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    Farmers Protest: पुलिस बाहर देती रही पहरा, चकमा देकर ब्लॉक महामंत्री और भाकियू नेता महापंचायत पहुंचे

    Updated: Wed, 04 Dec 2024 07:41 PM (IST)

    ग्रेटर नोएडा के जीरो प्वाइंट पर बुधवार को किसान महापंचायत में किसानों का हुजूम उमड़ा। किसानों की गिरफ्तारी को लेकर अन्नदाताओं में आक्रोश है। किसान आबादी निस्तारण लीजबैक प्रकरण 10 प्रतिशत विकसित भूखंड और 64.7 प्रतिशत मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि कई जिलों के किसान नेताओं को पुलिस ने नजरबंद कर दिया फिर भी पुलिस को चकमा देकर दो किसान नेता महापंचायत पहुंच गए।

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    पुलिस को चकमा देकर दो किसान नेता महापंचायत में पहुंच गए। (तस्वीर जागरण)

    संवाद सूत्र, कुंदरकी (मुरादाबाद)। किसानों की मूलभूत समस्याओं के निराकरण एवं बंद किसानों की रिहाई के लिए कुंदरकी से किसानों के संगठन ने नोएडा में महापंचायत में कूच की रणनीति तय की, लेकिन बुधवार को कई पदाधिकारियों को पुलिस प्रशासन ने उनके आवास पर ही नजरबंद कर दिया। हालांकि भाकियू टिकैत संगठन के ब्लॉक महामंत्री सख्त पहरे को भी तोड़कर महापंचायत में पहुंच गए।

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    उधर, रामपुर के बिलासपुर भाकियू टिकैत के जिला प्रवक्ता मनजीत सिंह अटवाल भी पुलिस को चकमा देकर नोएडा पहुंच गए। उन्होंने स्वयं इसकी पुष्टि की।

    मुरादाबाद में ब्लॉक महामंत्री ने पुलिस को दिया चकमा

    किसान संगठन के आवाह्न पर भाकियू टिकैत (भारतीय किसान यूनियन), तराई किसान यूनियन, भाकियू भानु, भाकियू अंबावता, भाकियू अराजनैतिक समेत तमाम संगठनों से जुड़े पदाधिकारियो एवं कार्यकर्ताओं को कुंदरकी पुलिस ने नजरबंद कर दिया। काजीपुरा निवासी किसान नेता मोहम्मद रफी, टिकैत के ब्लॉक अध्यक्ष प्रेमपाल प्रजापति, ब्लॉक महामंत्री रागिब चौधरी, तराई संगठन के डोमघर निवासी प्रदेशाध्यक्ष मोहम्मद खालिद, भाकियू गुट भानु के नेता मोहम्मद दानिश समेत कई पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं के घर के बाहर पुलिस तैनात रही।

    हालांकि, पुलिस के सख्त पहरे को तोड़कर भाकियू टिकैट ग्रुप के ढकिया जुम्मा निवासी ब्लॉक महामंत्री रागिब चौधरी घर के पीछे की दीवार कूदकर महापंचायत में शामिल होने के लिए कूच कर गए।

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    किसान आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार- ब्लॉक महामंत्री

    दैनिक जागरण संवाददाता से फोन पर बातचीत में ब्लॉक महामंत्री ने बताया कि गौतम बुद्ध नगर में किसानों ने भूमि अधिग्रहण एवं बुनियादी जरूरतों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए किसानों को सम्मान के साथ छोड़ने की मांग की। अगर प्रशासन ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वे आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। इसके अलावा गांव ईधनपुर नगला निवासी भाकियू भानू ग्रुप ने जिलाध्यक्ष मोहम्मद दानिश के नेतृत्व में प्रधानमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन देकर किसानों की मांग पूरी करने की अपील की है।

    इन नेताओं के घर सुबह ही पहुंच गई पुलिस

    रामपुर के बिलासपुर में बुधवार को भाकियू टिकैत जिलाध्यक्ष जगजीत सिंह गिल, जिला प्रवक्ता मंजीत सिंह अटवाल, भाकियू भानु गुट वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद हनीफ वारसी और भाकियू चढ़ूनी के जिलाध्यक्ष गुरचरन सिंह सिद्धू के आवास पर पुलिस पहुंच गई। यहां उन्हें उनके आवास पर नजरबंद कर दिया गया।

    पुलिस को चकमा देकर नोएडा पहुंचे भाकियू टिकैत के जिला प्रवक्ता

    भाकियू टिकैत के जिला प्रवक्ता मनजीत सिंह अटवाल ने बताया कि पुलिस को चकमा देकर 20 कार्यकर्ताओं के साथ वह नोएडा रवाना हो गए। उन्होंने स्वयं इसकी पुष्टि की है। कहा कि किसान घबराए नहीं और एकजुटता का परिचय दें। किसान अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहा है और यह अंतिम दौर तक जारी रहेगी। इस मौके पर गुरप्रीत सिंह अटवाल, कमरुद्दीन, गुरदीप सिंह, लखविंदर सिंह, जोगिंदर सिंह, मंगल सिंह, तरसेम सिंह, मलकीत सिंह, हरभजन सिंह आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।

    किसानों की आवाज दबाने की हो रही कोशिश

    इस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि तानाशाही सरकार किसानों की आवाज को दबाने का षड्यंत्र रच रही है, जो कि किसी भी हाल में कामयाब नहीं हो सकती। कहा कि वह आज मोर्चा की बैठक में उन्हें नोएडा पहुंचना था और इसके लिए उन्हें सुबह छह बजे निकलना था। इसकी भनक लगते ही पुलिस उनके घर पहुंच गई और उन्हें बैठक में शामिल होने से रोक दिया । इसके बाद उन्हें अपने घर में ही पुलिस ने नजरबंद कर दिया।

    ये है मामला

    बता दें कि दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर किसानों का 25 नवंबर से आंदोलन चल रहा हैं। किसानों द्वारा दिल्ली कूच करने की घोषणा के बाद प्रशासन ने एक सप्ताह का समय बातचीत के लिए मांगा। इसके बाद कुछ किसानों की गिरफ्तारी से गुस्साए संयुक्त किसान मोर्चा ने नोएडा में हाईकमान बैठक बुलाई।

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