मीरजापुर में चोरी हुईं राम-जानकी की अष्टधातु मूर्तियां बरामद, पुजारी व सपा नेता समेत चार गिरफ्तार
Mirzapur News राम जानकी मठ के मंदिर से चोरी हुईं अष्टधातु की तीन मूर्तियों को पुलिस ने बरामद कर लिया है। मंदिर के पुजारी और एक स्थानीय सपा नेता समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मठ का उत्तराधिकारी नहीं बनाए जाने से नाराज मंदिर के पुजारी ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर मूर्तियों की चोरी की थी।

जागरण संवाददाता, मीरजापुर। राम जानकी मठ के मंदिर से बीते 13 जनवरी की रात चोरी हुईं अष्टधातु की तीन मूर्तियों को पुलिस ने शनिवार को बरामद कर लिया। मंदिर के पुजारी और एक स्थानीय सपा नेता समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
मठ का उत्तराधिकारी नहीं बनाए जाने से नाराज मंदिर के पुजारी भदोही निवासी वंशीदास उर्फ बृजमोहन ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर मूर्तियों की चोरी की थी। इसमें प्रयागराज के राय बहादुर पाल, भदोही निवासी लवकुश पाल और प्रतापगढ़ के मुकेश कुमार सोनी शामिल थे। राम बहादुर पाल समाजवादी पार्टी युवजन सभा का राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व जिला पंचायत सदस्य है, यद्यपि पार्टी इससे इन्कार कर रही है।
खंगाले गए 175 सीसीटीवी कैमरे
पुलिस के मुताबिक श्रीराम की मूर्ति कपड़ा व शृंगार सहित 22.030 किग्रा, लक्ष्मणजी की मूर्ति 22.430 किग्रा और माता जानकी की मूर्ति 21.590 किग्रा वजनी है। एक हार, दो मुकुट, एक मछलीनुमा कुंडल भी बरामद किया गया है। पुलिस पता लगा रही है कि मूर्तियां किसे बेची जानी थी। पुलिस ने वारदात की जांच के दौरान 175 सीसीटीवी खंगाले। एक सीसीटीवी फुटेज में एक सफेद बोलेरो गाड़ी घटना वाली रात मंदिर के पास दिखी, जो कुछ देर रुकने के बाद चली गई।
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पुलिस ने पता किया तो बोलेरो वंशीदास की निकली। शक होने पर हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने सच्चाई बता दी। वंशीदास ने बताया कि मठ के प्रभारी जयरामदास ने उसे उत्तराधिकारी बनाने का आश्वासन दिया था। इस बीच उसे पता चला कि जयरामदास अपने भतीजे को मठ का उत्तराधिकारी बनाने वाले हैं। इस बात से नाराज होकर उसने वारदात को अंजाम दिया।
स्वर्णकार से कराई गई मूर्तियों की जांच
मूर्तियों की चोरी की घटना की तहरीर भी अगले दिन उसने ही पुलिस को दी थी। घटना को अंजाम देने से एक माह पहले पेशे से स्वर्णकार मुकेश सोनी को बुलाकर मूर्तियों की जांच कराई थी।
मुकेश ने बताया था कि ये अष्टधातु की मूर्तियां हैं और इनकी कीमत करोड़ों में है। आरोपित मूर्तियों को बेचने के लिए प्रयागराज भी गए थे। उधर, सपा के जिला अध्यक्ष देवीप्रसाद चौधरी ने कहा कि राय बहादुर पाल नाम का पार्टी का कोई सदस्य नहीं है और न ही समाजवादी युवजन सभा का कोई पदाधिकारी है।

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