Fake Protein: मेरठ में अरबों का नकली प्रोटीन सप्लीमेंट खपाया जा चुका, तीनों आरोपितों को भेजा जेल
fake protein In Meerut मेरठ में यह मामला हैरत करने वाला है। युवाओं की रंगों में अरबों का नकली प्रोटीन सप्लीमेंट उतार चुके है आरोपित। वहीं तीनों पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया एक करोड़ का माल किया गया सील।
मेरठ,जागरण संवाददाता। fake protein In Meerut मेरठ के शाहपीर गेट में फैक्ट्री संचालित कर नकली प्रोटीन सप्लीमेंट और स्टेरायड तैयार कर खैननगर से कई राज्यों को सप्लाई दी जा रही थी। पूछताछ में सामने आया कि यह आरोपित अरबों का नकली प्रोटीन सप्लीमेंट और स्टेरायड युवकों की रगों में उतार चुके है।
नमूने लखनऊ भेजे गए
औषधि विभाग और फूड विभाग की तरफ से बरामद प्रोटीन सप्लीमेंट और स्टेरायड के नमूने लेकर राजकीय प्रयोगशाला लखनऊ में भेज दिया है। साथ ही तीनों आरोपितों कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया। तीनों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। मंगलवार को क्राइम ब्रांच की टीम ने औषधि और फूड विभाग के साथ मिलकर शाहपीर गेट निवासी बिलाल और दाऊद की शाहपीर गेट स्थित फैक्ट्री पर छापा मारा।
एक करोड़ का माल किया था बरामद
वहां से बड़ी संख्या में नकली प्रोटीन सप्लीमेंट और स्टेरायड बरामद किया गया। उसके बाद टीम ने खैरनगर स्थित न्यू एक्सट्रा पावर फर्म पर छापा मारा। यह फर्म भी बिलाल और दाऊद का चचेरा भाई सुऐब चला रहा था। फर्म और फैक्ट्री के अंदर से पुलिस ने करीब एक करोड़ कीमत का नकली प्रोटीन सप्लीमेंट और स्टेरायड बरामद किया है। नकली प्रोटीन सप्लीमेंट के साथ दवाए और इंजेक्शन भी मिले है।
सभी आरोपितों को भेजा गया जेल
पुलिस ने सभी सामान सील कर थाने के मालखाने में रख दिया है। बिलाल, दाऊद और सुऐब के खिलाफ आइपीसी की धारा 272, 273, 276, 420, 467, 468 में मुकदमा दर्ज कर सभी आरोपितों को कोर्ट में पेश किया, जहां से सभी को जेल भेज दिया। पुलिस पूछताछ में तीनों आरोपितों ने बताया कि अरबों का नकली नकली प्रोटीन सप्लीमेंट और स्टेरायड युवाओं की रंगों में खपा चुके है। पिछले दस साल से बड़े पैमाने पर नकली नकली प्रोटीन सप्लीमेंट और स्टेरायड का धंधा कर रहे थे।
जिम और दुकानों पर जाता नकली माल
पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि शहर के नामचीन जिम और बड़ी दुकानों पर विदेशी ब्रांड का नकली प्रोटीन सप्लीमेंट और स्टेरायड सप्लाई होता है। 17 रुपये में तैयार होने वाली दवाइयां 170 की बेची जाती है, जबकि इंजेक्शन और प्रोटीन सप्लीमेंट 200 रुपये में तैयार होकर साढ़े चार से पांच हजार तक बेचा जाता है। दुकानदार भी नकली माल को कम रेट पर खरीदकर मोटा मुनाफा कमाते है।
जिम संचालक ऐसे कराते है प्रयोग
नामचीन जिम संचालक भी ग्राहकों को अपने यहां से नकली प्रोटीन सप्लीमेंट और स्टेरायड मुहैया कराते है। असली के साथ नकली लगाकर युवाओं को दिया जाता है, ताकि इसका कोई साइड इंफेक्ट नहीं हो। एसपी क्राइम अनित कुमार का कहना है कि अन्य दुकानों और जिम पर छापामारी की जाएगी, जहां जहां उक्त फैक्ट्री और फर्म से नकली नकली प्रोटीन सप्लीमेंट और स्टेरायड जा चुका है।
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