अभी तुम कच्चे में हो जल्द ही… नौकरी के नाम पर चार युवकों से लिए 44 लाख रुपये, चेक देकर लौटाई राशि हो गया बाउंस
नौकरी का झांसा देकर 44 लाख रुपये की ठगी की गई। आरोपी विनोद कुमार यादव ने खुद को रेलवे बोर्ड सचिव बताकर करनाल (हरियाणा) में बुलाकर चार युवकों से 44 लाख रुपये लिए थे। आरोपी ने नौकरी नहीं मिलने पर पीड़ितों को चेक से रुपये वापस किए थे लेकिन बैंक खाते में चेक लगाने के कुछ दिन बाद बाउंस हो गया।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। नौकरी का झांसा देकर 44 लाख रुपये की ठगी की गई। आरोपी विनोद कुमार यादव ने खुद को रेलवे बोर्ड सचिव बताकर करनाल (हरियाणा) में बुलाकर चार युवकों से 44 लाख रुपये लिए थे।
आरोपी ने नौकरी नहीं मिलने पर पीड़ितों को चेक से रुपये वापस किए थे, लेकिन बैंक खाते में चेक लगाने के कुछ दिन बाद बाउंस हो गया। मामले की जानकारी के बाद गुरुवार को पीड़ित युवकों ने विनोद कुमार यादव को फोन किया तो आरोपी अभद्रता करने लगा।
आरोपी ने धमकाते हुए कहा कि न आपकी नौकरी लगेगी और न ही वह रुपये वापस मिलेंगे। परेशान होकर पीड़ित मनीष, सचिन, मनोज और राजेंद्र कुमार सोमवार को मझोला थाने पहुंचकर तहरीर दी। थाना प्रभारी ने इस मामले में आरोपी सुधीर कश्यप व विनोद कुमार यादव के खिलाफ धोखाधड़ी और धमकी देने की प्राथमिकी दर्ज की है।
यह है पूरा मामला
आरोपी सुधीर कश्यप कांठ रोड पर गुलाब मस्जिद के पीछे मुन्ना बैटरी वाली गली का रहने वाला है, जबकि अपने को रेलवे बोर्ड का सचिव बताने वाला आरोपी विनोद हरियाणा के राजीव कॉलोनी कैथल का है।
मिलन विहार निवासी राजेंद्र कुमार ने बताया कि उनकी सुधीर कश्यप से पुरानी पहचान थी। इसी ने उन्हें बताया था कि विनोद कुमार यादव रेलवे बोर्ड के सचिव हैं और उनकी उनसे अच्छी पहचान है। राजेंद्र सुधीर की बातों में आ गए और विनोद कुमार यादव से बात कराई।
नौकरी के लिए 11 लाख रुपये मांगे
विनोद ने रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी दिलाने के लिए 11 लाख रुपये मांगे थे। सुधीर ने भी राजेंद्र को अपनी नौकरी के नियुक्ति पत्र दिखाए थे तो उन्हें विश्वास भी हो गया। फिर राजेंद्र नौकरी के लिए सुधीर के पीछे पड़ गया। अपने साथ ही राजेंद्र ने दोस्त मनीष, सचिन व मनोज नेगी के लिए नौकरी की बात करने लगा। इन लोगों ने 11-11 लाख रुपये धनराशि एकत्र की और विनोद कुमार यादव को देने के लिए सुधीर कश्यप को दे दिए।
कभी कैथल तो कभी करनाल बुलाता था
नियुक्ति पत्र आने में समय लगने लगा तो राजेंद्र विनोद कुमार यादव के बुलावे पर चंडीगढ़ तो कभी कैथल या करनाल जाता था। महीने-दो महीने में विनोद उसे कभी 10 तो कभी 12 हजार रुपये देकर अभी तुम कच्चे में हो जल्द ही पक्के हो जाओगे, कहकर पल्ला झाड़ रहा था।
ऐसे में इन लोगों ने फोन पर विनोद कुमार यादव से बात करनी शुरू कर दी और रुपये वापस मांगने लगे थे। इन लोगों को विनोद ने करनाल में बुलाकर 44 लाख रुपये का चेक दिया था, जो बाउंस हो गया। मझोला थाना प्रभारी संजय कुमार पांचाल ने बताया कि प्रकरण में एफआईआर दर्ज की गई है। मामले की जांच करके कार्रवाई की जाएगी।
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