नवरात्र में मां विंध्यवासिनी का दर्शन करना होगा आसान, 24 घंटे मिलेगी सुविधा; आरती और श्रृंगार के समय में बदलाव
शारदीय नवरात्र में विंध्याचल स्थित मां विंध्यवासिनी का शयन नहीं होगा जिससे भक्त 24 घंटे दर्शन कर सकेंगे। मंगला आरती सुबह 4 बजे की जगह 3 बजे होगी। पंडा समाज के अनुसार सभी आरतियों के समय में बदलाव किया गया है। नवरात्र में दोपहर और रात में शयन आरती नहीं होगी जिससे श्रद्धालु लगातार दर्शन कर सकेंगे।

जागरण संवाददाता, विंध्याचल (मीरजापुर)। शारदीय नवरात्र के दौरान मां विंध्यवासिनी का शयन नहीं लगेगा। अनवरत मां अपने भक्तों को दर्शन व आशीर्वाद देंगी। प्रतिदिन होने वाली आरती के समय में भी परिवर्तन किया गया है।
सुबह चार बजे होने वाली मंगला आरती नवरात्र में भोर में तीन बजे ही होगी। इसके बाद कपाट खोल दिए जाएंगे। श्रद्धालुओं को मां के दर्शन 24 घंटे मिलेंगे।
विंध्य पंडा समाज के मंत्री पं. भानू पाठक ने बताया कि शारदीय नवरात्र मेले के दौरान मां विंध्यवासिनी देवी की प्रतिदिन होने वाली चार आरती व श्रृंगार के समय में बदलाव किया गया है।
मंगला आरती भोर में तीन से चार बजे तक होगा। राजश्री आरती मध्याह्न 12 से एक बजे तक, संध्या आरती सात से आठ बजे और बड़ी आरती रात 9.30 से 10.30 तक होगा।
नवरात्र मेले के दौरान दोपहर एवं रात में लगने वाला मां का शयन नहीं लगेगा। मां के दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कपाट खुले रहेंगे।
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