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    अमेरिका में पढ़ाई के लिए आसानी से मिल जाता है VISA, बस इन 3 एरिया में होनी चाहिए मजबूती

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 07:19 PM (IST)

    चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में पिट्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. राम गुप्ता ने छात्रों को अमेरिका में पढ़ाई के अवसर बताए। उन्होंने कहा कि ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में शनिवार को आयोजित विशेष व्याख्यान के लिए पहुंचे अमेरिका के पिट्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डा. राम गुप्ता ने विद्यार्थियों को बताया कि अमेरिका में पढ़ाई के लिए वीजा आसानी से मिल जाता है।

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    बाहर से आने वाले छात्रों की अंग्रेजी अच्छी होनी चाहिए और उसके लिए आयोजित टाॅफेल टेस्ट में न्यूनतम 62 प्रतिशत अंक होने चाहिए। साथ ही जिस विषय में पढ़ना व शोध करना चाहते हैं, उस पर पकड़ मजबूत होनी चाहिए। डा. गुप्ता ने बताया कि अब बदली परिस्थितियों में अमेरिका में सीधे नौकरी करने जाना मुश्किल और महंगा हो गया है लेकिन वहीं पर पढ़ाई करने के बाद नौकरी पकड़ने का रास्ता अधिक सुगम और लाभकारी हो सकता है।

    अमेरिका में कंसास स्थित पिट्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी के नेशनल इंस्टिट्यूट फार मटेरियल्स एडवांसमेंट और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के बीच हुए एमओयू के अंतर्गत दोनों विश्वविद्यालयों के शिक्षक एक-दूसरे संस्थान में शिक्षण के लिए आते-जाते रहते हैं।

    उसी सिलसिले में विद्यार्थियों को अवसरों की जानकारी देने पहुंचे पिट्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी में रिसर्च स्ट्रेटेजी एंड एडवांसमेंट के एसोसिएट वाइस प्रेसीडेंट प्रोफेसर डा. राम गुप्ता ने छात्रों और शोधार्थियों को बताया कि विश्वविद्यालय में शोध पूरी तरह अनुप्रयोग आधारित है।

    प्रमुख शोध क्षेत्रों में बायोपालिमर और नैनोमटेरियल्स शामिल हैं, जहां प्राकृतिक संसाधनों, विशेषकर वनस्पति तेलों से उन्नत सामग्री विकसित की जा रही है। इनका उपयोग आटोमोबाइल, कोटिंग्स और औद्योगिक उत्पादों में हो रहा है। बताया कि विश्वविद्यालय की शोध तकनीक को अग्रणी अमेरिकी पेट्रोकेमिकल कंपनी कारगिल को लाइसेंस किया गया है। इस तकनीक से बने उत्पाद वर्तमान में उत्तरी अमेरिका में व्यावसायिक रूप से उपयोग किए जा रहे हैं, जिनमें वाहनों के डैशबोर्ड जैसे उत्पाद शामिल हैं।

    प्रो. राम गुप्ता ने कहा कि फिजिक्स और मटेरियल साइंस विश्वविद्यालय की मजबूत शाखाएं हैं, जहां पाठ्यक्रम 50 प्रतिशत सैद्धांतिक और 50 प्रतिशत प्रायोगिक आधार पर संचालित किए जाते हैं। इससे छात्रों को उद्योग की जरूरतों के अनुरूप व्यावहारिक अनुभव मिलता है। छात्रों को उनकी रुचि के अनुसार शोध परियोजनाएं, आटोमोबाइल और बैटरी उद्योगों में इंटर्नशिप और सहयोगी शोध के अवसर भी प्रदान किए जाते हैं। अधिकांश शोध छात्रों को डिग्री पूरी होते ही रोजगार मिल जाता है।

    केमिस्ट्री के प्रोफेसर डा. राम गुप्ता ने पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी में व्याप्त पाठ्यक्रमों सहित वहां पढ़ने व प्रवेश की संभावनाओं के बारे में प्रश्न पूछ अपनी जिज्ञासाएं शांत की। इंटरएक्टिव सत्र में गुलफाम, सिमरन वर्मा, प्राणिक सिंह, दुर्वेश गौतम, रोहन चौधरी सहित कई छात्रों ने अपने करियर व हायर स्टडीज से जुड़े प्रश्न पूछे, जिनका डा. गुप्ता ने सहज एवं मार्गदर्शक उत्तर देते हुए स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम, फेलोशिप व अंतरराष्ट्रीय सहयोग से जुड़े अवसरों की जानकारी दी।

    सीसीएसयू के शोध निदेशक प्रो. बीरपाल सिंह ने कहा कि इस तरह के आयोजन छात्रों को वैश्विक स्तर पर रिसर्च, स्टूडेंट एक्सचेंज और हायर एजुकेशन के अवसरों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अंत में शोध छात्रा व डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी से वुमन साइंटिस्ट स्कालरशिप फार एप्लाइड साइंस पाने वाली प्रीति ने शोध प्रस्तुति दी।

    उन्होंने नैनो मटेरियल्स फार केमो बायोसेंसर्स पर शोध किया है। इसके तहत खाद्य सामग्री में हेवी मेटल्स खोजना शामिल है। संचालन कविता शर्मा ने किया। को- कन्वीनर व रिसर्च इंटरनेशनल कोआपरेशन के उप-निदेशक प्रो. जितेंद्र सिंह, प्रोफेसर संजीव शर्मा, प्रो. अनुज कुमार, डा. नीरज पंवार, डा. योगेंद्र गौतम, अनिल यादव उपस्थित रहे।