममता बनर्जी के बजाय लेफ्ट से गठबंधन करके कांग्रेस ने गलती की।

    ममता की चिट्ठी का बचाव, बताया योद्धा

    ममता की चिट्ठी का उन्होंने यह कहते हुए बचाव किया कि जब युद्ध होता है तो योद्धा आसपास की रियासतों से मदद मांगता है। ममता बनर्जी ने वही किया है। वह अकेले कौरवों से लड़ रहीं है। अभिमन्यु की तरह वे चक्रव्यूह में फंसी हैं। भाजपा वोटों का धु्रवीकरण कर ममता को घेर रही है। ममता एक ब्राह्मण की बेटी हैं और अकेले मुकाबला कर रही हैं।

    बंगाल न जाने पर दी सफाई

    स्टार प्रचार होने के बाद भी बंगाल का एक भी दौरा न करने पर उन्होंने सफाई दी। कहा कि स्वास्थ्य कारणों से मेरा जाना नहीं हो सका लेकिन, हर मंच से अपनी बात रख रहा हूं। कांग्रेस कई सीटों पर मजबूत स्थिति में है।

    यूपी में भी सभी दल आएं साथ

    यूपी में कांग्रेस की हार और 2022 के विधानसभा चुनाव पर आचार्य ने कहा कि सपा-बसपा के कारण ही भाजपा सरकार बना सकी। दोनों ने खुद गठबंधन करके कांग्रेस की अनदेखी की। यदि हम साथ होते तो भाजपा 160 से 170 सीटों पर सिमट जाती। 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव भी सभी दल एक साथ लड़ें। नेता बाद में चुन लें।

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