अलीगढ़-बिजनौर फोरलेन हाईवेः गंगा एक्सप्रेस-वे से जुड़ने के बाद प्रयागराज तक सफर होगा आसान, ट्रैफिक का बदलेगा नक्शा
पश्चिमी यूपी में अलीगढ़-बिजनौर फोरलेन हाईवे बनने से यातायात का नक्शा बदल जाएगा। गंगा एक्सप्रेस-वे से जुड़ने के बाद प्रयागराज तक का सफर आसान होगा। इस परियोजना से अलीगढ़ मुरादाबाद और बिजनौर के विकास को गति मिलेगी। NHAI ने डीपीआर तैयार करना शुरू कर दिया है। यह हाईवे पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर करेगा जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। केंद्र सरकार अलीगढ़, मुरादाबाद और बिजनौर को जोड़ने वाले राजमार्ग को फोरलेन बनाने की प्रक्रिया शुरू कर उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे को मजबूती देने, यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है।
केंद्र के निर्देश पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने इस परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करानी शुरू कर दी है। इस कार्य के लिए परामर्शदाता कंपनी भी तय कर दी गई है। इसने सर्वे का कार्य आरंभ कर दिया है। इस राजमार्ग के चौड़ीकरण होने से पश्चिमी यूपी के यातायात का नक्शा बदल जाएगा।
इस समय यह हाईवे टू लेन है
इस समय यह हाईवे टू लेन है। इस पर भारी ट्रैफिक दबाव के चलते आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं और जाम की समस्या रहती है। अब इसे फोरलेन, ग्रेड-सेपरेटेड और एक्सेस-कंट्रोल्ड स्वरूप में विकसित किया जाएगा। यह परियोजना न केवल क्षेत्र के नागरिकों के लिए सुविधाजनक यात्रा का मार्ग प्रशस्त करेगी, बल्कि औद्योगिक विकास और व्यावसायिक गतिविधियों को भी नई रफ्तार देगी।
इनका किया जा रहा है आकलन
एनएचएआइ द्वारा कराए जा रहे सर्वे में यह देखा जा रहा है कि फोरलेन निर्माण के लिए कितनी भूमि की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी गई है। सर्वे के दौरान मार्ग की चौड़ाई, ट्रैफिक भार, मौजूदा ढांचा, बाधाओं और संभावित विस्तार की संभावनाओं की गहनता से जांच की जा रही है। मार्ग पर कहां-कहां टोल टैक्स प्लाजा, पैदल सेतु, उपरिगामी पुल और व्यावसायिक जोन विकसित किए जा सकते हैं, इसका भी आकलन किया जा रहा है।
मार्ग का निर्माण नई जमीन पर किया जाएगा
इस परियोजना की खास बात यह है कि 260 किलोमीटर लंबा हाईवे ग्रीन फील्ड के रूप में विकसित किया जाएगा। ग्रीन फील्ड परियोजना का तात्पर्य है कि मार्ग का निर्माण नई जमीन पर किया जाएगा। इससे यातायात को अनावश्यक व्यवधानों से बचाया जा सकेगा। मुरादाबाद से अलीगढ़ होते हुए यह मार्ग बिजनौर तक पहुंचेगा और आगे चलकर गंगा एक्सप्रेस-वे से भी जुड़ेगा। इसका सीधा लाभ यह होगा कि पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी। साथ ही मुरादाबाद से प्रयागराज तक की यात्रा आसान हो जाएगी।
सर्वे का काम जारी
एनएचएआइ की ओर से कराए जा रहे इस सर्वे के बाद परामर्श एजेंसी एक विस्तृत डिजाइन और प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय वित्त समिति को सौंपेगी। समिति की स्वीकृति के बाद केंद्रीय परिवहन मंत्रालय इस परियोजना के लिए धनराशि आवंटित करेगा। एक बार वित्तीय मंजूरी मिल जाने के बाद निर्माण को गति मिलेगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की मुरादाबाद शाखा के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि फिलहाल सर्वे का कार्य चल रहा है। इससे यह स्पष्ट होगा कि किन स्थानों पर मार्ग चौड़ा किया जा सकता है।
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विकास को मिलेगा नया आयाम
अलीगढ़-बिजनौर मार्ग को फोरलेन बनाने की परियोजना के पूरा होने पर केवल स्थानीय यात्रियों के लिए राहत लेकर ही नहीं आएगा, बल्कि दिल्ली, लखनऊ, प्रयागराज जैसे प्रमुख शहरों के बीच कनेक्टिविटी को भी बेहतर बनाएगा। साथ ही, यह फोरलेन सड़क पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच एक सशक्त आर्थिक गलियारे के रूप में उभर सकती है।
यह परियोजना सर्वे और डीपीआर के चरण में है, लेकिन जैसे ही वित्तीय स्वीकृति मिलती है, यह उत्तर प्रदेश की सबसे अहम सड़क परियोजनाओं में शामिल हो जाएगी।
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