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    UPPCL: यूपी के इस जिले में फिर गर्मी में परेशान करेगी बिजली, छूटेंगे पसीने; दो साल बाद भी पूरा नहीं हुआ काम

    Updated: Tue, 11 Feb 2025 02:18 PM (IST)

    मेरठ में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए शुरू की गई रीवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर योजना (आरडीएसएस) के तहत होने वाले कार्य अधूरे हैं जिससे आगामी गर्मी के मौसम में बिजली आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका है। योजना के तहत खंभे बदलने केबल डालने ट्रांसफार्मर लगाने और फीडरों से संबंधित कार्यों को पूरा किया जाना था जोकि नहीं हुआ है।

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    यूपी के इस जिले में फिर गर्मी में परेशान करेगी बिजली - प्रतीकात्मक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, मेरठ। फरवरी में तापमान का बढ़ना जारी है। गर्मी में बिजली के फाल्टों की झड़ी न लगे इसके लिए रीवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर योजना (आरडीएसएस) के तहत सुदृढीकरण के कार्य नौ जनवरी में पूरे होने थे, दो साल की अवधि बीतने के बाद 55 प्रतिशत ही कार्य पूरे हो सके हैं।

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    ऐसे में असन्न गर्मी के सीजन में बिजली आपूर्ति व्यवस्था के झटके खाने के आसार बन रहे हैं। वर्ष 2024 के गर्मी के सीजन में बिजली आपूर्ति कई कई दिन ठप रही थी। शहर के कई स्थानों पर स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।

    खंदक और सराफा बाजार में अभी भी लटके हैं जर्जर तार

    हैंडलूम वस्त्र व्यापारी संघ के अध्यक्ष अंकुर गोयल खंदक बाजार में जर्जर तारों और खराब पोलों का कार्य नहीं हुआ है कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई है। इसी तरह सोना चांदी व्यापार संघ के अध्यक्ष संत कुमार वर्मा ने बताया कि कागजी बाजार, जौहरी बाजार और नील की गली में जर्जर तार लटक रहे हैं। गर्मी में इन्हीं तारों से स्पार्किंग होती है और आतिशबाजी का नजारा होता है। व्यस्त गलियों में हादसों का अंदेशा रहता है।

    32 हजार खंभे और 600 किलोमीटर एबी केबल डालने का कार्य अधूरा

    सुचारु बिजली व्यवस्था के लिए आवश्यक है कि खंभे दुरुस्त हों, मांग के अनुसार केबल, ट्रांसफार्मर उचित क्षमता के हों। उपकेंद्रों पर फीडरों से संबंधित उपकरणों का दुरुस्त होना भी जिससे की सप्लाई में व्यवधान न हो। रीवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर योजना (आरडीएसएस) के तहत उक्त चारो श्रेणी के कार्य स्वीकृत किए गए थे।

    जनवरी 2013 में कार्य आरंभ हुए थे। सालासर टेक्नो इंजीनियर लिमिटेड कंपनी को नौ जनवरी 2025 तक समस्त कार्य पूरे करने थे। शहरी क्षेत्र में अभी भी 225 सर्किट किलोमीटर लंबाई में पुराने केबलों की जगह नया केबल डालने कार्य पूरा नहीं हुआ है।

    जोन टू में तो एरियल बंच केबल डालने का कार्य 40 प्रतिशत अधूरा है। सबसे ज्यादा 95 वर्गमीटर व्यास का एबी केबल बिछाना था यहां अभी तक केवल 386 सर्किट किलोमीटर केबल बिछाने का कार्य शेष है। जोन वन में जरूर एबी केबल बदलने का कार्य 80 प्रतिशत पूरा हो गया है।

    सबसे खराब स्थिति नए ट्रांसफार्मर लगाने और झूलते तारों को सहारा देने के लिए खंभे लगाने की है। गर्मियों में लोड बढ़ने पर फाल्टों से निजात दिलाने के लिए 122 नए ट्रांसफार्मर अभी तक नहीं लगे हैं। ऐसे में ड़ेढ माह बाद जब गर्मी पूरे जाेरों पर होगी तब एक बार बिजली के हाहाकार की स्थिति उत्पन्न होगी।

    अधिकारियों ने सालासर कंपनी के प्रतिनिधियों से लगातार वार्ता कर कार्य जल्द पूरा करने के लिए कह रहे हैं लेकिन उक्त लंबित कार्य को देखते हुए लगाता नहीं गर्मी शुरु होने के पहले कार्य पूरे हो पाएंगे।

    कार्य पूरा करने लक्ष्य 31 मार्च निर्धारित किया गया है। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक तकनीकि एनके मिश्रा ने बताया कि प्रतिदिन नियमित रूप से रीवैंप के तहत होने वाले कार्याें का अनुश्रवण किया जा रहा है। कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि कर जल्द काम पूरा करने के लिए कहा गया है।

    यह है मेरठ में आरडीएसएस तहत के अलग-अलग कार्यों की स्थिति

    कार्य कुल स्वीकृत अब तक हुए कार्य
    एबी केबल 95 वर्ग मिलीमीटर जोन टू 1061  675
    एसीएसआर कंडक्टर 1233  546
    नए खंभे 58641  26320
    ट्रांसफार्मर 187  65
    फीडर संबंधित कार्य 278  140

    नोट एबी केबल और कंडक्टर की लंबाई सर्किट किलोमीटर में है

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