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    समर्थ एप से दिव्यांग बच्चों का जीवन बनेगा सुगम व समर्थ

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 04 Jul 2022 06:51 PM (IST)

    दिव्यांग बच्चों का जीवन अब सुगम बनाएगा समर्थ एप

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    समर्थ एप से दिव्यांग बच्चों का जीवन बनेगा सुगम व समर्थ

    समर्थ एप से दिव्यांग बच्चों का जीवन बनेगा सुगम व समर्थ

    - मीरजापुर में पंजीकृत 3737 दिव्यांग बच्चे होंगे लाभांवित

    - समर्थ एप से दिव्यांग संग ड्राप आउट बच्चों की होगी निगरानी

    - प्रधानाध्यापक व वार्डेन कस्तूरबा विद्यालय को बनाया नोडल टीचर

    जागरण संवाददाता, मीरजापुर : दिव्यांग बच्चों का जीवन अब समर्थ एप से सुगम और समर्थ बनेगा। गंभीर दिव्यांग बच्चे भी अब शिक्षा से वंचित नहीं रहेंगे। उन्हें घर पर ही शिक्षा और इसके लिए सारी सुविधाएं मिलेंगी। समर्थ एप से बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में पढ़ रहे दिव्यांग बच्चों के साथ ही ड्राप आउट बच्चों की भी निगरानी हो सकेगी। दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़कर समावेशी शिक्षा प्रदान करने की कवायद की जा रही है। इसके लिए विद्यालय के प्रधानाध्यापक और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की वार्डेन को नोडल टीचर नामित किया गया है।

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    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार दिव्यांग बच्चों के लिए नई व्यवस्था आरंभ किया है। बेसिक शिक्षा विभाग के विकसित समर्थ एप से पहले चरण में दिव्यांग बच्चों के चिहांकन किया जाएगा। फिजियोथेरेपिस्ट और स्पेशल एजुकेटर दिव्यांग बच्चों का पूरा विवरण समर्थ एप पर फीड करेंगे। इन बच्चों का सारा डाटा आनलाइन किया जाएगा। दिव्यांग बच्चों की साप्ताहिक उपस्थिति दर्ज की जाएगी। जिला समन्वयक केशराज सिंह ने बताया कि प्रति वर्ष दिव्यांग बच्चों का डाटा बेस यू डायस पर इंट्री कराया जाएगा। डाटा फीडिंग के बाद परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक दिव्यांग बच्चों के घर जाकर शिक्षित करेंगे। उन्हें पढ़ाने के लिए कुछ विशेष तरीके भी प्रयोग किए जाएंगे। पहले चरण में जनपद में 3737 बच्चों की डिटेल्स जियो टैगिंग का लक्ष्य है। जिला समन्वयक समेकित शिक्षा केशराज सिंह ने बताया कि समर्थ एप पर काम शुरू हो गया है। पहले चरण में जनपद के दिव्यांग बच्चों को चिहिन्त किया जाएगा। उन्हें उनकी स्थिति के अनुसार शिक्षित किया जाएगा। दिव्यांग बच्चों के डाटाबेस के एनालिसिस के आधार पर उन्हें पर्याप्त आवश्यक सपोर्ट सेवाएं बेसिक शिक्षा की ओर से दी जाएंगी। बच्चों को अध्ययन संबंधी उपकरण व यंत्र भी मुहैया कराए जाएंगे।

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    दिव्यांग बच्चों की समावेशी शिक्षा के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए निर्देश दिया गया है। प्रत्येक परिषदीय विद्यालय के प्रधानाध्यापक और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की वार्डेन को नोडल टीचर बनाया गया है। 31 जुलाई के पूर्व समर्थ मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड कराकर लागिन करने का निर्देश दिया गया है। इससे दिव्यांग बच्चे लाभांवित होंगे।

    - गौतम प्रसाद, बीएसए, मीरजापुर।