मुकेश अंबानी के 'एंतीलिया' को टक्कर देती है मीरजापुर की 13 मंजिला बिल्डिंग, कहानी ऐसी कि सुनकर उड़ जाएंगे होश, देखें वीडियो...
मीरजापुर के अदलहाट क्षेत्र के श्रुतिहार ग्राम में मुकेश अंबानी के एंतीलिया के जैसे बना 13 मंजिला मकान चर्चा का विषय बना हुआ है। बिना परमिशन के बने इस मकान को लोग बुर्ज खलीफा कह रहे हैं। पेशे से डॉक्टर सियाराम पटेल ने यह इमारत बनवाई है जिससे आसपास के ग्रामीण डरे हुए हैं।

जागरण संवाददाता, अदलहाट (मीरजापुर)। बनारस से होकर कभी मीरजापुर आप अदलहाट होते हुए गुजरेंगे तो क्षेत्र के श्रुतिहार ग्राम में बना 13 मंजिला मकान आपको दिख सकता है। मकान ऐसा कि पूर्वांचल भर में ऐसी बिल्डिंंग न देखी होगी न कहीं चर्चा में होगी, निर्माण ऐसा कि मुकेश अंबानी की एंतीलिया बिल्डिंंग भी मानों चौंक उठे कि क्या मुजस्समा मीरजापुर में बन गया है।
ये घर इसलिए लोगों के बीच मशहूर हो गया क्योंकि यह 13 मंजिला है, समूचे पूर्वांचल में भी 13 मंजिला निजी घर नहीं है। इतना ही नहीं इस घर से जुड़ी कई ऐसी बाते हैं जो हैरान कर देंगी। सबसे पहली तो ये की ये घर बिना वैध परमिशन के 13 मंजिला बना दिया गया है।
बिना परमिशन 13 मंजिला बना ये ऊंचा भवन मीरजापुर का 'बुर्ज खलीफा' कहला रहा है। नीचे से ऊपर तक आप निहारना शुरू करेंगे तो लगेगा कि बिल्डिंंग आकाश छू रही है। वायरल हो रहे ड्रोन व्यू में भीतर फर्श पर हरी घासें उगी हुई नजर आती हैं।
घर जहां एक ओर कौतूहल का विषय बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर हैरानी की बात है कि निर्माण के समय इसकी भनक तहसील प्रशासन तक को नहीं लगी। जब घर पूरा बनकर तनकर खड़ा हो गया तो यहां पड़ोस में रहने वाले ग्रामीण पूरी तरह डर गए। दरअसल बिना पिलर और बिना मानक सिर्फ हैसियत के लिए तनी बिल्डिंंग लंबे समय से कार्रवाई के दायरे में है। इसके बाद भी इसे गिराने या हटाने की हिम्मत कोई नहीं कर पा रहा है। जबकि पड़ोसी इसके गिरने की संभावना मात्र से दहल जा रहे हैं।
बता दें कि क्षेत्र के श्रुतिहार गांव निवासी डॉ. सियाराम पटेल पेशे से प्राइवेट अस्पताल में आंखों के डॉक्टर हैं। उन्होंने गांव के भूमि को पाटकर लगभग 1 हजार वर्ग फीट में 13 मंजिला इमारत का निर्माण कराया। ग्रामीणों का कहना है कि डॉ. साहब चार शादी कर चुके हैं। गांव वालों के अनुसार उन्हें लंबे-चौड़े और बड़े मकान बनाने का शौक था।
#Mirzapur में लोग इसे एंटीलिया या बुर्ज खलीफा भी कहते हैं। तूफान या तेज बारिश आने पर पड़ोसी जान बचाने के लिए अपना घर छोड़कर भाग जाते हैं। बिल्डिंग की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है। pic.twitter.com/vxEpzjcOFS
— Abhishek sharma (@officeofabhi) September 26, 2025
लेकिन, मकान निर्माण करते समय नियमों को ताख पर रखकर बिना परमिशन और पिलर के गगन चुंबी इमारत बना दी। अब क्या है कि आस-पास के लोग चक्रवाती तूफान, तेज आंधी के समय दीवारों में पड़ी दरारों से मकान गिरने का डर लिए रह रहे हैं।
1 | 13 मंजिल बना है मकान |
2 | पिलर के बगैर खड़ी कर दी इमारत |
3 | जर्जर हो रही है बिल्डिंग |
4 | बारिश-तूफान में डर से घर छोड़ भाग जाते हैं आस-पास के लोग |
5 | चार शादी कर चुका है भवन स्वामी |
6 | चार पत्नियों से कुल 6 बच्चे हैं |
7 | दूसरी पत्नी मकान को करा चुकी है कुर्क |
ग्रामीणों के अनुसार डॉ. सियाराम पटेल की दूसरी शादी अर्चना सिंह पुत्री राम अधार सिंह निवासी नीबी देवरिया के साथ 2001 में हुई है। शादी के कुछ साल बाद पत्नी अर्चना ने भरण पोषण न मिलने पर परिवार न्यायालय में वाद दाखिल किया। जिसमें 13 अप्रैल 2018 को न्यायालय ने भरण पोषण के लिए 3 लाख 82 हजार 5सौ रुपए उनके पति को देने के लिए आदेशित किया।
भरण पोषण न मिलने पर परिवार न्यायालय के आदेश पर कुछ दिन बाद तत्कालीन उप जिलाधिकारी चुनार द्वारा 13 मंजिले इमारत को कुर्क के साथ जब्त कर लिया गया। तभी से भवन स्वामी डॉ. सियाराम पटेल पास के जिले सोनभद्र के कर्मा थाना अंतर्गत गणेश पुर गांव में रह रहे हैं। मकान में कोई न रहने के कारण भवन दुर्दशा झेल रहा है।
निर्मित गगन चुंबी इमारत के आसपास रहने वाले भवन स्वामी धर्मेन्द्र सिंह, लक्ष्मण सिंह, लालता सिंह, छोटे लाल,नन्हकू व अमरेश सिंह, हीरा लाल सिंह,रामेश्वर ने बताया कि आंधी और तूफान आने पर हम लोग अपना घर छोड़कर बाहर चले जाते हैं। इस संबंध में गांव के लक्ष्मण सिंह, सुबाष सिंह ने बताया कि नियमों के विरुद्ध अवैध तरीके से बने भवन को गिराने के लिए जिला प्रशासन तक को सूचित कराया गया। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिलाधिकारी से हमारी मांग है कि जर्जर बने भवन को जमींदोज किया जाए।
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