मीरजापुर में भूत-प्रेत के चक्कर में आपस में धारदार हथियार से मारपीट, दो की गई जान
मीरजापुर के चुनार थाना क्षेत्र के लाहौरा गांव में अंधविश्वास के चलते एक व्यक्ति ने अपने पड़ोसी की धारदार हथियार से हत्या कर दी और फिर खुद भी आत्महत्या ...और पढ़ें

अंधविश्वास को लेकर हत्या का यह मामला जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर भी देती है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर। अंधविश्वास के चलते एक व्यक्ति ने अपने पड़ोसी की धारदार हथियार से हत्या कर दी और फिर खुद भी आत्महत्या कर ली। यह घटना चुनार थाना क्षेत्र के लाहौरा गांव के पूर्वा नगरी में हुई, जहां दो व्यक्तियों के बीच भूत-प्रेत के विषय पर विवाद हुआ। इस विवाद के परिणामस्वरूप दोनों ने धारदार हथियार से एक-दूसरे पर हमला किया, जिससे दोनों की मौत हो गई।
घटना की जानकारी मिलने पर एएसपी ऑपरेशन मनीष मिश्रा मौके पर पहुंचे और मामले की छानबीन की। उन्होंने बताया कि झारखंड निवासी 40 वर्षीय कन्त लाल और घोरावल सोनभद्र निवासी 56 वर्षीय प्रेमलाल के बीच अंधविश्वास को लेकर विवाद हुआ। इस विवाद में कन्त लाल ने प्रेमलाल पर धारदार हथियार से हमला कर दिया, जिससे प्रेमलाल की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद कन्त लाल ने भी आत्महत्या कर ली।
मड़िहान थाना क्षेत्र के एक अधेड़ व्यक्ति ने अंधविश्वास के चलते चुनार थाना क्षेत्र में शौच के लिए गए एक पुजारी की हत्या कर दी और फिर खुद का गला चाकू से काटकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना मिलने पर मड़िहान और चुनार थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और सीमा निर्धारण के बाद दोनों शवों का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मड़िहान थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत राजापुर के ढेकवाह नगरी तला निवासी कन्तलाल गोंड (48 वर्ष) ने पड़ोसी पुजारी प्रेमलाल (56 वर्ष) की मंगलवार की सुबह हत्या कर दी। कन्तलाल ने प्रेमलाल पर गड़ासी से कई वार किए और फिर उसके सिर पर पत्थर पटककर उसे मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद उसने खुद का गला काटकर आत्महत्या कर ली। इस घटना की जानकारी मिलते ही दोनों परिवारों में मातम छा गया।
पुलिस ने बताया कि घटना स्थल पर मड़िहान और चुनार थाना की पुलिस ने पहले सीमा विवाद का निपटारा किया। एडिशनल एसपी मनीष कुमार मिश्रा ने मौके पर पहुंचकर दोनों शवों को चुनार पुलिस के हवाले किया। इसके बाद शवों का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
मृतक प्रेमलाल के पुत्र गुलाब ने बताया कि उनके पिता पिछले दस वर्षों से राजापुर गांव में रह रहे थे। वे बकरी पालन और खेती करके जीवन यापन करते थे। प्रेमलाल मां शीतला के पुजारी थे और नियमित रूप से उनकी सेवा करते थे। गुलाब ने बताया कि पड़ोसी कन्तलाल के साथ भूमि विवाद और तंत्र मंत्र के चलते अक्सर झगड़े होते थे, जिसके कारण उनके पिता की हत्या की गई।
कन्तलाल की पत्नी उर्मिला देवी ने बताया कि वे लगभग 12 वर्ष पहले झारखंड से अपने पति के साथ गांव आई थीं। उनके तीन बच्चे हैं, जिनमें सूरज (15 वर्ष), नीरज (12 वर्ष) और पूजा (3 वर्ष) शामिल हैं। पति की मौत के बाद उर्मिला पर बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी आ गई है, जिससे वह अत्यंत दुखी हैं।
एडिशनल एसपी मनीष कुमार मिश्रा ने बताया कि कन्तलाल ने प्रेमलाल की हत्या करने के बाद खुद का गला काटकर आत्महत्या कर ली। उनका शव लगभग 300 मीटर दूर बांस के बने बाड़े में फंसा मिला। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद कर लिया है। मौके पर क्षेत्राधिकारी मड़िहान शिखा भारती और चुनार से मंजरी राव भी उपस्थित थीं। इस घटना ने क्षेत्र में अंधविश्वास और भूमि विवाद के गंभीर मुद्दों को उजागर किया है, जो समाज में हिंसा का कारण बन रहे हैं।

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