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    आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों से झाड़ू लगवाने का वीडियो वायरल, सीडीपीओ ने कहा अनैतिक कार्य है

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 05:06 PM (IST)

    मीरजापुर के एक आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों से झाड़ू लगवाने का वीडियो वायरल हो गया है। वीडियो में सहायिका और सफाई कर्मी कुर्सी पर बैठी नजर आ रही हैं। सीडीपीओ इंद्रकला मिश्रा ने इसे अनैतिक कार्य बताते हुए चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र का उद्देश्य बच्चों को शिक्षा देना है न कि उनसे काम करवाना।

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    आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों से झाड़ू लगवाने का वीडियो वायरल।

    जागरण संवाददाता चील्ह (मीरजापुर)। विकासखंड कोन के मझिगवां गांव में ग्राम पंचायत सचिवालय में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र में सोमवार की सुबह छोटे-छोटे बच्चों द्वारा झाड़ू लगवाने और दरी साफ कराने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। इस वीडियो में आंगनबाड़ी केंद्र में नियुक्त आंगनवाड़ी सहायिका और सफाई कर्मी कुर्सी पर बैठी नजर आ रही हैं।

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    आंगनबाड़ी केंद्र का उद्देश्य छोटे बच्चों को शिक्षा और देखभाल प्रदान करना है। इस केंद्र में बच्चों को शिक्षा देने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की नियुक्ति की गई है। सोमवार को सुबह 11:00 बजे, मझिगवां के आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों द्वारा झाड़ू लगाने और दरी साफ करने का वीडियो वायरल होने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकत्री रवि कला मौर्य और सफाई कर्मी शशि कला मौर्य ने कहा कि बच्चों को झाड़ू लगाने के लिए नहीं कहा गया था, बल्कि वे अपने आप झाड़ू लेकर सफाई कर रहे थे।

    सीडीपीओ इंद्रकला मिश्रा ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र का मुख्य उद्देश्य बच्चों की शिक्षा और देखभाल करना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्चों से झाड़ू लगवाना और सफाई कराना अनैतिक कार्य है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बेहद चिंताजनक है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

    इंद्रकला मिश्रा ने आगे कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को शिक्षा दी जाती है, न कि उन्हें काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सफाई कर्मी से बात करने के बाद कहा कि बच्चों को झाड़ू लगाने के लिए नहीं कहा गया था, लेकिन यह स्थिति दर्शाती है कि बच्चों को इस तरह के कार्यों में शामिल करना गलत है।

    इस घटना ने आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के मुद्दे को एक बार फिर से उजागर किया है। समाज में बच्चों को काम करने के लिए मजबूर करने की प्रवृत्ति को समाप्त करने की आवश्यकता है। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि हमें बच्चों की शिक्षा और उनके विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि उन्हें काम करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

    इस प्रकार की घटनाएं न केवल बच्चों के मानसिक विकास को प्रभावित करती हैं, बल्कि उनके अधिकारों का भी उल्लंघन करती हैं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को सुरक्षित और शिक्षाप्रद वातावरण मिले।