वर्ष 2019 का कैलेंडर है 1895 के जैसा, आप भी जानिए कैसे बना संयोग..
सोशल मीडिया पर 1895 का कैलेंडर वायरल हो रहा है। इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
मुरादाबाद(अनुज मिश्र) । सोशल मीडिया पर 1895 का कैलेंडर वायरल हो रहा है। इसे 2019 के कैलेंडर के समान बताया जा रहा है। वायरल पोस्ट की हकीकत जानने के लिए दैनिक जागरण ने पड़ताल की तो 2019 और 1895 का कैलेंडर एक समान होने की पुष्टि हुई। यह भी पता चला कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। दरअसल, बीते 123 साल में 13 बार इस कैलेंडर की पुनरावृत्ति हो चुकी है। 2019 में 14वीं बार इसकी पुनरावृत्ति हुई है। यह एक चक्रानुक्रम प्रक्रिया है। एक निश्चित समय के अंतराल के बाद बीते वर्षो के कैलेंडर आने वाले कैलेंडर के समान होते है। ऐसे करते है आकलन बीते वर्षो के कैलेंडर और वर्तमान के कैलेंडर को जानने के लिए एक नियम है। इसको लेकर चाणक्या प्रतियोगिता एकेडमी में तर्कशक्ति के प्रवक्ता सूरज सिंह ने विस्तार से बताया। उनके अनुसार ऐसे करते हैं आकलन.. चार से देते हैं भाग जो भी साल दिया गया हो, उसे चार से भाग देते हैं। यदि शेषफल में जीरो और एक प्राप्त होगा तो उस वर्ष में छह जोड़ देते हैं। इससे यह पता चल जाता है कि उस वर्ष के कैलेंडर की पुनरावृत्ति कब होगी। शेष में जोड़ते हैं 11 दो और तीन शेष बचने पर 11 जोड़ते हैं। यदि दिया गया वर्ष लीप वर्ष है तो उस वर्ष में 28 जोड़ देते हैं। लीप वर्ष की पुनरावृत्ति 28 साल बाद हो जाती है। क्या होता है लीप वर्ष लीप वर्ष हर चार साल में पड़ता है। लीप वर्ष 366 दिनों का होता है। इसमें फरवरी 29 दिनों की होती है। सामान्य वर्ष 365 दिनों का होता है। 1895 के बाद अब तक एक समान कैलेंडर पर नजर 1901, 1907, 1918, 1929, 1935, 1946, 1957, 1963, 1974, 1985, 1991, 2002, 2013 और अब 2019।
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