बच्चों के प्रश्नों को कल पर न टालें, प्रताड़ित न करें...यह न कहें कि उसे कुछ नहीं आता
Meerut News बीडीएस इंटरनेशनल स्कूल में विज्ञान प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) पर केंद्रित कार्यशाला में सीबीएसई के संयुक्त सचिव आरपी सिंह ने कहा शिक्षक स्कूल को दूसरा घर समझें। पठन-पाठन में रुचि बढ़ाएं। बच्चों की ओर से पूछे गए प्रश्नों को कल पर न टालें बल्कि उसी समय उनकी शंका का समाधान कर उत्तर दें। यदि किसी बच्चे को कुछ नहीं आता है तो उन्हें अधिक अभ्यास कराएं।

जागरण संवाददाता, मेरठ। बीडीएस इंटरनेशनल स्कूल में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) पर केंद्रित कार्यशाला में सीबीएसई के संयुक्त सचिव आरपी सिंह ने कहा, शिक्षक स्कूल को दूसरा घर समझें। पठन-पाठन में रुचि बढ़ाएं।
बच्चों की ओर से पूछे गए प्रश्नों को कल पर न टालें, बल्कि उसी समय उनकी शंका का समाधान कर उत्तर दें। यदि किसी बच्चे को कुछ नहीं आता है तो उन्हें अधिक अभ्यास कराएं। उन्हें प्रताड़ित न करें और यह न कहें कि उसे कुछ नहीं आता है। कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण विधियों और तकनीकों से अवगत कराना था, ताकि वे विद्यार्थियों को बदलती दुनिया के अनुरूप शिक्षा प्रदान कर सकें। आरपी सिंह ने कहा कि तकनीकी का महत्व शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों के लिए है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) का सदुपयोग कर शिक्षण को बेहतर बनाएं। शिक्षक और विद्यार्थी मिलकर नई तकनीकों को अपनाएं, ताकि शिक्षा का स्तर और ऊंचा हो सके। बच्चे ऊर्जा से भरपूर होते हैं, उन्हें पढ़ाई के साथ खेल, संगीत और कला से भी जोड़ना चाहिए, ताकि वे राष्ट्र निर्माता बन सकें। सीनियर एजुकेटर व ट्रेनर डा. मुक्ता शर्मा और अभिनव सिंघल ने कहा, विज्ञान नई खोजों का आधार है और बदलते समय के साथ शिक्षकों को भी नई तकनीक सीखना आवश्यक है। सीबीएसई के जिला समन्वयक सुधांशु शेखर ने बच्चों की समस्याओं और समाधान पर प्रकाश डाला। जिला समन्वयक सपना आहूजा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की महत्ता बताई। डीएवी ग्रुप की क्षेत्रीय निदेशक डा. अल्पना शर्मा ने विद्यार्थियों के योगदान को रेखांकित किया, जबकि मेरठ स्कूल्स सहोदय कांप्लेक्स के अध्यक्ष राहुल केसरवानी ने समय के साथ अपडेट रहने पर बल दिया। बीडीएस ग्रुप के निदेशक आकर्ष मोहन व प्रधानाचार्य डा. गोपाल दीक्षित ने अतिथियों का अभिनंदन किया। छात्राओं ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ विषय पर नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने विज्ञान की अवधारणाओं को सरल और प्रभावी तरीके से समझाते हुए शिक्षकों को नई तकनीकों से परिचित कराया।
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