यूपी में चल रहा चेकिंग अभियान, 100 उपभोक्ताओं की कट गई बिजली; साफ कहा- नहीं जुड़ेगा कनेक्शन
विद्युत विभाग ने चेकिंग अभियान में 100 उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन काट दिए जिससे हड़कंप मच गया। बकाया बिल जमा न करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई। वहीं संभल में ई-रिक्शा चालकों द्वारा चोरी की बिजली से चार्जिंग जारी है। सैकड़ों ई-रिक्शा बिना पंजीकरण संचालित हो रहे हैं। बिजली विभाग की छापेमारी के बावजूद समस्या बरकरार है ।

सवांद सहयोगी, कांठ। विद्युत विभाग द्वारा बृहस्पतिवार को चैकिंग अभियान चलाया गया, जिसमें लगभग सौ उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन काटने पर हड़कंप मच गया। सरकार द्वारा ओटीएस योजना चलाई जा रही है। इसी के तहत एसडीओ कांठ सचिन रस्तौगी के द्वारा नगर व आसपास के क्षेत्र ग्राम सलेमपुर व रसूलपुर आदि में सौ उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन काट दिए।
कनेक्शन कटने के बाद उपभोक्ताओं में हड़कंप मच गया। कई व्यक्ति सिफारिश लेकर पहुंचने लगे तो किसी ने बिल जमा कराया। एसडीओ का कहना है कि जिन उपभोक्ताओं पर ₹5000 से अधिक का बिल बकाया है, वह तत्काल कार्यालय में जमा कर दें। अन्यथा और भी उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन काटे जाएंगे।
100 उपभोक्ताओं के कनेक्शन कटे
उन्होंने अपनी टीम के साथ नगर व आसपास के क्षेत्र में घूम कर बृहस्पतिवार को 100 उपभोक्ताओं के कनेक्शन काट दिए और हिदायत दी गई कि बिना स्वीकृति लिए कोई भी कनेक्शन जोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सरकार के निर्देशानुसार विभाग द्वारा ओटीएस योजना चलाई जा रही है। उसके तहत उपभोक्ताओं को लाभ उठाना चाहिए अपने बिलों का भुगतान करें। उन्होंने बताया कि अभी और अभियान तेज किया जाएगा। जहां पर भी संदेह या अधिक बिल का बकाया होगा उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
चोरी की बिजली से चार्ज हो रहे ई-रिक्शा
वहीं दूसरी ओर, संभल में शहर और ग्रामीण ई-रिक्शा चालकों द्वारा बिजली चोरी कर अपने वाहनों को चार्ज करने का मामला गंभीर होता जा रहा है। रात के समय कटिया डालकर ई-रिक्शा की बैटरी चार्ज की जाती है और सुबह तक चोरी का सबूत मिटा दिया जाता है। अहम बात यह है कि शहर में लगातार चले सघन बिजली चेकिंग अभियान में सैकड़ों लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए करोड़ों का जुर्माना लगा, लेकिन बिजली चोरी बंद नहीं हो सकी।
शहर भर में ई-रिक्शा की जैसी बाढ़ सी आ गई है। हर मुहल्ले सैकड़ों की संख्या में ई-रिक्शा खड़े देखे जा सकते हैं। परिवहन विभाग के आंकड़ों की मानें तो तीन हजार के लगभग ही ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन हैं, लेकिन शहर में हजारों की संख्या में ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। चालक बेतरतीब ढंग से ई-रिक्शा चलाते हैं, जिससे आए दिन हादसे हो रहे हैं। इतना ही नहीं एक व्यक्ति के पास पांच पांच ई-रिक्शा हैं। वह इन्हें किराए पर चलवाता है।
यह ई-रिक्शा शहरवासियों के साथ साथ बिजली विभाग के लिए सिरदर्द बन गए हैं। क्योंकि हजारों की संख्या में ई-रिक्शा चोरी की बिजली से चार्ज हो रहे हैं। चालक रात के 12 बजे के बाद अपनी ई-रिक्शा को कटिया डालकर चार्ज कर रहे हैं और सुबह चार बजे तक चार्जिंग पूरी कर चोरी का सबूत मिटा देते हैं। यह प्रक्रिया इतने योजनाबद्ध तरीके से होती है कि बिजली विभाग भी इनके खिलाफ सटीक कार्रवाई करने में असमर्थ नजर आ रहा है।
बिजली विभाग के पास चोरी की बिजली से ई-रिक्शा चार्ज करने और उनका पता लगाने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं। हालांकि बिजली विभाग चोरी रोकने के लिए समय-समय पर छापेमारी करता है, लेकिन इस कार्रवाई से उनपर एक दो दिन ही असर होता है। कुछ दिन पहले ही बिजली विभाग ने छापेमारी के दौरान एक गोदाम से 11 ई-रिक्शा अवैध चार्जिंग होते पकड़े।
वहीं दो माह पहले भी इसी गोदाम से लगभग 29 ई-रिक्शा चाेरी की बिजली से चार्ज होते पकड़े गए थे। चोरी की घटनाओं में शामिल लोगों पर जुर्माना भी लगाया है, लेकिन फिर से यह समस्या जस की तस बनी हुई है। शहर में कई ऐसे और गोदाम चल रहे हैं। जिसमें अवैध रूप से ई-रिक्शा चार्ज हो रहे हैं। वहीं परिवहन विभाग की ओर से भी ई-रिक्शा चालकों का पंजीकरण करने जैसी कोई प्रक्रिया नहीं की जा रही है। बिजली विभाग भी ऐसे ई-रिक्शा चालकों को चिन्हित कर उनपर कार्रवाई करे। जिससे बिजली चोरी पर रोक लगाई जा सके।
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