यूपी के एक लाख 69 हजार किसानों के लिए खड़ी हुई मुसीबत, अब इस नंबर के बिना नहीं मिलेगा खाद-बीज
अब किसानों को खाद-बीज खरीदने के लिए फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य कर दी गई है। जिन किसानों ने पंजीकरण नहीं कराया है, उन्हें खाद-बीज नहीं मिलेगा। कृषि विभाग ने सभी दुकानों को रजिस्टर में फार्मर रजिस्ट्री नंबर दर्ज करने का आदेश दिया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और अन्य योजनाओं का लाभ लेने के लिए यह जरूरी है। किसान जनसेवा केंद्र या मोबाइल से पंजीकरण करा सकते हैं।

1,69,474 किसानों की नहीं हुई फार्मर रजिस्ट्री, अब कराना जरूरी। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, मीरजापुर। फार्मर रजिस्ट्री (किसान पंजीकरण) के बिना अब किसानों को खाद-बीज नहीं मिल सकेगा। सहकारी समिति का सदस्य होने के साथ ही फार्मर रजिस्ट्री करवाने वाले किसानों को ही अब खाद-बीज मिलेगा। समितियों के साथ ही निजी खाद व बीज की दुकानों के वितरण रजिस्टर में खाद व बीज खरीदते समय किसान का फार्मर रजिस्ट्री नंबर अंकित किया जाएगा। ऐसे में वंचित किसान फार्मर रजिस्ट्री न होने पर तत्काल जनसेवा केंद्र, सहायक एप लागिन या अपने मोबाइल से सेल्फ मोड से फार्मर रजिस्ट्री करा सकते हैं।
उप निदेशक कृषि विकेश पटेल ने बताया कि साधन सहकारी समिति, निजी खाद व बीज की दुकान के वितरण रजिस्टर में बने कालम में अब किसान का फार्मर रजिस्ट्री नंबर अंकित किया जाएगा। फार्मर रजिस्ट्री का नंबर दर्ज न होने पर विक्रेता पर कार्रवाई होगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त के साथ कृषि विभाग से संचालित योजनाओं का लाभ लेने के लिए फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य कर दिया गया है।
बताया कि जनपद में 3,82,792 किसानों में से 1,69,474 किसानों ने फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराई है। 2,13,318 किसान अपना फार्मर रजिस्ट्री करा चुके हैं। जनपद में तहसीलवार बात करें तो चुनार तहसील में 1,19,082 में से 70,040, मीरजापुर सदर में 1,53,175 में से 83,427, मड़िहान में 46,438 में से 25,910 और लालगंज में 64,097 में से 33,941 किसानों ने फार्मर रजिस्ट्री करवाया है।
यह है फार्मर रजिस्ट्री
- डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फार एग्रीकल्चर (एग्री स्टैक) के तहत फार्मर रजिस्ट्री (किसान गोल्डन कार्ड) तैयार कराया जा रहा है।
- इसमें किसानों का विवरण डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में संकलित किया जाएगा।
- भूमि धर किसानों को फार्मर रजिस्ट्री से जोड़ा जाएगा।
- इसमें किसान का नाम, पिता का नाम, स्वामित्व का समस्त गाटा संख्या, सहखातेदार होने की स्थिति में गाटे में किसान का अंश, मोबाइल नंबर, आधार संख्या, ईकेवाईसी विवरण दर्ज होगा।
- किसी प्रकार के स्वामित्व हस्तांतरण (विरासत, बैनामा) होने पर फार्म रजिस्ट्री स्वतः ही अपडेट हो जाएगी।
- किसानों को फसली ऋण व फसल बीमा क्षतिपूर्ति तथा आपदा राहत का लाभ आसानी से मिल सकेगा।
ऐसे कराएं फार्मर रजिस्ट्री
- किसान स्वयं अपने एंड्रायड मोबाइल से बनवा सकते हैं।
- इसके साथ ही राजस्व गांव में लगे शिविर अथवा कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) से भी फार्मर रजिस्ट्री करवा सकते हैं।
यह भी पढ़ें- यूपी में धान खरीद ने पकड़ी रफ्तार, 3.93 लाख किसानों ने कराया पंजीकरण; अब तक 3.12 लाख मीट्रिक टन की हुई खरीद

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।