Updated: Tue, 22 Jul 2025 10:36 PM (IST)
गंगा नदी का जलस्तर तेज़ी से घट रहा है जिससे किसान और प्रशासन राहत महसूस कर रहे हैं। 24 घंटे में 18 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गई। बाढ़ से प्रभावित किसानों को भारी नुकसान हुआ था। अब पानी घटने से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया गया है और दवाओं का छिड़काव करने के निर्देश दिए गए हैं।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर। गंगा का जलस्तर तेजी से घटने लगा है। सोमवार को 24 घंटे में 18 सेंटीमीटर की दर से पानी घटने के चलते शाम चार बजे गंगा का जलस्तर 74.620 मीटर तक आ गया। लगातार पानी घटता देख किसान व प्रशासन के अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। हालांकि, अब ग्रामीणों व प्रशासन के सामने पानी घटने पर उत्पन्न होने वाली बीमारियों से निपटने की होगी।
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एक जुलाई से लगातार गंगा का जलस्तर बढ़ रहा था। इससे 21 जुलाई तक 75.730 मीटर तक गंगा का पानी पहुंच गया था। बाढ़ के पानी से जिले के छह ब्लाक छानबे, कोन, सिटी, पहाड़ी, मझवां व सीखड़ के गंगा किनारे बोई गई करीब 300 बीघे की फसल व सब्जी डूब गई थी। जिससे किसानों काे लाखाें रुपये का नुकसान हुआ है। सभी बाढ़ का पानी और बढ़ने की आशंका जता रहे थे कि रविवार से पानी घटने पर राहत की सांस ली गई।
बताया गया कि सबसे अधिक बाढ़ से कोन ब्लाक के किसानों का नुकसान हुआ है। यहां करीब 200 बीघे की फसल व सब्जी डूब गई है। अब पानी घट रहा है ताे फसल सड़ने व कीचड़ से बीमारियों के उत्पन्न होने का खतरा भी बढ़ गया है। इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग को एलर्ट कर दिया गया है। बाढ़ प्रभावित गांवों में दवाओं का छिड़काव करने के निर्देश दिए गए है।
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