तीन दिन में किशोरी नहीं मिली तो सस्पेंड कर दूूंगा...IPS विपिन ताडा की चेतावनी पर बेटे को तलाशने लगे दारोगा
Meerut News यूपी-112 पर तैनात एक दारोगा के बेटे ने 10वीं कक्षा की एक किशोरी का अपहरण कर लिया। पीड़ित के पिता ने एसएसपी के सामने पेश होकर आरोप लगाया कि दारोगा के दबाव में पुलिस किशोरी को बरामद नहीं कर पा रही है। एसएसपी ने आरोपित दारोगा पिता और विवेचक दारोगा को किशोरी की बरामदगी के लिए तीन दिन का समय दिया है।
जागरण संवाददाता, मेरठ। यूपी-112 पर तैनात दारोगा को बेटा कक्षा दस में पढ़ने वाली किशोरी को अगवा कर ले गया। शुक्रवार को किशोरी के पिता एसएसपी के सामने पेश हो गए। तब एसएसपी ने आरोपित के दारोगा पिता और विवेचक दारोगा को किशोरी की बरामदगी में तीन दिन का समय दिया है।
यदि किशोरी को बरामद नहीं किया गया। दोनों दारोगा को निलंबित कर दिया जाएगा। उसके बाद ड्यूटी छोड़कर दारोगा बेटे की तलाश में जुट गया है।
टीपीनगर थाने के सरस्वती विहार में सतीश कुमार का परिवार रहता है। दारोगा सतीश यूपी-112 पर तैनात हैं। उनका बेटा टीपीनगर थाना क्षेत्र में रहने वाली किशोरी को अगवा कर ले गया।
कक्षा दस की छात्रा है लड़की
किशोरी कक्षा दस में पढ़ाई करती है। टीपीनगर थाने में पीड़ित व्यक्ति की तरफ से मुकदमा दर्ज कर लिया। 30 नवंबर की घटना के बाद भी पुलिस ने किशोरी को बरामद नहीं किया। शुक्रवार को सर्राफ कारीगर ने एसएसपी के समक्ष पेश होकर आरोप लगाया कि दारोगा के दबाव में टीपीनगर पुलिस किशोरी को बरामद नहीं कर पा रही है। तभी एसएसपी विपिन ताडा ने दारोगा सतीश को बुलाया। साथ ही मुकदमे के विवेचक विजय प्रकाश को भी बुलाया गया। दोनों दारोगा को किशोरी की बरामदगी के लिए तीन दिन का समय दिया गया।
एसएसपी ने कहा, कि यदि तीन दिनों में किशोरी बरामद नहीं हुई। दोनों के निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। उसके बाद सतीश अपनी ड्यूटी छोड़कर बेटे की तलाश में लग गया है। ताकि किशोरी को बरामद करा सकें।
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पुलिस टीम किशाेरी को बरामद करने में लगी है
इंस्पेक्टर सुबोध सक्सेना ने बताया कि पुलिस की टीम भी किशोरी को बरामद करने में लगी हुई है। पहले दारोगा सतीश पुलिस का सहयोग नहीं कर रहे थे। एसएसपी की चेतावनी के बाद सहयोग करने लगे है। उम्मीद है कि जल्द ही किशोरी बरामद कर ली जाएगी।
थानों में नहीं हो रही सुनवाई, डीआईजी के समक्ष पहुंच रहे फरियादी
जनपद के थानों में फरियादियों की सुनवाई का आलम यह है कि डीआईजी के समक्ष 15 दिनों में 67 शिकायतें पहुंची है। उन्होंने सभी शिकायतों पर एक सप्ताह में कार्रवाई कर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही चेतावनी दी गई कि जिस थाने की ज्यादा शिकायत पहुंचेंगी। उस पर कार्रवाई की जाएगी। थानेदारों और सर्किल आफिसर को स्पष्ट कर दिया कि थाने और आफिस में बैठकर पीड़िताें की समस्या सुनकर निस्तारण करें।
17 दिसम्बर तक की समीक्षा
डीआईजी कलानिधि नैथानी ने चार से 17 दिसंबर तक ऑफिस में आए फरियादियों की समीक्षा की है। मेरठ के सर्किल कोतवाली से-सात, ब्रहमपुरी से-आठ, कैंट से-सात, सिविल लाइन-आठ, दौराला से-सात और महिला थाना से-दो, किठौर से-दो, मवाना से-छह, सरधना से-13, सदर देहात-सात यानि सभी सर्किल से 67 फरियादी डीआईजी के सामने उपस्थित हुए। इसी प्रकार बुलंदशहर के सर्किल नगर से-तीन, सिकंदराबाद-दो, खुर्जा से-एक, शिकारपुर से-दो, डिबाई से-एक सभी सर्किल से नौ फरियादी उपस्थित हुए।
बागपत के सर्किल बागपत से-एक, बड़ौत से-चार, खेकड़ा से-एक यान छह शिकायतें सामने आई है। हापुड़ के सर्किल नगर से-छह, गढ़मुक्तेश्वर से-तीन, पिलखुवा से-दो यानि 11 फरियादी उपस्थित हुए। समीक्षा में डीआईजी ने सरधना सर्किल में सुधार की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा कि पीड़ितों की सुनवाई में लापरवाही करने वाले थाना प्रभारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
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