फ्रॉड का आरोपित समाधान दिवस में पहुंच गया दूसरे की सिफारिश करने, फिर पुलिस ने सिखा दिया सबक
Meerut News पल्लवपुरम पुलिस ने डी फार्मा में फर्जी दाखिले के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। संजीव कुमार पर फर्जी कालेज चलाने और छात्रों से 1.80 लाख रुपये वसूलने का आरोप है। उर्मिला नामक महिला की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ था। पुलिस ने आरोपियों को समाधान दिवस पर गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया।

जागरण संवाददाता, मोदीपुरम (मेरठ)। डी फार्मा के फर्जी कोर्स में दाखिले के नाम पर 1.80 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के दो आरोपितों को डेढ़ साल बाद पल्लवपुरम पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों शनिवार को पल्लवपुरम थाने में आयोजित समाधान दिवस में एक व्यक्ति की सिफारिश करने पहुंचे थे। जानकारी में आते ही पुलिस ने दोनों को धरदबोचा। पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
पल्लवपुरम इंस्पेक्टर रमेश चंद्र शर्मा ने बताया कि पल्लवपुरम निवासी संजीव कुमार का खिर्वा गांव के पास कालेज है। इसमें केवल दो-तीन कमरे हैं। आरोप है कि संजीव कुमार ने फर्जी तरीके से कालेज की मान्यता ले रखी है। कालेज में छात्रों के दाखिले होते रहे। वर्ष 2021 में बड़ौत (बागपत) निवासी उर्मिला ने अपने बेटे आर्यन व रिश्तेदार के बेटे रजत का यहां डी फार्मा डिप्लोमा कोर्स में दाखिला कराया था।
दाखिले के नाम पर विद्यार्थियों से 1.80 लाख रुपये वसूले गए। चूंकि, कालेज में स्टाफ ही नहीं था, लिहाजा पढ़ाई भी नहीं हो सकी। फर्जीवाड़े की जानकारी होने पर पीड़िता ने तत्कालीन एसएसपी से शिकायत की थी। कप्तान के आदेश पर एसपी सिटी ने जांच की तो पूरा प्रकरण फर्जी पाया गया। पुलिस के मुताबिक, 2020 में पूर्व परियोजना निदेशक ने भी इस तरह के आरोप लगाए थे। उर्मिला की शिकायत पर 23 मार्च-2024 को पल्लवपुरम थाने में संजीव कुमार निवासी पल्लवपुरम और योगेश कुमार निवासी कृष्णा नगर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। जांच अधिकारी लापरवाह रवैया अपना रहे थे। इंस्पेक्टर ने बताया कि पिछले महीने ही एसएसपी ने जांच बदलकर उनको सौंपी थी। बताया कि शनिवार को समाधान दिवस पर एक मामले में दोनों आरोपित किसी की सिफारिश में थाने पहुंचे। इंस्पेक्टर ने उनसे नाम-पता पूछा। मामला जानकारी में आने के बाद दोनों को थाने में ही गिरफ्तार कर लिया।
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