यूपी के इस जिले में नदी की गोद में बनी फैक्ट्री पर चला बुलडोजर, पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी की दुकानें सील
मुरादाबाद में एमडीए ने अवैध निर्माण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। गागन नदी किनारे बनी फैक्ट्री को ध्वस्त किया और कांग्रेस नेता हाजी इकराम कुरैशी की दुकानों समेत कैसला रोड पर स्थित मार्केट को सील कर दिया। एमडीए उपाध्यक्ष ने बिना अनुमति निर्माण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। हाजी इकराम कुरैशी ने सील की गई प्रॉपर्टी को अपना नहीं बताया है।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। एमडीए के बुलडोजर ने गागन नदी की गोद में बिना नक्शा पास कराए बनी फैक्ट्री को ध्वस्त कर दिया। इससे नदी किनारे अवैध कालोनी बसाने वालों में खलबली मच गई है। वहीं, भूड़े का चौराहा पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेता हाजी इकराम कुरैशी की दुकानों को सील कर दिया। कैलसा रोड पर अंग्रेजी शराब की दुकान के पास बने अनधिकृत मार्केट की सील करके एमडीए ने अपने ताले लगा दिए। एमडीए की इस कार्रवाई से खलबली मची हुई है।
संभल रोड पर ट्रांसपोर्टनगर के पास जन्नत बाग कालोनी में गागन नदी से सटाकर मोहम्मद शकील ने करीब 200 गज में फैक्ट्री खड़ी कर दी थी। कई बार नोटिस देने के बावजूद जब न तो जवाब मिला।शकील ने कोई नक्शा भी दाखिल नहीं किया। इस पर सक्षम अधिकारी ने अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश जारी कर दिए। मंगलवार को एमडीए उपाध्यक्ष के निर्देश पर पहली प्रवर्तन टीम पुलिस फोर्स के साथ बुलडोजर लेकर गागन नदी किनारे पहुंच गई। इसके अवैध निर्माण कराने वालों में खलबली मच गई। टीम ने बुलडोजर से अवैध रूप से बनी पूरी फैक्ट्री को जमींदोज करा दिया।
यह कार्रवाई गागन नदी पर फैले कब्जों की तरफ बड़ा संकेत मानी जा रही है। नदी की सैकड़ों बीघा जमीन पर वर्षों से कालोनियां बसा दी गई हैं, लेकिन संभल रोड पर पहली बार यह बड़ी कार्रवाई हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नदी की जमीन पर धीरे-धीरे पूरे इलाके का नक्शा बदल गया है। अब सभी को कार्रवाई की उम्मीद लगने लगी है।
दूसरी टीम भूड़े का चौराहा पर ईदगाह रोड स्थित पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता हाजी इकराम कुरैशी की दुकानों पर पहुंची। ये दुकानें लंबे समय से अवैध निर्माण के आरोपों में चर्चाओं में थीं। नोटिस देकर भी इनका काम रुकवाने के लिए कहा गया था।इसके बाद काम नहीं रोका गया था। प्रवर्तन टीम ने पुलिस बल की मौजूदगी में नए निर्माण और पुराने भवन के हिस्से को सील कर दिया। हालांकि, विरोध के चलते पुराने हिस्से की सील बाद में हटा दी गई। इस कार्रवाई के बाद भूड़े का चौराहा और ईदगाह रोड पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
जिन दुकानों को सील किया गया, उनके बाहर लोगों की भीड़ जुटी रही। कैलसा रोड, पाकबड़ा में अंग्रेजी शराब की दुकान के पास समरपाल सिंह के स्वामित्व में खड़े किए गए अनधिकृत व्यावसायिक मार्केट पर भी एमडीए की कार्रवाई हुई। बताया गया कि इस निर्माण को रोकने के लिए कई बार नोटिस जारी किए गए, मगर काम नहीं रुका। प्रवर्तन टीम ने मौके पर पहुंचकर मार्केट को सील कर दिया। अधिकारियों का कहना था कि यदि लोग नियमों का पालन नहीं करेंगे तो आगे भी इसी तरह की सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
बिना अनुमति के निर्माण कराने वाले नुकसान उठाएंगे
एमडीए उपाध्यक्ष अनुभव सिंह (आईएएस) ने कहा कि कोई भी व्यक्ति बिना स्वीकृति के न तो प्लाटिंग कर सकता है और न ही नक्शा पास कराए बिना भवन निर्माण। उन्होंने चेतावनी दी कि सभी कार्य केवल माडल भवन निर्माण एवं विकास उपविधि और माडल जोनिंग रेगुलेशन 2025 के अंतर्गत ही मान्य होंगे। नियम तोड़ने वालों के खिलाफ ध्वस्तीकरण, सीलिंग और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अभियान पूरी पारदर्शिता और गंभीरता के साथ लगातार जारी रहेगा। साथ ही नागरिकों से अपील की कि वे बिना अनुमति निर्माण कार्य न करें, अन्यथा उन्हें आर्थिक और सामाजिक नुकसान उठाना पड़ेगा।यह
यह थी प्रवर्तन टीम
अभियान के दौरान सहायक अभियंता मेधा यादव, तन्मय यादव, अवर अभियंता आयुष राजपूत समेत पूरी प्रवर्तन टीम मौजूद रही। पुलिस फोर्स की तैनाती इतनी भारी थी कि इलाके में एक समय हालात तनावपूर्ण हो गए। मगर टीम ने सख्ती से कार्रवाई पूरी की और अवैध निर्माणों को सील और ध्वस्त कर लौट आई।
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की सचिव अंजूलता ने बताया कि हमारे यहां तो पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी के नाम से ही नोटिस कटा था। नोटिस भवन पर भी चस्पा किया गया था। यदि उनका भवन नहीं था तो एमडीए में आकर बताना चाहिए था। वह तो बार-बार कार्रवाई न किए जाने की सिफारिश कर रहे थे। समय भी उन्हें दिया गया। कंपाउंडिंग के लिए आवेदन कर देना चाहिए था। काम बंद नहीं किया गया तो सील कर दिया गया।
पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी ने कहा कि एमडीए की टीम ने भारी संख्या में फोर्स के साथ आकर भूड़ा के चौराहे पर जिस भवन को सील किया है, उससे मेरा कोई मतलब नहीं है। मेरे पड़ोसी का मकान है। एमडीए की नजर में मेरा मकान है तो मुझे दिलाए। पड़ोसी का मकान है। मेरे नाम से कार्रवाई की गई तो मानहानि का मुकदमा करुंगा। आखिरी सांस तक अपने सम्मान के लिए लड़ूंगा।
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