मुरादाबाद: कॉलेज के छात्रों को 3 साल से चरस सप्लाई कर रहे 3 ड्रग पेडलर गिरफ्तार; पिता पहले ही जेल में
मुरादाबाद में, कॉलेज के छात्रों को पिछले 3 सालों से चरस सप्लाई कर रहे 3 ड्रग पेडलरों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि इन पेडलरों का नेटवर्क ...और पढ़ें
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पुलिस की गिरफ्त में आरोपित
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद/पाकबड़ा। पिछले तीन साल मुरादाबाद के अलग-अलग शिक्षण संस्थानों में पहुंचकर छात्रों को चरस सप्लाई कर रहे तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। राजाराम को पाकबड़ा पुलिस ने एक किलो 53 ग्राम चरस के साथ पकड़ लिया। यहां से पुलिस को चकमा देकर भागे तो दोनों भाई तुषार और स्वयं को सिविल लाइंस पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
दोनों भाइयों के पिता को हाल ही में हरिद्वार पुलिस ने 19 किलो ग्राम गांजे के साथ दबोचा था और वह जेल में हैं। तीनों पिता पुत्र मिलकर तस्करों को चरस देते हैं जो अलग-अलग स्थान पर जाकर सप्लाई करते हैं। राजाराम भी तीन साल से इन्हीं से चरस लेकर बेच रहा था, लेकिन पहली बार पुलिस के हत्थे लगे हैं।
पाकबड़ा पुलिस को सूचना मिली कि एक चरस गांजा बेचने वाला तस्कर बागड़पुर ओवरब्रिज के नीचे खड़ा है। जिसके पास काफी संख्या चरस की पुड़िया है। पुलिस ने इसे घेराबंदी करके पकड़ लिया। तलाशी लेने पर जेब से भारी मात्रा में चरस बरामद हुई। पुलिस द्वारा पूछताछ उसने अपना नाम राजाराम निवासी पपनेजा कालोनी थाना गदरपुर जिला उधम सिंह नगर हाल निवासी मिलन विहार थाना मंझोला बताया।
राजाराम ने बताया कि नए साल आ रहा है। उसको लेकर चरस की डिमांड बहुत है। संस्थानों के बाहर छात्रों को चरस सप्लाई करता हूं। चरस स्वयं और तुषार निवासी आदर्श कालोनी सिविल लाइंस खरीदकर लाया था। पुलिस के अनुसार, वहां पर स्वयं और तुषार भी थे, लेकिन मौके से भाग गए। यह जानकारी सिविल लाइंस पुलिस को लगी तो उन्होंने घेराबंदी कर ली। दोपहर में दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर लिया।
एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि दोनों भाई अपने पिता जगदीश उर्फ सेटी के साथ मिलकर तस्करों को चरस बेचते हैं। जगदीश को कुछ दिनों पहले हरिद्वार पुलिस ने गांजे के साथ गिरफ्तार किया था। राजाराम पिछले तीन साल से शिक्षण संस्थानों के छात्रों को चरस बेच रहा है। यह डिमांड आने के बाद चरस लेकर जाता है। शुक्रवार को पाकबड़ा स्थित दो बड़े शिक्षण संस्थानों को चरस देने गया था। छात्रों ने नए साल पर जश्न के दौरान इस्तेमाल करने के लिए चरस मंगाई थी।
उत्तराखंड से शहर में आ रही चरस
स्वयं, तुषार अपने पिता जगदीश के साथ भारी मात्रा चरस लेकर शहर में आते हैं। शहर में चरस आने के बाद तस्करों को सप्लाई करते हैं। राजाराम सिर्फ छात्रों को ही चरस सप्लाई करता था। बताया जाता है कि छात्र उसे फोन कर चरस मांगते थे इसके बाद वह उन्हें चरस देने के लिए जाता था। यह सिलसिला तीन साल से चला आ रहा था।

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