टोल प्लाजा घोटाला: STF की कार्रवाई से मचा हड़कंप, नकली सॉफ्टेवयर से वसूल लिए थे करोड़ों रुपये
उत्तर प्रदेश एसटीएफ की कार्रवाई के बाद देशभर के 42 टोल प्लाजा पर नकली सॉफ्टवेयर के जरिए अवैध वसूली का खुलासा हुआ है। मिर्जापुर के अतरैला टोल प्लाजा से प्रतिदिन 45 हजार से ज्यादा की चोरी का खुलासा हुआ है। एसटीएफ ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और जांच का दायरा बढ़ा रही है। जानिए इस पूरे मामले की डिटेल्स।
जागरण संवाददाता, मिर्जापुर। यूपी एसटीएफ की कार्रवाई के बाद मिर्जापुर समेत देश प्रदेश के 42 टोल प्लाजा से नकली सॉफ्टेवयर के बल पर अवैध कार्रवाई की पोल खुल गई है। यह संख्या अभी आरोपित द्वारा टोल प्लाजा पर साफ्टवेयर इंस्टाल करने की है। जबकि इस प्रकार का कारनामा बड़ी संख्या में होने की आशंका जताई जा रही है। एसटीएफ भी उसी दिशा में कार्य कर रहा है।
बताया जा रहा है कि राजस्व की क्षति पहुंचाने के साथ अवैध वसूली का यह खेल हजारों करोड़ के पार का अनुमान है। इस अवैध कमाई के खेल में केवल पकड़े गए आरोपित ही नहीं बल्कि दिल्ली तक में बैठे बड़े लोग भी शामिल हैं। बता दें कि दैनिक जागरण काफी पहले से टोल प्लाजा पर अवैध वसूली को लेकर लगातार खबरें प्रकाशित करता रहा है।
देश के 200 से अधिक टोल प्लाजा पर इंस्टाल है साफ्टवेयर
गबन की धनराशि कोे टोल प्लाजा मालिकों द्वारा टोल प्लाजा के आइटी कर्मियों, अन्य कर्मियों एवं स्वयं तथा आलोक सिंह व उसके साथियों के बीच अवैध रूप से बांटकर लाभ लिया जाता है। आलोक सिंह ने यह भी बताया कि उसके साथी सावंत एवं सुखान्तु की देखरेख में देश के लगभग 200 से अधिक टोल प्लाजा पर इस तरह का सॉफ्टवेयर इंस्टाल करके टोल टैक्स का गबन किया जा रहा है। आलोक सिंह ने 42 टोल प्लाजा पर अपना सॉफ्टवेयर इंस्टाल किया है।
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अतरैला टोल प्लाजा से प्रतिदिन 45 हजार से अधिक का गबन
आलोक ने एसटीएफ को बताया कि विगत दो वर्षों से यह कार्य कर रहा है। अतरैला शिव गुलाम टोल प्लाजा लालगंज पर इंस्टाल किये गये साफ्टवेयर से प्रतिदिन औसतन 45,000 रुपये का टोल टैक्स गबन पाया गया। टोल प्लाजा से बिना फास्ट टैग वाले वाहनों से वसूली कर फोन के माध्यम से टोल पर्ची निकालने वाले कर्मी मनीष मिश्रा एवं टोल मैनेजर राजीव कुमार मिश्र के पास से एसटीएफ ने दो लैपटाप, एक प्रिन्टर, पांच मोबाइल फोन, एक वाहन मारुति एक्सएल-6 व 19,580 नकद बरामद किया।
लालगंज के अतरैला शिव गुलाम टोल प्लाजा पर दहशतज़दा शिवा बिल्डटेक के कर्मचारी। जागरण
बाबतपुर से टोल प्लाजा पर गबन का राज खुलना हुआ शुरू
एसटीएफ उप्र ने टोल टैक्स का गबन कर राष्ट्रीय राजस्व की क्षति पहुंचाने वाले गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये लोग राष्ट्रीय राजमार्गों के विभिन्न टोल प्लाजा पर फास्ट टैग रहित अथवा फास्ट टैग एकाउंट में पर्याप्त धनराशि न होने पर वाहनों से अवैध वसूली करते थे। एसटीएफ ने अतरैला टोल प्लाजा पर अवैध वसूली व साफ्टवेयर का दुरुपयोग करने की ठोस जानकारी हुई तो जौनपुर जनपद के थाना सरायख्वाजा के फरीदाबाद के आलाेक कुमार सिंह को बाबतपुर एयरपोर्ट के पास से मंगलवार शाम को पकड़ा। आलोक एससीए डिग्रीधारी है।
फास्ट टैग अनिवार्य, पेनाल्टी में वसूलते हैं दोगुना टोल टैक्स
दरअसल, देश के सभी टोल प्लाजा पर फास्ट टैग अनिवार्य है। जो वाहन बिना फास्ट टैग के टोल प्लाजा से गुजरते हैं, उनसे पेनाल्टी के रूप में दोगुना टोल टैक्स वसूला जाता है। अवैध कमाई के उद्देश्य से टोल प्लाजा मालिकों व प्रबंधकों की मिलीभगत से आरोपित ने समानांतर साफ्टवेयर इंस्टाल कर दिया गया।
इसका ऑनलाइन एक्सेस संबंधित के निजी लैपटाप से रहता था। इससे फास्ट टैग रहित वाहनों से लिए जाने वाले दोगुना टोल शुल्क समानांतर साफ्टवेयर के माध्यम से वसूला जाने लगा। उसकी प्रिंट पर्ची एनएचएआइ के साफ्टवेयर के समान ही रहती है। प्रत्येक टोल, बूथ ट्रांजेक्शन का विवरण आलोक सिंह के लैपटाप में प्रदर्शित होता है।
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साफ्टेवयर के जरिए नियमों की उड़ती रहीं धज्जियां
नियमानुसार फास्ट टैग रहित वाहनों से वसूले जाने वाले टोल टैक्स का 50 प्रतिशत एनएचएआइ के खाते में टोल प्लाजा द्वारा जमा करना होता है। किन्तु आलोक सिंह द्वारा इंस्टाल किये गये उक्त साफ्टवेयर के माध्यम से टोल प्लाजा मालिकों व प्रबन्धकों द्वारा धनराशि का गबन कर लिया जाता है। इसके साथ ही वसूले गए वाहन को वाहन शुल्क से मुक्त (एक्जेम्प्टेड) श्रेणी दिखाकर वाहन को जाने दिया जाता है।
एसटीएफ एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह ने कहा कि कागजी खानापूर्ति में काफी मशक्कत हुई। अभी तीन लोग पकड़े गए हैं। लालगंज थाने में मामला दर्ज है। इस मामले में और भी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की संभावना है। स्थानीय स्तर पर विवेचना के साथ कार्रवाई का दायरा और बढ़ता जाएगा। टोल पर लगे सभी साफ्टवेयर की जांच एनएचआइ को करना है। रिकार्ड डिलीट भी कर दिया जाए तब भी चोरी पकड़ में आ जाएगी।
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