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    UP Online Teacher Attendance : यूपी में सरकारी शिक्षकों के लिए ऑनलाइन हाजिरी होनी चाहिए या नहीं? मंत्री जयंत चौधरी ने कही यह बात

    Updated: Thu, 11 Jul 2024 03:44 PM (IST)

    जयंत चौधरी ने कहा कि दुनिया के आर्थिक ढांचे में तेजी से बदलाव हो रहा है। ऐसे में भारतीय समाज और युवाओं को प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार होना पड़ेगा। जरूरी है कि हर युवा एक कौशल विकसित करें। उसके सहारे रोजगार को आगे बढ़ाएं। दूसरों को भी रोजगार मुहैया कराएं। कहा कि हर क्षेत्र में भी तेजी से बदलाव हुए हैं।

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    जयंत चौधरी ने कहा युवा कौशल प्रशिक्षण केवल प्रमाण पत्र लेने के बल्कि सीखने के लिए करें।

    मेरठ, जागरण संवाददाता। केंद्रीय उद्यमिता एवं कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयन्त चौधरी ने बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में आनलाइन हाजिरी के विरोध में आंदोलन कर रहे शिक्षकों को लेकर कहा कि टेक्नोलाजी से बच नहीं सकते और न ही इससे भाग सकते हैं। शिक्षकों के पास बड़ी जिम्मेदारी है। उन पर विद्यार्थियों का भी भविष्य टिका हुआ है।

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    देश का भविष्य स्कूलों में, जिम्मेदारी शिक्षकों पर : जयंत

    चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षागृह में कौशल विकास मंत्रालय की ओर से आयोजित जोनल कार्यशाला में पहुंचे जयन्त चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि देश के भविष्य स्कूलों में पढ़ रहे हैं। उनकी जिम्मेदारी भी शिक्षकों पर है।

    शिक्षण कार्य में टेक्नोलाजी व्यवस्था को बेहतर करने के प्रयास हो रहे हैं। इसमें शिक्षकों को भी सहयोग करना चाहिए। इससे पहले कार्यशाला को संबोधित करते हुए जयन्त चौधरी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग जैसी आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से बदलती कार्यशैली और हर कार्य क्षेत्र में इनके महत्व पर जोर दिया।

    नौकरी के लिए योग्य बनना जरूरी : जयंत

    प्रदर्शनी में आए लाभार्थियों के उत्पादों को देखने के बाद जयन्त चौधरी ने कहा कि कौशल विकास योजना के उद्देश्य जमीनी स्तर पर पूरे हो रहे हैं, ऐसा प्रदर्शनी देखकर पता चलता है।

    युवा कौशल प्रशिक्षण केवल प्रमाण पत्र लेने के बल्कि सीखने के लिए करें। सीखना सतत प्रक्रिया है और यह जीवन पर्यंत चलती रहती है। युवा ऐसा न समझे कि उन्हें प्रमाण पत्र मिल गया तो नौकरी भी मिल जाएगी। उसके लिए योग्य बनना जरूरी है।

    शिक्षा केंद्रों में लोगों को जागरूक करने की जरूरत : जयंत

    उन्होंने उदाहरण दिया कि 2024 में अब तक देश के आइआइटी संस्थानों से 38 प्रतिशत डिग्री धारकों को नौकरियां मिली है। इसलिए किसी को ऐसा नहीं लगना चाहिए कि आइआइटी में प्रवेश मिल जाना या डिग्री धारण कर लेना ही नौकरी की गारंटी है। उन्होंने कहा कि नौकरी क्षेत्र ऐसा ही है। यह कड़वा सत्य है और इसे स्वीकार करने की जरूरत है।

    कौशल विकास योजना को आगे बढ़ाने में सामाजिक क्षेत्र का सबसे बड़ा योगदान है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से जन शिक्षा केंद्रों के बारे में लोगों को जागरूक करने का आह्वान किया। बताया कि कौशल विकास योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण से लोगों के कौशल स्तर में क्या सुधार हुआ है, इसका सर्वेक्षण भी किया जाएगा, जिसकी शुरुआत मेरठ से ही करना चाहेंगे।

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