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    यूपी के इस ज‍िले में चौड़ा होगा 150 साल पुराना पुल, योगी सरकार ने प्रस्‍ताव को दी मंजूरी; लोगों को म‍िलेगा फायदा

    Updated: Mon, 16 Dec 2024 03:23 PM (IST)

    मीरजापुर-रीवां मार्ग लोहंदी नदी पर स्थित गांधी घाट पुल को जल्‍द ही दस मीटर चौड़ा किया जाएगा। इसके लिए शासन से मंजूरी शासन से मिल चुकी है। करीब डेढ़ वर्ष पुराना पुल होने के कारण यह अब जर्जर स्थिति में पहुंच गया है। पुल पर गड्ढे बन गए है। इसको देखते हुए लोक निर्माण विभाग की ओर से इसके चौड़ीकरण का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया था।

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    उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्यनाथ।- फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, मीरजापुर। मीरजापुर-रीवां मार्ग लोहंदी नदी पर स्थित गांधी घाट पुल को जल्‍द ही दस मीटर चौड़ा किया जाएगा। इसके लिए शासन से मंजूरी शासन से मिल चुकी है। पुल का निर्माण लोक निर्माण विभाग की ओर से किया जाएगा। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है।

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    अंग्रेजी शासन काल के दौरान करीब डेढ़ सौ वर्ष पूर्व सुंदरघाट रीवा मार्ग का निर्माण किया गया था, ताकि व्यापार को बढ़ावा मिल सके। इस मार्ग से लोहंदी नदी गुजरी थी। इसको देखते हुए पुल का निर्माण किया गया था। वर्तमान में यह दो लेन का पुल है।

    करीब डेढ़ वर्ष पुराना पुल होने के कारण यह अब जर्जर स्थिति में पहुंच गया है। पुल पर गड्ढे बन गए है। इसको देखते हुए लोक निर्माण विभाग की ओर से इसके चौड़ीकरण का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया। बताया गया कि यह पुल काफी पुराना हो चुका है। यह धीरे धीरे जर्जर होता जा रहा है। इस पुल का निर्माण नहीं किया गया तो हादसा हो सकता है। वर्तमान की स्थिति को देखते हुए इस पुल को फोरलेन के बराबर करीब दस मीटर चौड़ा करने की जरूरत है।

    शासन ने दी मंजूरी

    शासन ने भेजे गए प्रस्ताव को गंभीरता से लेते हुए मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके लिए करीब चार करोड़ रुपये जारी कर दिए है। अब विभाग की ओर से टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। संभावना जताई जा रही है कि एक दो माह के अंदर इसका निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।

    ऐसे पड़ा पुल का नाम गांधी घाट

    अंग्रेजी शासन काल में करीब डेढ़ सौ वर्ष पूर्व सुंदर घाट रीवां मार्ग बनाया गया था। ताकि व्यापार को बढ़ावा मिल सके। बीच में लोहंदी नदी होने के कारण यहां पर एक पुल का निर्माण किया गया। उस समय चील्ह रेलवे स्टेशन होेने के कारण वहां से नाव के रास्ते माल गंगा के इस पर सुंदरघाट पर आता था। जिसे वाहनों पर लादकर सुंदरघाट रीवां मार्ग से मध्य प्रदेश भेजा जाता था। बताया गया कि पुल निर्माण के दौरान ही महात्मा गांधी ने गुजरात से एक यात्रा निकाली थी। जो मीरजापुर के इसी पुल से होकर गुजरी थी। गांधी जी इसी पुल के पास करीब एक घंटा रुके थे। इसके चलते इसका नाम गांधी पुल रख दिया गया था।

    मध्य प्रदेश से लेकर मीरजापुर के प्रतिदिन गुजरते हैं दस हजार वाहन

    मीरजापुर-रीवां मार्ग के गांधी घाट पुल से प्रतिदिन दस वाहन मध्य प्रदेश व अन्य जिलों से होकर गुजरते हैं जो मीरजापुर नटवां होते हुए भदोही जाते हैं। पुल छोटा होने के कारण यहां पर जाम की स्थिति पैदा होती है।

    करीब चार करोड़ रुपये की लागत से मीरजापुर-रीवां मार्ग पर स्थित गांधी घाट का चौड़ीकरण किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।- सतीश कुमार, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग।

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