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    युवाओं के उद्यमी बनने के सपने 'होल्ड': बैंक बने बाधा, 2,960 युवा उद्यमी आवेदन लंबित!

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 01:53 PM (IST)

    युवा उद्यमी योजना पर बैंकों की ढिलाई। मुरादाबाद में 2960 आवेदन लंबित होने से युवाओं का उद्यम शुरू करने का सपना रुका। ऋण वितरण में सुस्ती पर CDO सख्त, ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान में बैंकें अपेक्षित सहयोग नहीं कर रही है। कई बैंकों के अधिकारी फाइलें रोके बैठे हैं। उच्च अधिकारियों के कहने पर भी फाइलें आगे नहीं बढ़ रही हैं। लंबित फाइलों के कारण योजना प्रभावित हो रही है। युवाओं का उद्यमी बनने का सपना भी आन होल्ड हो गया है।

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    मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना में जिले की प्रगति बैंकिंग स्तर पर सुस्ती के कारण ठप होती जा रही है। जिले में आवंटित 2,900 लक्ष्य के मुकाबले 4,358 आवेदन मिले हैं, जो उम्मीद से कहीं अधिक हैं, लेकिन बैंकों ने अब तक मात्र 1,398 आवेदनों पर ही ऋण वितरण किया है।

    2,960 आवेदन विभिन्न बैंक शाखाओं में लंबित हैं। जिससे हजारों युवाओं का उद्यम शुरू करने का सपना समय पर पूरा नहीं हो पा रहा। योजना से जुड़े विभागों का कहना है कि लाभार्थियों का समय से सर्वे न होना, प्रपत्र तैयार करने में देरी और फाइलों का शाखाओं में हफ्तों तक रुके रहना धीमी प्रगति की सबसे बड़ी वजहें हैं।

    कई मामलों में युवा आवेदक फालोअप के बावजूद अपनी फाइल की स्थिति तक नहीं जान पाते। उद्योग विभाग के अनुसार, इतनी बड़ी संख्या में आवेदन आने के बावजूद बैंकों ने लक्ष्य के अनुरूप गति नहीं पकड़ी, जिससे दिसंबर तक अपेक्षित प्रगति अधर में लटकी है। बैंक शाखाओं में फाइलों की लंबी फेहरिस्त और बार-बार दस्तावेज जमा कराने की व्यवस्था युवाओं को हतोत्साहित कर रही है।

    कई आवेदक यह भी बताते हैं कि पात्रता पूरी होने के बावजूद फाइलों पर निर्णय नहीं लिया जाता, जिससे समय पर मशीनरी खरीद या काम शुरू करना मुश्किल हो जाता है। सीडीओ मृणाली अविनाश जोशी ने इसे योजना की सबसे बड़ी बाधा बताते हुए बैंकवार स्थिति की समीक्षा के बाद स्पष्ट निर्देश दिए हैं।

    उन्होंने कहा कि प्रत्येक शाखा आवेदनों को 15 दिन के भीतर अनिवार्य रूप से निस्तारित करे। उन्होंने पत्रावलियों को स्वीकृत करने से पहले ही लाभार्थियों का सर्वे पूरा कर लिया जाए, ताकि तकनीकी त्रुटियों और दस्तावेज़ संबंधी देरी को रोका जा सके। सीडीओ ने सभी बैंकों को दिसंबर तक अपने-अपने लक्ष्यों की कम से कम 65 प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

     

    हम लगातार योजना की समीक्षा कर रहे हैं। बैंकर्स को बिना कारण के फाइलों को नहीं रोकने के लिए कह दिया गया है, जो बैंकें फाइल रोककर रखें हैं, उन्हें कारण भी बताना होगा।

    - मृणाली अविनाश जोशी, सीडीओ


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